Chhattisgarh

Koriya

CC/14/34

RAJENDRA PRASAD CHAKRADHARI - Complainant(s)

Versus

KSHETRIYA AUKAT C.M.P.F. - Opp.Party(s)

SHRI. K.D. SHARMA

09 Mar 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/14/34
 
1. RAJENDRA PRASAD CHAKRADHARI
RAMPUR BAIKUNTHPUR
KOREA
CHHATTISGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. KSHETRIYA AUKAT C.M.P.F.
SHAKTI NAGAR GUPTESHWER JABALPUR
JABALPUR
MADHYAPRADESH
2. DIVISINAL MANAGER S.E.C.L.
BAIKUNTHPUR
KOREA
CHHATTISGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. BIR SINGH SALAM PRESIDENT
 HON'BLE MR. VimalKant Gupta MEMBER
 HON'BLE MRS. Pushpa Jaiswal MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

आदेश
( आज दिनांक 09.03..2015 को पारित )
द्वाराः- विमलकांत गुप्ता

01.        परिवादी ने सेवा में कमी का अभिकथन करते हुये यह परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-12 के अंतर्गत परिवादी  को ऐच्छिक भविष्य निधि में जमा मूलधन रूपये 24,591/-                 (चैबीस हजार पांच सौ इन्याक्नबे रूपये) के साथ-साथ दिनांक 31.12.2012 से 12 प्रतिषत ब्याज एवं परिवादी को मानसिक क्षति के रूप में रूपये 20,000/- (बीस हजार रूपये) तथा वाद व्यय रूपये 10,000/-            (दस हजार रूपये)  विरोधी पक्षकारगण से पृथक-पृथक अथवा संयुक्त रूप से दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया है।

02.        परिवादी का मामला इस प्रकार है कि परिवादी विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 के कार्यालय में अधीक्षक के पद पर पदस्थ होकर सेवारत था जिसकी सेवा दिनांक 31/12/2012 को समाप्त होकर सेवा निवृति हो चुकी है। परिवादी केे सेवाकाल के दौरान उसके वेतन से भविष्य निधि व ऐच्छिक भविष्य निधि की राषि कटौती की जाकर विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 के कार्यालय में जमा होती थी। परिवादी का सी.एम.पी.एफ खाता          क्रं0-ए/4/83/303 जो कि विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 संधारण करता था और कथित कटौती राषि उसके उक्त खाते में जमा होती थी और परिवादी के वेतन से की कटौती की गई कथित राषि उसके सेवानिवृत्ति पष्चात् देय था। परिवादी के वेतन से प्रत्येक माह भविष्य निधि के मद में कटौती की  जाती थी। इसी प्रकार परिवादी के माह दिसम्बर 2012 के वेतन से ऐच्छिक
भविष्य निधि के मद में मु. 24,591/- रूपये कटौती की गई थी जो परिवादी के माह दिसम्बर 2012 के वेतन पर्ची से स्पष्ट है और विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 के द्वारा परिवादी को उसके सेवाकाल के दौरान भविष्य निधि के मद में हुये कटौती को मय ब्याज भुगतान कर दिया गया है किन्तु उसके वेतन से ऐच्छिक भविष्य निधि के मद में की गई कटौती का भुगतान नहीं किया गया है। जब कि परिवादी को ऐच्छिक भविष्य निधि में हुये कटौती जो कि विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 के कार्यालय में परिवादी के कथित             सी.एम.पी.एफ. खाता में जमा हुआ है, का भुगतान भी मय ब्याज करना था जिसे परिवादी प्राप्त करने का अधिकारी था।
          प्रिवादी कई बार विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 से अपने ऐच्छिक भविष्य निधि की कथित राषि का भुगतान करने का निवेदन किया किन्तु विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 द्वारा परिवादी को यह कहकर भुगतान नहीं किया गया कि उसके माह दिसम्बर के वेतन से ऐच्छिक भविष्य निधि के मद में कटौती की गई राषि को पी.एस.-5 के द्वारा माह दिसम्बर में ही विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 के कार्यालय में जमा कर दिया गया है। कथित जानकारी विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 के द्वारा दिनांक 05.12.14 के पत्र के द्वारा दी गई थी। ततपष्चात् परिवादी विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 को दिनांक 25.01.2014 के लिखित आवेदन पत्र पंजीकृत डाक द्वारा प्रस्तुत किया था । उक्त आवेदन के जवाब में विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 के द्वारा दिनांक         11.03.2014 के पत्र द्वारा परिवादी को अवगत कराया गया कि सेवा निवृत्ति के अंतिम माह का भविष्य निधि एवं ऐच्छिक भविष्य निधि का भुगतान कांलरी स्तर से ही किया जाता है। इस प्रकार विरोधी पक्षकारों ने ऐन-केन प्रकारेण परिवादी को प्राप्त कथित ऐच्छिक भविष्य निधि का भुगतान नहीं करना चाह रहे है। तत्पष्चात् परिवादी के द्वारा परेषान होकर अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक 5/6/14 को विरोधी पक्षकारों के पते पर पंजीकृत डाक
के माध्यम से वैधानिक सूचना पत्र दिनांक 07.06.14 को प्रेषित किया था किन्तु इसके बावजूद भी विरोधी पक्षकारगण के द्वारा परिवादी के कथित राषि का भुगतान नहीं किया गया जिससे परिवादी आर्थिक एवं मानसिक रूप से पीडि़त है। ऐसी स्थिति में विरोधी पक्षकार, परिवादी के कथित आथर््िाक एवं मानसिक क्षति के लिये उत्तरदायी है।
           विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 परिवादी के वेतन से कटौती कर विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 के कार्यालय में परिवादी के भविष्य निधि खाता संख्या ए/4/83/303 में कटौती राषि भेजी जाती थी और विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 अपने कार्यालय में संधारित परिवादी के कथित खाते में जमा राषि का अन्य मद में निवेष कर लाभांष अर्जित करता था और कथित रािष को परिवादी के सेवानिवृत्ति पष्चात् भुगतान करना था किन्तु ऐसा न कर विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 एवं 02 परिवादी को प्राप्त होने वाले सेवा में कमी किये है ऐसी स्थिति में विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 एवं 02 परिवादी को हुई क्षति के लिये पृथक-पृथक अथवा संयुक्त रूप से देनदार हैं।  अतः परिवादी ने यह परिवाद स्थानीय एवं आर्थिक क्षेत्राधिकार में होने से इस फोरम में प्रस्तुत किया है।

03.        विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 की ओर से अपने लिखित कथन में यह अभिकथित किया गया है कि परिवादी महाप्रबंधक कार्यालय एस.ई.सी.एल बैकुन्ठपुर में कार्यरत् था और परिवादी का भविष्य निधि खाता क्रमांक- ए/4/83/303 इस कार्यालय से संचालित होता था। परिवादी के दिनांक  31.12.2012 को सेवानिवृत्त होने के पष्चात् उनका रिफण्ड तथा पेंषन दावा इस कार्यालय को दिनांक 12.12.2012 को प्राप्त हुआ था जिसका निष्पादन दिनांक 20.12.12 को कर दिया गया है। सेवानिवृत्त प्रकरणों में नियमानुसार सेवानिवृत्ति से पूर्व माह / सेवा के अंतिम माह का भविष्य निधि एवं ऐच्छिक अंषदान कांलरी स्तर से ही भुगतान होना चाहिये।
          परिवादी का माह दिसम्बर 2012 का भविष्य निधि अंषदान का पैसा कंपनी ने वापस कर दिया है लेकिन ऐच्छिक अंषदान वापस नहीं किया है। इस तथ्य की जानकारी परिवादी को कंपनी तथा परिवादी के अधिवक्ता को भी इस कार्यालय द्वारा पूर्व में ही दिया जा चुका है कि यह भुगतान कंपनी से ही होगा। यदि कंपनी में गलती से परिवादी के ऐच्छिक अंषदान राषि का भुगतान सी.एम.पी.एफ. को                      (विरोधी पक्षकार क्रमांक-01) को कर दिया है तो भी उन्हें कंपनी स्तर पर भुगतान कर उस राषि का समायोजन भविष्य निधि के अगले अंषदान/  पी.एस.-5 से किया जा सकता है। इस भुगतान की अंततः जिम्मेदारी कंपनी की ही बनती है। उक्त तथ्यों के प्रकाष में उचित आदेष पारित करने का निवेदन किया गया है।

04.     विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 की ओर से आदेषिका प्राप्ति के पष्चात् उनके अधिवक्ता ने उपस्थित होकर अपना लिखित कथन पेष किया।  अपने लिखित कथन में उन्होंने यह अभिकथित किया है कि परिवादी सेवा निवृत्त शासकीय सेवक है जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-2 (1) (घ) (2) के तहत् उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है। अतः परिवादी ग्रेज्युटी या साधारण भविष्य निधि या सेवा निवृत्ति लाभों से संबंधित किसी भी विवाद को माननीय फोरम में नहीं उठा सकता है और परिवादी का यह परिवाद क्षेत्राधिकार/अधिकारिता के अभाव में इस फोरम में सुनवाई योग्य नहीं है।
         परिवादी के वेतन से सी.एम.पी.एफ. एवं व्ही.पी.एफ की राषि की कटौती दिसम्बर 2013 तक उसके वेतन से की गई थी जिसमें से उसे सी.एम.पी.एफ. राषि का भुगतान हो चुका है और व्ही.पी.एफ. की राषि परिवादी को भुगतान करने हेतु विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 के कार्यालय को अग्रेषित की जा चुकी है। जिसकी प्रतिलिपि परिवादी के द्वारा परिवाद के साथ प्रस्तुत की गई है इसके भुगतान के संबंध में विस्तृत जानकारी विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 के कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है क्यों कि यह राषि विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 के कार्यालय द्वारा देय है। विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 द्वारा कोई व्यवसायिक कदाचरण अथवा सेवा में कमी नहीं की गई है और विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 के विरूद्व परिवादी को कोई परिवाद का कारण भी उत्पन्न नहीं होता है और परिवादी विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 से कोई भी सहायता या अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है। अतः परिवादी की यह परिवाद विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 के विरूद्व सव्यय खारिज किये जाने का निवेदन किया गया है।  

05.        परिवादी की ओर से अपने परिवाद पत्र के समर्थन में राजेन्द्र प्रसाद चक्रधारी का शपथ-पत्र दिनांक 05.07.2014 एवं सूची अनुसार दस्तावेज क्रमांक- 01 से 06 प्रस्तुत किया गया है। वहीं विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 की ओर से अपना लिखित कथन एवं विरोधी क्रमांक-02 की ओर से अपना लिखित कथन तथा लिखित कथन के समर्थन में सत्यप्रकाष आ0 सूरजप्रकाष क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक एस.ई.सी.एल बैकुन्ठपुर क्षेत्र का शपथ-पत्र दिनांक 13.10.14 पेश किया गया है ।

06.        परिवादी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज क्रमांक -01 के रूप मंे विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 के कार्यालय में प्रस्तुत आवेदन पत्र दिनांक 4/12/2013 की छाया प्रति, दस्तावेज क्रमांक-02 विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 के कार्यालय से परिवादी को भेजा गया पत्र दिनांक 05.12.2013 की छाया प्रति, दस्तावेज क्रमांक-03 विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 को प्रेषित पत्र दिनांक 25.01.2014 की छाया प्रति, दस्तावेज क्रमांक-04 विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 द्वारा परिवादी को प्रेषित पत्र दिनांक 11.03.14 की छाया प्रति, दस्तावेज क्रमांक-05 परिवाद का माह दिसम्बर 2012 के वेतन का पर्ची एवं दस्तावेज क्रमांक-06 वैधानिक सूचना पत्र मय डाक रसीद प्रस्तुत किये गये हैं।  
 
07.      परिवादी के अधिवक्ता ने अपने तर्क में कहा है कि परिवादी दिनांक 31.12.12 को सेवा निवृत्त हो गया है और परिवादी के वेतन से माह दिसमबर में ऐच्छिक भविष्य निधि के मद में रूपये 24,591/- विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 के द्वारा कटौती की जाकर विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 के कार्यालय में परिवादी के सी.एम.पी.एफ खाता क्रमांक ए/4/83/303 में जमा कर दी गई है। जो कि परिवादी द्वारा बार-बार निवेदन किये जाने एवं अनेकों बार पत्राचार किये जाने के पष्चात् भी विरोधी पक्षकारगणों द्वारा परिवादी को भुगतान नहीं किया गया है जिससे परिवादी को काफी आर्थिक एवं मानसिक कष्ट हुआ है और विरोधी पक्षकारगणों का यह कृत्य सेवा में कमी की श्रेणी में आता है और विरोधी पक्षकारगणों ने परिवादी को परिवादी के माह दिम्बर 2012 के वेतन से ऐच्छिक भविष्य निधि राषि का भुगतान न कर सेवा में कमी की है।
 08.       विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 की ओर से पूर्व में उनके अधिवक्ता ने उप0 होकर विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 का लिखित कथन प्रस्तुत किया पष्चात् की तिथियों में विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 की ओर से कोई उप0 नहीं हुआ जिसे प्रकरण में एकपक्षीय सुनवाई की गई।  

09.        विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 की ओर से उनके अधिवक्ता ने यह तर्क प्रस्तुत किया कि सी.एम.पी.एफ. एवं व्ही.पी.एफ. की राषि की कटौती दिसम्बर 2013 तक परिवादी के वेतन से की गई थी। जिसमें से उसे        सी.एम.पी.एफ. की राषि का भुगतान हो चुका है और व्ही.पी.एफ. की राषि का परिवादी को भुगतान करने हेतु विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 के कार्यालय को अग्रेषित की जा चुकी है जिसकी प्रतिलिपि भी परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के साथ प्रस्तुत की है और इसके भुगतान के संबंध में विस्तृत जानकारी विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 के कार्यालय से परिवादी प्राप्त कर सकता है क्यों कि यह राषि विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 के कार्यालय द्वारा देय है। इस प्रकार विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 द्वारा परिवादी की सेवा में कोई कमी नहीं की गई है और परिवादी को विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 के विरूद्व भी कोई वाद कारण उत्पन्न नहीं होता है। इस संबंध में परिवादी ने क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक एस.ई.सी.एल बैकुन्ठपुर का शपथ-पत्र भी प्रस्तुत किया है जिनकी अंर्तवस्तुयें विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 के लिखित कथन के अनुरूप हैं।

10.        दस्तावेजों के परीषिलन से यह स्पष्ट होता है कि विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 ने परिवादी के सेवानिवृत्ति माह दिसम्बर 2012 के वेतन पर्ची में जो कि दस्तावेज क्रमांक-05 के रूप में परिवादी द्वारा छाया प्रति प्रस्तुत की गई है, वेतन से ऐच्छिक भविष्य निधि के मद में रूपये 24,591/- कटौती होना दर्षित होता है। इसी प्रकार विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 के द्वारा परिवादी को व्ही.पी.एफ. का पैसा वापस दिलाये जाने बावत् दस्तावेज क्रमांक-02 दिनांक 05.12.2013 के अवलोकन से भी स्पष्ट है कि विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 ने परिवादी के व्ही.पी.एफ. की राषि इसी माह के      पी.एस-5 के द्वारा सी.एम.पी.एफ.कार्यालय जबलपुर में (विरोधी पक्षकार क्रमांक-01) के कार्यालय में जमा कर दिया था।

11..        हमनें उभय पक्ष के विद्ववान अभिभाषकों के तर्क सुन लिया है और उनके द्वारा प्रस्तुत अभिलेखगत दस्तावेजों एवं शपथ-पत्र का परिशीलन भी कर लिया है और हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि परिवादी के व्ही.पी.एफ. की राषि रूपये 24,591/- का भुगतान हेतु विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 ने विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 के कार्यालय को सी.एम.पी.एफ. एवं व्ही.पी.एफ. की राषि की कटौती कर अग्रेषि कर दिया है जो कि दिसम्बर 2013 तक परिवादी के वेतन से की गई थी। जिसमें से परिवादी को उसके ऐच्छिक भविष्य निधि की राषि का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है। जिसके भुगतान की जिम्मेदारी अब विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 की है। जिसने परिवादी को उसके व्ही.पी.एफ. की राषि रूपये 24,591/- का भुगतान न कर निष्चित ही सेवा में कमी की है और विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 परिवादी की सेवा में कमी के दायित्वाधीन हैं और हम इस निष्कर्ष पर पहंुचते हैं कि परिवादी विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 के विरूद्व अपना परिवाद साबित करने में सफल रहा है।
12..      अतः यह आदेषित किया जाता है कि विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 परिवादी को उसके व्ही.पी.एफ. की राषि रूपये 24,591/- (चैबीस हजार पांच सौ इन्क्यान्बे रूपये ) भुगतान करने हेतु आदेष दिनांक से 45 दिनों के अंदर चेक द्वारा फोरम कार्यालय में राषि जमा करेंगे। मानसिक क्षति के मद में भी विरोधी पक्षकार क्रमांक-01 परिवादी को रूपये 2,000/- (दो हजार रूपये) एवं वाद व्यय हेतु रूपये 1,500/- (एक हजार पांच सौ रूपये) भी इस फोरम कार्यालय में 45 दिनों के अंदर जमा करेंगे। विहित अवधि के भीतर राषि जमा नहीं किये जाने पर 09 प्रतिषत वार्षिक की दर से ब्याज देय होगा।
13.        विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 के विरूद्व परिवादी अपना परिवाद साबित करने में असफल रहा है। अतः विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 को इस परिवाद से मुक्त किया जाता है। परिस्थिति विषेष के कारण विरोधी पक्षकार क्रमांक-02 अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेगा।
 
           तद्नुसार आदेश पारित किया गया।  

 

 
 
[HON'BLE MR. BIR SINGH SALAM]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. VimalKant Gupta]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Pushpa Jaiswal]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.