Uttar Pradesh

StateCommission

A/2002/2644

Kanpur Development Authority - Complainant(s)

Versus

Kripa Nidhan Agrahari - Opp.Party(s)

Piyush Mani Tripathi

27 Sep 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2002/2644
( Date of Filing : 25 Oct 2002 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Kanpur Development Authority
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Kripa Nidhan Agrahari
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 27 Sep 2023
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-2644/2002

कानपुर डेवलपमेंट अथारिटी

बनाम

कृपा निधान अग्रहरि (मृतक)

श्रीमती रोशनी गुप्‍ता व अन्‍य

(प्रतिस्‍थापित विधिक उत्‍तराधिकारीगण)

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री पियूष मणि त्रिपाठी, विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री एस0पी0 पाण्‍डेय, विद्धान अधिवक्‍ता

दिनांक :27.09.2023 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        परिवाद संख्‍या-152/2000, कृपा निधान अग्रहरि बनाम कानपुर विकास प्राधिकरण में विद्वान जिला आयोग, कानपुर नगर द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 01.07.2002 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारोंके विद्धान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

2.        पत्रावली के अवलोकन से ज्ञात होता है कि परिवादी को भूमि सं0 387 ए. छोटी जूही कानपुर नगर, जो विपक्षी द्वारा मलिन बस्‍ती घोषित की गयी, पर लम्‍बे समय से अध्‍यासीन है तथा कब्‍जेदार को बस्‍ती आवंटित किया जाना था। जिसका मूल्‍य 71,180/-रू0 बताया गया। परिवादी ने दिनांक 04.02.1993 को 500/-रू0 जमा कराये थे, परंतु इसके पश्‍चात कोई जानकारी नहीं दी गयी और दिनांक 31.03.1999 को 12 प्रतिशत ब्‍याज के साथ एक साथ अंकन 1,23,853/-रू0 20 पैसे की मांग की गयी, जबकि परिवादी को केवल 71,180/-रू0 जमा करना था और इस धनराशि की मांग कभी भी नहीं की गयी इसलिए परिवादी इस राशि पर ब्‍याज अदा करने के लिए उत्‍तरदायी नहीं है। इसी अनुतोष के साथ उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत किया गया, जो जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा स्‍वीकार किया गया।  

3.         अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि परिवादी ने समय पर धनराशि जमा नहीं की, इसलिए वे ब्‍याज अदा करने के लिए उत्‍तरदायी है, परंतु पत्रावली पर ऐसा कोई दस्‍तावेज मौजूद नहीं है, जिसके अवलोकन से यह तथ्‍य स्‍थापित हो सके कि प्राधिकरण द्वारा 71,180/-रू0 की मांग की गयी, चूंकि मांग पत्र साबित नहीं है, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि स्‍वयं परिवादी द्वारा आशयपूर्वक समय पर देय धनराशि का भुगतान नहीं किया है। अत: जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश विधिसम्‍मत है।

 

आदेश

           अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।

          उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

         

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

   संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट-3

 

 

 

 

 

         

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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