राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
अपील संख्या-2201/2014
(जिला उपभोक्ता फोरम, कोर्ट नं0 1 गाजियाबाद द्वारा परिवाद संख्या 374/2012 में पारित निर्णय दिनांक 23.09.2014 के विरूद्ध)
रिलायंस डिजीटल रिटेल लि0 प्रिजेन्टली नोन रिलायंस रिटेल लि0
द्वारा अथराईज्ड रिप्रिजेन्टेटिव शिप्रा माल शाम नं0 1,2,3,4 थर्ड
फ्लोर प्लाट नं0 9, वैभव खंड, इंदिरापुरम जिला गाजियाबाद।
.......अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम्
कृष्णपाल पुत्र श्री रघुवीर सिंह निवासी निस्तौली थाना साहिबाबाद
जिला गाजियाबाद। ......प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
2. मा0 श्री गोवर्धन यादव, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री प्रतुल श्रीवास्तव, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक 03.01.2020
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह अपील जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम कोर्ट नं0 1 गाजियाबाद द्वारा परिवाद संख्या 374/2012 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दि. 23.09.2014 के विरूद्ध योजित की गई है।
संक्षेप में तथ्य इस प्रकार है कि प्रत्यर्थी परिवादी के कथनानुसार परिवादी ने अपीलकर्ता से एक एल.सी.डी 22 इंच रू. 13200/- भुगतान करके क्रय किया। अपीलकर्ता द्वारा आश्वासन दिया गया कि परिवादी अपने घर का पूरा पता व फोन नम्बर दे दे, अपीलकर्ता का इंजीनियर परिवादी के घर पर शाम तक स्थापित कर देगा। अपीलकर्ता के आश्वासन पर परिवादी ने अपीलकर्ता के कैश काउन्टर पर रू. 13200/- का नगद भुगतान किया। अपीलकर्ता द्वारा परिवादी को एक बिल रसीद कम्प्यूटराईज भी दी गई तथा दो पेपरों पर हस्ताक्षर कराए गए। परिवादी बिल लेकर अपने घर खाली हाथ
-2-
लौट आया, शाम तक प्रतीक्षा करता रहा, किंतु अपीलकर्ता द्वारा एल.सी.डी. नहीं भेजा गया। परिवादी ने अपीलकर्ता के दिए गए फोन नम्बर पर फोन किया तो अपीलकर्ता द्वारा कहा गया कि गोदाम नोएडा में है वहां से गाड़ी निकल चुकी है आपके घर पहुंच जाएगा, किंतु कई दिन बीत जाने एवं अपीलकर्ता को बार-बार फोन करने के उपरांत कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया। अपीलकर्ता द्वारा परिवादी से पैसा लेने के बावजूद एल.सी.डी. नहीं दिया गया और न ही पैसा वापस किया गया। अंत में अपीलकर्ता द्वारा परिवादी को उसकी रकम देने तथा टी.वी. देने से इंकार कर दिया। परिवादी ने रजिस्ट्री नोटिस भी भिजवाया, किंतु परिवादी को टी.वी. नहीं दिया गया और न ही पैसा वापस किया गया, अत: रू. 13200/- मय ब्याज भुगतान हेतु परिवाद जिला मंच में योजित किया गया।
अपीलकर्ता द्वारा प्रतिवाद पत्र जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। अपीलकर्ता के कथनानुसार परिवादी स्वच्छ हाथों से जिला मंच में नहीं आया। दि. 19.07.12 को परिवादी ने सैमसंग 22 इंच एल.सी.डी क्रय किया, इस बावत रू. 13200/- का भुगतान किया गया। परिवादी से उसका पता लिया गया तथा दि. 20.07.12 को एल.सी.डी. उनके पते पर भेजा गया। दि. 20.07.12 को उक्त एल.सी.डी. की डिलीवरी दे दी गई थी। परिवादी को बता दिया गया था कि उक्त ब्रान्ड के इंजीनियर परिवादी के एल.सी.डी. को परिवादी के घर पर स्थापित करके उसकी कार्यविधि समझा देंगे। उक्त एल.सी.डी. लगाने जब इंजीनियर परिवादी के घर गए तो उसमें किटबैंग नहीं था, जिसके पूछे जाने पर परिवादी ने अपनी अनभिज्ञता बताई, जिस पर उक्त इंजीनियर ने उक्त एल.सी.डी. को लगाने को कहा तो परिवादी द्वारा गलत नीयत से इसे लगवाने से मना कर दिया गया। जब इंजीनियर
-3-
परिवादी के घर एल.सी.डी. लगाने के लिए किटबैग लेकर गया तो परिवादी ने एल.सी.डी. की डिलीवरी लेने से ही इंकार कर दिया।
जिला मंच ने प्रश्नगत निर्णय द्वारा परिवाद स्वीकार करते हुए अपीलकर्ता रिलायंस डिजिटल रिटेल लि0 को आदेशित किया कि वह एक माह के अंदर परिवादी को सैमसंग का एल.सी.डी. 22 इंच उपलब्ध कराए अथवा रू. 13200/- की धनराशि 9 प्रतिशत ब्याज सहित परिवादी को वापस करे। क्षतिपूर्ति के रूप में रू. 5000/- तथा वाद व्यय के रूप में रू. 1000/- कुल रू. 6000/- भी उपरोक्त निर्धारित अवधि में भुगतान किए जाने हेतु निर्देशित किया तथा यह भी निर्देशित किया कि इस अवधि के बाद इस धनराशि पर 6 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी देय होगा। इस निर्णय से क्षुब्ध होकर यह अपील योजित की गई।
हमने अपीलकर्ता के विद्वान अधिवक्ता श्री प्रतुल श्रीवास्तव के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
प्रस्तुत प्रकरण में प्रत्यर्थी परिवादी द्वारा अपीलकर्ता से दि. 19.07.12 को एल.सी.डी. क्रय किया जाना तथा इस क्रय के संदर्भ में अपीलकर्ता द्वारा परिवादी से इस एल.सी.डी. का कुल मूल्य रू. 13200/- प्राप्त किया जाना निर्विवाद है। प्रत्यर्थी परिवादी के कथनानुसार उक्त एल.सी.डी. की डिलीवरी परिवादी को प्राप्त नहीं कराई गई, जबकि अपीलकर्ता के कथनानुसार उक्त एल.सी.डी. की डिलीवरी परिवादी के निवास स्थान पर कराई गई, किंतु किटबैग नहीं था, जिससे परिवादी ने एल.सी.डी लगवाने से मना कर दिया। उक्त इंजीनियर पुन: किटबैग लेकर परिवादी के घर गया, किंतु परिवादी ने एल.सी.डी. की डिलीवरी से इंकार कर दिया।
-4-
प्रस्तुत प्रकरण के संदर्भ में मुख्य विचारणीय बिन्दु यह है कि क्या प्रत्यर्थी परिवादी को क्रय किया गया प्रश्नगत एल.सी.डी. उसके निवास स्थान पर स्थापित किए जाने हेतु लाया गया तथा क्या स्वयं प्रत्यर्थी परिवादी ने प्रश्नगत एल.सी.डी. की डिलीवरी लेने से मना कर दिया।
अपीलकर्ता द्वारा जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत प्रतिवाद पत्र की प्रति अपीलकर्ता द्वारा प्रस्तुत की गई है। प्रतिवाद पत्र के अभिकथनों में अपीलकर्ता द्वारा यह स्पष्ट रूप से अभिकथित नहीं किया गया कि कौन व्यक्ति प्रत्यर्थी परिवादी के निवास स्थान पर प्रश्नगत एल.सी.डी. की डिलीवरी प्राप्त कराने हेतु गया था। यदि कोई इंजीनियर परिवादी के निवास स्थान पर प्रश्गनत एल.सी.डी. की डिलीवरी हेतु गया होता तथा परिवादी द्वारा डिलीवरी प्राप्त करने से इंकार किया गया होता तो स्वाभाविक रूप से इस तथ्य का उल्लेख उक्त व्यक्ति द्वारा डिलीवरी चालान में उल्लेख करके अपीलकर्ता अथवा संबंधित कंपनी को वापस किया जाता, किंतु ऐसा कोई अभिलेख अपीलकर्ता द्वारा जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया। जिला मंच के समक्ष मुकेश शर्मा नाम के एक व्यक्ति का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। इस शपथपत्र के अवलोकन से यह विदित होता है कि स्वयं मुकेश शर्मा द्वारा प्रश्नगत एल.सी.डी. की डिलीवरी परिवादी को नहीं कराई गई। मुकेश शर्मा द्वारा शपथपत्र इस आशय का प्रस्तुत किया गया है कि उन्होंने प्रश्गनत एल.सी.डी. की डिलीवरी कराने का प्रबंध किया, किंतु यह तथ्य उल्लिखित नहीं है कि स्वयं उनके द्वारा डिलीवरी परिवादी को प्राप्त कराने का प्रयास किया गया अथवा किसी अन्य नामित व्यक्ति द्वारा डिलीवरी प्राप्त कराने का प्रयास किया गया एवं परिवादी द्वारा डिलीवरी लेने से इंकार किया गया। परिवादी के निवास स्थान पर प्रश्नगत एल.सी.डी.
-5-
डिलीवरी हेतु प्रस्तुत किए जाने तथा परिवादी द्वारा डिलीवरी लेने से इंकार किए जाने के संबंध में अपीलकर्ता द्वारा कोई विश्वसनीय साक्ष्य जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत नहीं की गई है, अत: अपीलकर्ता का यह कथन स्वीकार किए जाने योग्य नहीं माना जा सकता कि प्रत्यर्थी परिवादी के निवास स्थान पर प्रश्नगत एल.सी.डी. डिलीवरी हेतु लाया गया तथा स्वयं परिवादी द्वारा उसकी डिलीवरी लेने से इंकार किया गया। प्रश्नगत निर्णय द्वारा जिला मंच में अपीलकर्ता द्वारा प्रत्यर्थी परिवादी को सैमसंग एल.सी.डी. 22 इंच उपलब्ध कराने हेतु आदेशित किया है तथा विकल्प में रू. 13200/- एल.सी.डी. का मूल्य 9 प्रतिशत ब्याज सहित वापस दिलाए जाने हेतु आदेशित किया है एवं क्षतिपूर्ति के रूप में रू. 5000/- भी दिलाए जाने हेतु आदेशित किया है।
उल्लेखनीय है कि प्रश्नगत एल.सी.डी. दि. 19.07.12 को क्रय किया जाना बताया गया है। लगभग साढ़े 7 वर्ष का समय व्यतीत हो चुका है, अभी तक परिवादी को प्रश्नगत एल.सी.डी. उपलब्ध नहीं कराया गया। इतनी अवधि बीत जाने के उपरांत परिवादी को उक्त एल.सी.डी. को उपलब्ध कराए जाने हेतु निर्देशित किए जाने का अब कोई औचित्य नहीं होगा। उचित यह होगा कि उक्त एल.सी.डी. का मूल्य 9 प्रतिशत ब्याज सहित दिलाए जाने हेतु आदेशित किया जाए। ब्याज सहित मूल्य की अदायगी निर्देशित किए जाने के बाद क्षतिपूर्ति के रूप में अतिरिक्त धनराशि दिलाए जाने का भी कोई औचित्य नहीं है, अत: जिला मंच द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय संशोधित किए जाने योग्य है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है।
-6-
आदेश
प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। अपीलकर्ता को निर्देशित किया जाता है कि निर्णय की प्रति प्राप्त किए जाने की तिथि से एक माह के अंदर प्रत्यर्थी परिवादी को रू. 13200/- तथा इस धनराशि पर परिवाद योजित किए जाने की तिथि से संपूर्ण धनराशि की अदायगी तक 9 प्रतिशत ब्याज परिवादी को भुगतान करें। इसके अतिरिक्त अपीलकर्ता को यह भी निर्देशित किया जाता है कि रू. 1000/- वाद व्यय के रूप में उपरोक्त निर्धारित अवधि में प्रत्यर्थी परिवादी को भुगतान करे। क्षतिपूर्ति के रूप में रू. 5000/- की अदायगी हेतु पारित आदेश अपास्त किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना अपीलीय वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
निर्णय की प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्ध कराई जाए।
(उदय शंकर अवस्थी) (गोवर्धन यादव) पीठासीन सदस्य सदस्य
राकेश, पी0ए0-2
कोर्ट-2