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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 117 सन् 2017
प्रस्तुति दिनांक 09.08.2017
निर्णय दिनांक 24.02.2021
एजाज अहमद पुत्र वकील अहमद ग्राम- पूरानजीर, पोस्ट- मुंडवर, परगना- माहुल, तहसील- फूलपुर, जनपद- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
- कृष्णा कोल्ड स्टोरेज अरन्द शाहगंज, जिला जौनपुर द्वारा- प्रबन्धक।
- प्रेमचन्द यादव (पी.सी. यादव) पुत्र रामसमुझ यादव, निवासी- ग्राम- डीहकैथौली, पोस्ट- दीदारगंज, परगना- माहुल, तहसील- फूलपुर, जिला- आजमगढ़ स्वामी कृष्णा कोल्ड स्टोरेज अरण्ड शाहगंज, जिला- जौनपुर।
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उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसने दिनांक 25.03.2015 को 74 बोरी अपना आलू तथा फत्तुहुल्ला का 7 बोरी आलू विपक्षी कोल्ड स्टोरेज में रखने के लिए दिया, जिसके लिए परिवादी ने विपक्षी का किराया मुo10,335/- रुपया दिया तथा 400/- रुपया पल्लेदारी का दिया। इस प्रकार परिवादी ने कुल 81 बोरी आलू विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज में रखा। विपक्षी ने यह लिखकर दिया कि दिनांक 15.11.2015 को उसे दे दिया जाएगा। दिनांक 15.11.2015 को परिवादी जब अपना आलू विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज से वापस लेने गया तो उन्होंने बताया कि उसे आलू बाद में दिया जाएगा। इस प्रकार विपक्षी परिवादी को दौड़ाता रहा और हैरान व परेशान करता रहा, लेकिन आलू नहीं दिया, जिससे परिवादी को काफी मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षति हुई है। उस समय आलू का रेट मुo 700/- रुप प्रति बोरा था। इस प्रकार परिवादी के आलू की कुल कीमत 56,700/- रुपया थी। परिवादी का नुकसान विपक्षी के सेवा की कमी के कारण हुआ। अतः परिवादी को 56,700/- रुपया 12% वार्षिक ब्याज की दर से दिलवाया जाए तथा मानसिक कष्ट के लिए 40,000/- रुपया भी दिलवाया जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 6 कृष्णा कोल्ड स्टोरेज द्वारा जारी किए गए रसीद की छायाप्रति है, जिसके अवलोकन से यह स्पष्ट
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हो रहा है कि परिवादी ने उसके कोल्डस्टोरेज में 81 बोरा आलू रखा था।
विपक्षीगण द्वारा कोई जवाबदावा प्रस्तुत नहीं किया गया है।
बहस के समय परिवादी उपस्थित तथा विपक्षी अनुपस्थित। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के पैरा 5 में यह कहा है कि उस समय आलू का रेट 700/- रुपए प्रति बोरा था और आलू की कुल कीमत 56,700/- रुपया थी और इस मूल्य का परिवादी को नुकसान हुआ है जो कि विपक्षी की सेवा में कमी थी। चूंकि विपक्षी द्वारा कोई भी अभिलेख अथवा जवाबदावा प्रस्तुत नहीं किया गया है। परिवादी ने जिस कोल्ट स्टोरेज में अपना आलू रखा था। वह जिला जौनपुर के क्षेत्राधिकार में स्थित था और जो वाद कारण पैदा हुआ वह जिला जौनपुर में ही उत्पन्न हुआ है। “धारा-11 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986” के अनुसार परिवाद ऐसे जिला पीठ में संस्थित किया जाएगा जिसकी अधिकारिता स्थानीय सीमाओं के भीतर- विरोधी पक्षकार या जहाँ एक से अधिक विरोधी पक्षकार हैं वहाँ विरोधी पक्षकारों में से हर एक परिवाद के संस्थित किए जाने के समय वास्तव में और स्वेच्छा से निवास कर रहा हो या कारोबार कर रहा हो या उसका शाखा कार्यालय हो या अभिलाभ के लिए स्वयं काम कर रहा हो अथवा वहाँ एक से अधिक विरोधी पक्षकार हैं वहाँ विरोधी पक्षकारों में से कोई भी विरोधी पक्षकार परिवाद के संस्थित किए जाने के समय वास्तव में और स्वेच्छा से निवास कर रहा हो या कारोबार कर रहा हो या उसका शाखा कार्यालय हो या अभिलाभ के लिए स्वयं काम कर रहा हो परन्तु यह तब जबकि ऐसी अवस्था में या तो जिला पीठ की इजाजत दे दी गयी हो या जो विरोधी पक्षकार पूर्वोक्त रूप में निवास नहीं करते या कारोबार नहीं करते या उसका शाखा कार्यालय नहीं हो या अभिलाभ के लिए स्वयं काम नहीं कर रहे हों, वे ऐसे संस्थित किए जाने के लिए उपमत हो गए हैं, अथवा वाद हेतु पूर्णतः या भागतः उत्पन्न हुआ हो। चूंकि परिवादी द्वारा कथित आलू जनपद जौनपुर में स्थित कोल्डस्टोरेज में रखा गया था और कोल्डस्टोरेज के मालिक व प्रबन्धक आजमगढ़ के ही रहने वाले हैं और वाद कारण जौनपुर में उत्पन्न हुआ। चूंकि कोल्डस्टोरेज के मालिक जनपद आजमगढ़ में रह रहे हैं अतः उनका कर्तव्य था कि वे परिवादी को हुई क्षति की क्षतिपूर्ति करते, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया है। अतः हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य पाया जाता है।
आदेश
परिवाद पत्र स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे अन्दर 30 दिन परिवादी को हुए नुकसान मुo 56,700/- रुपए (रुपए छप्पन हजार सात सौ मात्र) का भुगतान करें, जिस पर परिवाद दाखिल करने की तिथि से 09% वार्षिक ब्याज देने के लिए विपक्षीगण बाध्य होंगे।
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विपक्षीगण को यह भी आदेशित किया जाता है कि वे नियत समय के अन्दर ही परिवादी को मानसिक व शारीरिक कष्ट हेतु मुo 5,000/- रुपया (रुपए पांच हजार मात्र) भी अदा करें।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 24.02.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)