(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2017/2008
Bank of India & other Versus Sri Krishna Kumar Tandon
दिनांक : 25.09.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-568/2007, श्रीकृष्ण कुमार टण्डन बनाम बैंक आफ इण्डिया व अन्य में विद्वान जिला आयोग, कानपुर नगर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 29.09.2008 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री ओ0पी0 दुवेल एवं प्रत्यर्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री आर0के0 मिश्रा को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। जिला उपभोक्ता आयोग ने ऋण राशि की अदायगी के पश्चात मूल कागजात वापस लौटाने का आदेश पारित किया गया है।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि तत्समय मूल दस्तावेज प्राप्त नहीं किये जाते थे, अपितु प्रमाणिक प्रतिलिपि प्राप्त करने पर ऋण स्वीकार कर लिया जाता था। इस तर्क के समर्थन में बैंक द्वारा 7 जुलाई 1998 को जनरल मैनेजर हैड आफिस की ओर से लिखे गये एक पत्र की प्रति की ओर इस पीठ का ध्यान आकृष्ट किया है। इस पत्र के अवलोकन से ज्ञात होता है कि दिनांक 07.01.1993 को लिखे गये पत्र में यह अंकित किया गया है साम्याभिलेख के लिए स्वामित्व से संबंधित प्रलेख का प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है एवं Original Tital Deed का पेश होना भी आवश्यक है। इस पत्र में आज्ञात्मक व्यवस्था दी गयी है कि मूल दस्तावेज प्राप्त किये जाएं। अत: इस पत्र का कोई लाभ अपीलार्थी को प्राप्त नहीं होता, बल्कि यह अपीलार्थी के विरूद्ध जाता है।
आदेश
प्रस्तुत अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2