(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-750/2007
United India Insurance Co. Ltd.
Versus
Kshetriya Kissan Gramin Bank
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री वी0पी0 शर्मा, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित:- कोई नहीं
दिनांक :18.10.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- परिवाद संख्या-36/2005, क्षेत्रीय किसान ग्रामीण बैंक बनाम यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेंस कम्पनी लि0 में विद्वान जिला आयोग, मैनपुरी द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 01.02.2007 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
- जिला उपभोक्ता मंच ने परिवादी को देय राशि को देरी के कारण 12 प्रतिशत की दर से ब्याज अदा करने का आदेश पारित किया है, जिसका कुल योग 27,128/-रू0 होता है।
- परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ने अपनी संस्था में कार्यरत कर्मचारी का दीर्घकालीन ग्रुप जनता व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा प्राप्त करने के लिए 5,00,000/-रू0 विपक्षी बीमा कम्पनी के कार्यालय में जमा कराया। यह पॉलिसी दिनांक 25.08.2003 को ही समाप्त कर दी गयी और जमा राशि पर 12 प्रतिशत ब्याज के साथ विपक्षी द्वारा अदा की जानी थी, जिसका योग 1,17,131/-रू0 था।
- लिखित कथन मे स्वीकार किया गया कि परिवादी को अंकन 1,16,574/-रू0 दो चेक के माध्यम से प्राप्त कराया जा चुका है, औपचारिकता पूर्ण न करने के कारण विलम्ब कारित हुआ है, इसलिए कोई ब्याज देय नहीं है, परंतु जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा 09 प्रतिशत की दर से ब्याज देय माना गया।
- अपील के ज्ञापन तथा मौखिक तर्कों का सार यह है कि पॉलिसी दिनांक 25.08.2003 को समाप्त की गयी और दिनांक 28.07.2005 एवं 11.08.2005 केा चेक उपलब्ध करा दिये गये। इन 2 तिथि पर चेक उपलब्ध कराना निश्चित रूप से देरी की श्रेणी में आता है क्योंकि लगभग 2 वर्ष बाद यह धनराशि प्राप्त करायी गयी है, इसलिए इस राशि पर ब्याज देने का आदेश उचित है, परंतु ब्याज 09 प्रतिशत की दर से अत्यधिक उच्च दर से निर्धारित किया गया है, जिसे 06 प्रतिशत किया जाना उचित है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश में ब्याज की देयता 09 प्रतिशत के स्थान पर 06 प्रतिशत की जाती है। शेष निर्णय/आदेश पुष्ट किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2