Uttar Pradesh

StateCommission

A/2557/2015

Bajaj Finance Ltd - Complainant(s)

Versus

Krishan Pal Singh - Opp.Party(s)

Neeraj Kumar

28 Sep 2018

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2557/2015
( Date of Filing : 14 Dec 2015 )
(Arisen out of Order Dated 05/10/2015 in Case No. C/38/2012 of District Hardoi)
 
1. Bajaj Finance Ltd
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Krishan Pal Singh
Hardoi
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 28 Sep 2018
Final Order / Judgement

 

सुरक्षित

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ

 

(जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, हरदोई द्वारा परिवाद संख्‍या 38 सन 2012 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 05.10.2015  के विरूद्ध)

 

अपील संख्‍या 2557 सन 2015

बजाज फाइनंस लि0 4, राणा प्रताप मार्ग, द्वितीय तल, शालीमार लाजिक्‍स, लखनऊ ।

                                           .......अपीलार्थी/प्रत्‍यर्थी

-बनाम-

 

1.     कृष्‍ण पाल सिंह 173, न्‍यूसिविल लाइन्‍स, हरदोई।

2.     मै0 बंसल मोटर्स जेल रोड, हरदोई ।

. .........प्रत्‍यर्थी/परिवादी

 

 

समक्ष:-

मा0   श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन  सदस्‍य।

मा0    श्री गोवर्धन यादव, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  -  श्री नीरज कुमार के सहयोगी श्री

                                    हरीशंकर ।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  -  कोई नहीं ।

 

दिनांक:-

 

श्री गोवर्धन यादव, सदस्‍य   द्वारा उद्घोषित

निर्णय

 

      प्रस्‍तुत अपील, जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, हरदोई द्वारा परिवाद संख्‍या 38 सन 2012 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 05.10.2015  के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है ।

      संक्षेप में, प्रकरण के आवश्‍यक तथ्‍य इस प्रकार हैं दिनांक 21.01.2007 को परिवादी कृष्‍ण पाल सिंह ने  प्रत्‍यर्थी बंसल मोटर्स, जेल रोड हरदोई से एक पल्‍सर मोटर साइकिल संख्‍या यू0पी0 30 जे-1655 क्रय की जिसकी कीमत मु0 56,193.00 रू0 थी । मोटरसाइकिल खरीदते समय उसके पास 52193.00 रू0 थे और 4000.00 रू0 कम पड़ रहे थे इसलिए प्रत्‍यर्थी के कहने पर उसने 4000.00 रू0 बजाज आटो फाइनेंस से फाइनेंस करवा लिए और बैंक आफ बडौदा हरदोई की 20 फोलियो वाली चेक बुक क्रमांक 286661 से क्रमांक 286680 तक की हस्‍ताक्षर करके फाइनेंसर को दे दी जिसके तहत 200.00 रू0 की 20 मासिक कटौती होनी थी । परिवादी/प्रत्‍यर्थी का कहना है कि उसने कई बार अदेयता प्रमाणपत्र की मांग की जो उसे नहीं दिया गया, अत: परिवादी ने  इस याचना के साथ जिला मंच में परिवाद दाखिल किया कि फाइनेंस की धनराशि मु0 4000.00 रू0 पर देय ब्‍याज सहित समस्‍त ऋण उससे प्राप्‍त करके उसके पक्ष में अदेयता प्रमाण पत्र जारी किया गया तथा उसकी 20 फोलियो वाली चेकबुक  तथा क्षतिपूर्ति उसे वापस दिलवाई जाए ।

      जिला मंच के समक्ष विपक्षीगण उपस्थित नहीं आए अत: जिला मंच ने एक पक्षीय निर्णय पारित करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया :-

      '' परिवादी का परिवाद एक पक्षीय रूप से सव्‍यय स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्‍या 2 को आदेशित किया जाता है कि निर्णय की तिथि से एक माह के भीतर परिवादी को फाइनेंस की धनराशि मु0 4000.00 रू0 तथा उस देय ब्‍याज सहित समस्‍त ऋण की धनराशि प्राप्‍त करके परिवादी के पक्ष में अदयेता प्रमाण पत्र जारी करे तथा परिवादी द्वारा हस्‍ताक्षरित 20 फोलियो वाली चेक बुक क्रमांक 286661 से 286680  (बैंक आफ बडौदा हरदोई) को मूल रूप में परिवादी को वापस कर दे। परिवादी मानसिक पीड़ा हेतु मु0 3000.00 रू0 तथा वाद व्‍यय के रूप में मु0 2000.00 विपक्षी संख्‍या 2 से प्राप्‍त करने का अधिकारी है।  ''

      उक्‍त आदेश से क्षुब्‍ध होकर प्रस्‍तुत अपील बजाज फाइनेंस लि0 द्वारा प्रस्‍तुत की गयी है।

अपील के आधारों में कहा गया है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा 57804.00 रू0 का प्रश्‍नगत वाहन क्रय किया गया था तथा उसमें 4281.00 रू0 की एसेसरीज  लगवाई गयी थी और उसके द्वारा कुल 62,085.00 रू0 में में से केवल 24,670.00 रू0 जमा किए गए थे तथा शेष धनराशि की अदायगी हेतु फाइनेंस का रजिस्‍टर्ड एग्रीमेंट हुआ था जिसके संबंध में उसके द्वारा चेक बुक उपलब्‍ध कराई गयी थी लेकिन परिवादी के खाते में धनराशि न होने के कारण सभी चेकें अनादरित हो गयी। इस प्रकार परिवादी ने असत्‍य तथ्‍यों पर जिला मंच के समक्ष परिवाद दाखिल किया तथा जिला मंच ने सम्‍पूर्ण तथ्‍यों को संज्ञान में लिए बिना प्रश्‍नगत निर्णय पारित किया गया है जो अपास्‍त किए जाने योग्‍य है।

      हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क विस्‍तारपूर्वक सुने एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍यों का सम्‍यक अवलोकन किया।

      बहस हेतु प्रत्‍यर्थी की ओर से पर्याप्‍त तामीली के बावजूद कोई उपस्थित नहीं हुआ।

      पत्रावली के अवलोकन से स्‍पष्‍ट होता है कि परिवादी ने इस आशय का परिवाद जिला मंच के समक्ष प्रस्‍तुत किया था कि  दिनांक 21.01.2007 को परिवादी ने विपक्षी के प्रतिष्‍ठान से एक पल्‍सर मोटर साइकिल संख्‍या यू0पी0 30 जे-1655 क्रय की जिसकी कीमत मु0 56,193.00 रू0 थी । मोटरसाइकिल खरीदते समय उसके पास 52193.00 रू0 थे और 4000.00 रू0 कम पड़ रहे थे इसलिए प्रत्‍यर्थी के कहने पर उसने 4000.00 रू0 बजाज आटो फाइनेंस से फाइनेंस करवा लिया और बैंक आफ बडौदा हरदोई की 20 फोलियो वाली चेक बुक हस्‍ताक्षर कर करके दे फाइनेंसर को दे दी जिसके तहत 200.00 रू0 की 20 मासिक कटौती होनी थी जिसके संबंध में उसे 4000.00 रू0 की फाइनेंस का प्रमाणपत्र उसे उपलब्‍ध करा दिया। लेकिन उसे  अदेयता प्रमाणपत्र नहीं दिया गया ।  जबकि अपीलार्थी की ओर से इस आशय की अपील प्रस्‍तुत की गयी है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा 57804.00 रू0 का प्रश्‍नगत वाहन क्रय किया गया था तथा उसमें 4281.00 रू0 की एसेसरीज  लगवाई गयी थी और उसके द्वारा कुल 62,085.00 रू0 में में से केवल 24,670.00 रू0 जमा किए गए थे तथा शेष  37415.00 रू0 मय ब्‍याज के फाइनेंस का रजिस्‍टर्ड एग्रीमेंट हुआ था जिसके संबंध में उसके द्वारा चेक बुक 20 चेक उपलब्‍ध कराई गयी थी लेकिन परिवादी के खाते में धनराशि न होने के कारण सभी चेक अनादरित हो गए।

      पत्रावली पर अपीलार्थी द्वारा बैंक स्‍टेटमेंट की प्रति दाखिल की  गयी है जिससे स्‍पष्‍ट है कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी द्वारा उपलबध कराए गए सभी चेक बैंक में दाखिल करने पर खाते में अपर्याप्‍त धनराशि होने के कारण चेक अनादरित हो गए।

जिला मंच के निर्णय से स्‍पष्‍ट है कि अपीलकर्ता के विरूद्ध एकपक्षीय आदेश पारित किया गया है एवं प्रश्‍नगत परिवाद का निस्‍तारण करते समय समस्‍त विधिक तथ्‍यों का सम्‍यक अवलोकन किए बिना ही विपक्षी/अपीलार्थी के विरूद्ध प्रश्‍नगत निर्णय पारित किया है।

केस के तथ्‍यों एवं परिस्थितियों के अनुसार Audi alteram partem के सिद्धांत के अनुसार न्‍याय हित में अपीलार्थी को सुना जाना आवश्‍यक है, अत: प्रकरण जिला मंच को प्रतिप्रेषित किए जाने योग्‍य है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

आदेश

      प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है तथा जिला मंच का निर्णय/आदेश दि. 05.10.2015  निरस्‍त किया जाता है। प्रकरण जिला मंच को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि उभय पक्षों को साक्ष्‍य प्रस्‍तुत करने का अवसर प्रदान करते हुए गुणदोष के आधार पर परिवाद का प्राथमिकता से निस्‍तारण करना सुनिश्चित करें। अपीलकर्ता जिला मंच के समक्ष दिनांक 20.12.2018 को उपस्थित हों।

                                         

 

(उदय शंकर अवस्‍थी)                         (गोवर्धन यादव)

  पीठासीन सदस्‍य                                                             सदस्‍य

    कोर्ट-2

 (S.K.Srivastav,PA)

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER

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