Anil Yadav filed a consumer case on 09 Jul 2024 against Krishna Kumar Yadav, Prabhari Nirikshak in the Kanpur Dehat Consumer Court. The case no is CC/50/2023 and the judgment uploaded on 09 Jul 2024.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।
अध्यासीन:- श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष
H.J.S.
श्री हरिश चन्द्र गौतम ...............................सदस्य
सुश्री कुमकुम सिंह .........................महिला सदस्य
उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 50/2023
परिवाद दाखिला तिथि :- 01.06.2023
निर्णय दिनांक:- 09.07.2024
(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
अनिल यादव उम्र लगभग 45 वर्ष वयस्क पुत्र धर्म सिंह निवासी ग्राम नवीपुर थाना अकबरपुर कानपुर देहात ।
..........................परिवादी
बनाम
1. कृष्ण कुमार यादव, प्रभारी उपनिरीक्षक, प्रवर्तन दल कानपुर देहात ।
2. सागर प्रसाद, अवर अभियन्ता, प्रवर्तन दल कानपुर देहात ।
.........................प्रतिवादी
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद परिवादी अनिल यादव की ओर से सशपथ पत्र, विपक्षीगण द्वारा प्रार्थी/ परिवादी के विरुद्ध जारी आर0सी0 मु0 5,29,548/- रुपये को निरस्त किये जाने एवं वाद व्यय मु0 10,000/- रुपया विपक्षीगण से दिलाये जाने हेतु दिनांक 01.06.2023 को संस्थित किया गया ।
संक्षेप में परिवादी का कथन है कि, परिवादी ग्राम नवीपुर थाना अकबरपुर कानपुर देहात का निवासी है । विपक्षीगण द्वारा प्रार्थी/ परिवादी के विरुद्ध झूठी रिपोर्ट अ0सं0 1056/ 2021 अन्तर्गत धारा 135(1)ए भारतीय विधुत अधि0 संशोधन 2003 एंटी पावर थेफ्ट थाना कानपुर देहात में दर्ज करायी थी । विपक्षीगण द्वारा दिनांक 29.07.2021 को जो वाणिज्य होटल चेक करने की बात गलत कही गयी है, वो होटल न होकर आवास था जिसमें होटल नहीं था बल्कि आवासीय निर्माण कार्य किया जा रहा है । विपक्षीगण द्वारा होटल दर्शाकर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है बल्कि उस स्थान पर प्रार्थी/ परिवादी का निर्माणाधीन आवासीय मकान था । उक्त आवासीय प्लॉट में समक्ष के0बी0सी0 लाइन है जिस पर कटिया नहीं डाली जा सकती है, जो भी एल0टी0 लाइन दिखाई है वह इंसुलेटेड वायर से युक्त है जिस पर किसी भी प्रकार से कटिया डालना सम्भव नहीं है । उक्त निरीक्षण के समय कोई जे0ई0 या लाइन मैन नहीं था, विपक्षीगण द्वारा झूठ दर्शाकर एन0टी0 लाइन से दो कोर काली केबिल जोड़ना कहा गया है, बिना शटडाउन लिये विपक्षीगण द्वारा कैसे कटिया हटायी गयी, इसका उल्लेख नहीं किया है जो पूरी कहानी को झूठ साबित करता है । विपक्षीगण द्वारा जो भी चेकिंग रिपोर्ट सं0 35/ 1965 भरी गयी है, वह झूठी व मनगढ़ंत है तथा घरेलू विधुत चोरी में भार 1068/ 6 दिखाया है जो बिना मीटर कैसे दिखाया । उस समय सोलर पैनल लगे थे, इस कारण विधुत कनेक्शन लिया हो तथा निर्माण कार्य किया वो अधूरा था । विपक्षीगण ने झूठा विधुत भार मनगढ़ंत कहानी गढ़कर प्रार्थी/ परिवादी को मानसिक रूप से पीड़ित किया है और उसे झूठा मुकदमे का भय दिखाया व गलत रुपयों की माँग की गयी और माँग पूरी न होने पर झूठा एफ0आई0आर0 लिखा दी गयी । निर्माणधीन मकान में उस समय तार / उपकरणों की फिटिंग चल रही थी जो कि सौर ऊर्जा पैनल/ जनरेटर द्वारा की जा रही थी, किसी प्रकार से विधुत का उपयोग प्रार्थी/ परिवादी नहीं कर रहा था । विपक्षीगण द्वारा झूठी रिपोर्ट के आधार पर प्रार्थी/ परिवादी के विरुद्ध 5,29,548/- रुपये की आर0सी0 जारी करा दी गयी जो गलत व निराधार है । विपक्षीगण द्वारा परिवादी को गलत तरीके से जारी आर0सी0 को निरस्त किया जाना आवश्यक है । परिवादी का परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाये ।
मुकदमा पंजीकृत होने के उपरान्त प्रतिवादीगण को जरिये रजिस्टर्ड डाक नोटिस प्रेषित किये गये । प्रतिवादीगण पर नोटिस का पर्याप्त तामीला होने के बावजूद भी विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया और न ही उनके द्वारा कोई जवाबदेही दाखिल की गयी । Track Consignment Report के आधार पर प्रतिवादीगण पर नोटिस का पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 27.09.2023 को प्रकरण एकपक्षीय साक्ष्य एवं सुनवाई हेतु अग्रसारित किया गया ।
परिवादी ने वाद-पत्र के समर्थन में दस्तावेजों की सूची से परिवादी अनिल कुमार के आधार कार्ड की छायाप्रति, परिवादी के विद्वान अधिवक्ता श्री रवि अग्निहोत्री द्वारा विपक्षीगण को प्रेषित पंजीकृत नोटिस दिनांकित 10.05.2023 की छायाप्रति मय मूल रजिस्ट्री सहित, एफ0आई0आर0 की छायाप्रति व आर0सी0 मु0 5,29,598/- रुपये दिनांकित 01.10.21 की छायाप्रति पत्रावली में दाखिल की है ।
परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी अनिल यादव द्वारा एकपक्षीय साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 28.11.2023 पत्रावली पर दाखिल किया गया है । इसके अतिरिक्त परिवादी के समर्थन में श्री दसरथ सिंह पुत्र लालता प्रसाद उम्र 46 वर्ष निवासी ग्राम नवीपुर नागिन जसी थाना अकबरपुर कानपुर देहात द्वारा एकपक्षीय साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 06.03.2024 पत्रावली पर दाखिल किया गया है ।
परिवादी की ओर से उनके विद्वान अधिवक्ता द्वारा एकपक्षीय लिखित बहस दिनांकित 15.05.2024 पत्रावली पर प्रस्तुत की गयी ।
मैंने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय मौखिक बहस सुनी तथा पत्रावली का परिशीलन किया ।
पत्रावली का परिशीलन किये जाने से विदित है कि प्रस्तुत मामले में परिवादी के विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या- 1056/ 2021 अन्तर्गत धारा 135(1)ए भारतीय विधुत अधि0 संशोधन 2003 एंटी पावर थेफ्ट थाना कानपुर देहात में प्रथम सूचना रिपोर्ट अभियुक्त का होटल नवीपुर, थाना अकबरपुर, कानपुर देहात दर्शाते हुये इस आशय की दर्ज करायी गयी कि दिनांक 29.07.2021 समय 17:40 बजे परिवादी अभियुक्त अनिल यादव पुत्र धर्म सिंह उम्र 42 वर्ष के वाणिज्यिक (होटल) परिसर को चेक करने पर पाया गया कि परिसर पर विधुत का चोरी से उपभोग नजदीकी एल0टी0 लाइन से दो कोर काली केबिल जोड़कर किया जा रहा है । मौके पर उपस्थित व्यक्ति से संयोजन सम्बन्धित प्रपत्र मांगने पर कोई प्रपत्र नहीं दिखा पाये । उक्त का यह कृत्य विधुत अधिनियम की धारा 135(1)बी के तहत शमनीय व दंडनीय अपराध है । मौके पर उपस्थित व्यक्ति को अपराध से अवगत कराकर विधुत चोरी में प्रयुक्त दो कोर काली केबिल को सुविधानुसार 05 हाथ कटवाकर चिटबंदी की गयी, जिसे प्रवर्तन दल कार्यालय में सुरक्षित रखवा दिया गया । मौके पर ही चेकिंग रिपोर्ट संख्या- 035/ 1695 भरी गयी एवं घरेलू विधा चोरी में प्रयुक्त भार 6816 वाट पाया गया ।
प्रस्तुत मामले में विधुत का उपभोग वाणिज्यिक विधा में किया जा रहा है, इस कारण परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019, की धारा 2(7)(1) के अन्तर्गत पोषणीय नहीं है क्योंकि परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है, जैसा कि The Consumer Protection Act, 2019 की धारा-2(7)(I) में निम्न प्रकार से परिभाषित किया है कि –
“Consumer” means any person who-
“Buys any goods for a consideration which has been paid or promised or partly paid and partly promised, or under any system of deferred payment and includes any user of such goods other than the person who buys such goods for consideration paid or promised or partly paid or partly promised, or under any system of deferred payment, when such use is made with the approval of such person, but does not include a person who obtains such goods for resale or for any commercial purpose”.
परिवादी की ओर से प्रस्तुत मामले में इस बात का भी कोई उल्लेख नहीं किया गया है कि उक्त विधुत चोरी के मुकदमा अपराध संख्या- 1056/ 2021 अन्तर्गत धारा 135(1)ए भारतीय विधुत अधि0 संशोधन 2003 में परिवादी के विरुद्ध विवेचना के उपरान्त क्या रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी ।
प्रस्तुत मामला वाणिज्यिक होने के कारण तथा परिवादी की ओर से प्रस्तुत अभिलेखों के आधार पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अन्तर्गत कार्यवाही किये जाने का कोई आधार नहीं है ।
अतएव विपक्षीगण के विरुद्ध सेवा में कमी का कोई मामला न पाते हुये परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध खारिज किया जाता है । उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करें ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात कानपुर देहात
प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात कानपुर देहात
दिनांक:- 09.07.2024
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