Uttar Pradesh

StateCommission

A/854/2023

Asirvad Micro Finance Ltd. - Complainant(s)

Versus

Kuldeep Chauhan - Opp.Party(s)

Brijesh Kumar Kuldeep & Geeta Shakya

29 May 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/854/2023
( Date of Filing : 24 May 2023 )
(Arisen out of Order Dated 15/04/2023 in Case No. Complaint Case No. CC/62/2022 of District Baghpat)
 
1. Asirvad Micro Finance Ltd.
Ground Floor,Near H.D.F.C.Bank Sharanpur Delhi Road Bagpat,Dist.-Bagpat-250609,Through Branch Manager
...........Appellant(s)
Versus
1. Kuldeep Chauhan
R/o Purana Kashba Near Bageshwer Mandir Baghpat,Dist.-Baghpat
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 29 May 2023
Final Order / Judgement

( मौखिक )

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

अपील संख्‍या :854/2023

 

Asirvad Micro Finance Limited, Ground Floor, Near H.D.F.C Bank Saharanpur Delhi road Bagpat, District Bagpat-250609, through Branch Manager (Asirvad Gold Loan)& ors.

  •  

Kuldeep Chauhan Son of Sri Dharmpal Chauhan Resident of Purana Kashba Near Bageshwer Mandir Baghpat, District-Bagpat.

दिनांक : 29-05-2023

 

मा0 श्री सुशील कुमार,  सदस्‍य द्वारा उदघोषित निर्णय

     परिवाद संख्‍या-62/2022 कुलदीप चौहान बनाम शाखा प्रबन्‍धक (आर्शीवाद गोल्‍ड लोन) आर्शीवाद माइक्रो फाईनेंस लि0 व एक अन्‍य में जिला आयोग, बागपत द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांकित 15-04-2023 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गयी है।

     विद्धान जिला आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है :-

     ‘’परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि परिवादी से बकाया गोल्‍ड लोन की धनराशि एग्रीमेंट के अनुसार निर्धारित ब्‍याज दिनांक 12-09-2022 तक देय जमा कराकर उसका गोल्‍ड उसको वापस कर दें, दिनांक 12-09-2022 के बाद कोई ब्‍याज या दण्‍ड ब्‍याज परिवादी से वसूल नहीं करें। विपक्षीगण को यह भी निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी को 25,000/-रू0 मानसिक क्षति एवं परिवाद व्‍यय के रूप में 30 दिन के अंदर अदा करें। ऐसा न करने पर परिवादी को

 

 

 

-2-

अधिकार होगा, कि वह आयोग के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्‍तुत कर निर्णय का निष्‍पादन करा सके। ऐसी दशा में परिवादी उक्‍त 25,000/-रू0 की धनराशि पर निर्णय की तिथि से अदायगी की ति‍थि तक 06 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज भी पाने का अधिकारी होगा।‘’

     जिला आयोग के निर्णय एवं आदेश से क्षुब्‍ध होकर प्रस्‍तुत अपील परिवाद के विपक्षीगण की ओर से प्रस्‍तुत की गयी है।

     अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी द्वारा अपीलार्थी/विपक्षी बैंक में अपना सोना गिरवी रखकर 5,41,000/-रू0 का ऋण प्राप्‍त किया गया था। परिवादी  अपना समस्‍त लोन अदा करने तथा अपना सोना वापस लेने दिनांक 01 सितम्‍बर, 2022 को विपक्षी संख्‍या-1 के पास गया परन्‍तु विपक्षी संख्‍या-1 ने यह क‍हते हुए कि कुछ कागजी कार्यवाही करना है इसलिए दिनांक 05 सितम्‍बर, 2022 को आना। परिवादी इस तिथि को भी विपक्षी संख्‍या-1 के कार्यालय में गया। इस बीच विपक्षी  संख्‍या-1 द्वारा 01 सितम्‍बर, 2022  से 05 सितम्‍बर, 2022 तक का भी ब्‍याज रू0 511/-रू0 नगद जमा करा लिया गया। परिवादी ने 5,41,000/-रू0 नगद जमा करके अपना सोना लेने की बात कही परन्‍तु ऑन लाईन अथवा नगद किसी भी तरीके से धनराशि जमा करने से इंकार कर दिया गया। विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा पुन: दिनांक 12-09-2022 को धनराशि लेने से इंकार कर दिया गया। जिसकी शिकायत 112 नम्‍बर पर की गयी। पुलिस द्वारा मौके पर विपक्षी संख्‍या-1 से अनुरोध किया गया कि ऋण राशि प्राप्‍त कर परिवादी का सोना वापस लौटा दें, परन्‍तु विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा कहा गया कि हम नगद धनराशि जमा नहीं कर सकते हैं। टोल फ्री नम्‍बर पर शिकायत करने पर कोई समुचित कार्यवाही नहीं की गयी जिस कारण परिवादी तनावग्रस्‍त हो गया और

 

-3-

इसी बीच परिवादी को ऐक्‍सीडेंट भी हो गया। नोटिस का भी कोई जवाब नहीं दिया गया इस कारण यह परिवाद योजित किया गया है।

     विपक्षीगण की ओर से जवाबदावा दाखिल करते हुए परिवाद पत्र की धारा-1 व 4 ता 6 का कथन स्‍वीकार नहीं किया गया तथा परिवाद पत्र की धारा-2 ता 3 व 8 ता 9 का कथन आंशिक रूप से स्‍वीकार किया गया और कथन किया कि परिवादी द्वारा नियमानुसार सम्‍पूर्ण ऋण लोन का भुगतान नहीं किया गया है उनकी ओर से सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है। 

     अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री बृजेश कुमार एवं श्रीमती गीता शाक्‍य उपस्थित। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

     पीठ द्वारा अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍तागण को विस्‍तारपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का भली-भॉंति परिशीलन एवं परीक्षण किया गया। 

     अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि आर0बी0आई0 के दिशा-निर्देश के अनुपालन में नगद धनराशि प्राप्‍त नहीं की जा सकती है जब कि परिवादी नगद धनराशि देने पर आमादा था इसलिए ऋण राशि जमा कराकर सोना वापस नहीं किया गया। अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का यह तर्क विधि सम्‍मत है कि नगद धनराशि केवल एक सीमा तक प्राप्‍त की जा सकती है इसके बाद नगद धनराशि प्राप्‍त नहीं की जा सकती है अत: जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश इस सीमा तक परिवर्तित होने योग्‍य है कि आर0बी0आई0 के दिशा-निर्देश के अनुसार धनराशि जमा कराने पर परिवादी का सोना उसे वापस कर दिया जाए परन्‍तु चूंकि ऋण प्रदान करते समय परिवादी को इन तथ्‍यों से अवगत  नहीं कराया गया था इसलिए जिस दिन परिवादी धन लेकर बैंक में जमा करने और

 

-4-

अपना सोना वापस लेने के लिए बैंक में उपस्थित हुआ उस दिन के पश्‍चात से ब्‍याज वसूल न करने का आदेश विधिसम्‍मत है। किन्‍तु विद्धान जिला आयोग द्वारा द्वारा जो 25,000/-रू0 मानसिक क्षति एवं परिवाद व्‍यय के मद में अदा करने का आदेश विपक्षी को दिया गया है उसे वाद के तथ्‍यों और परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए उचित नहीं कहा गया सकता है और निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।  तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

        

आदेश

     अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश को इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि विपक्षी द्वारा आर0बी0आई0 के दिशा-निर्देश के अनुसार परिवादी से ऋण की धनराशि जमा कराते हुए परिवादी को उसके द्वारा जमा किया गया सोना उसे वापस लौटा दिया जावे। विपक्षी द्वारा परिवादी के पक्ष में कोई क्षतिपूर्ति देय नहीं होगी। जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का शेष भाग यथावत कायम रहेगा।

     अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

     उपभोक्‍ता सरंक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत अपील में जमा धनराशि (यदि कोई हो) तो मय अर्जित ब्‍याज सहित जिला आयोग को विधि अनुसार निस्‍तारण हेतु यथाशीघ्र प्रेषित की जावे।

      आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)      (राजेन्‍द्र सिंह)          (सुशील कुमार)

        अध्‍यक्ष                सदस्‍य                 सदस्‍य

 

प्रदीप मिश्रा, आशु0 कोर्ट नं0-1

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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