Rajasthan

Dungarpur

cc/35/2015

Rajesh Kalal - Complainant(s)

Versus

Kothari Electronics - Opp.Party(s)

Nagin Patel

13 Jan 2016

ORDER

जिला उपभोक्ता, विवाद प्रतितोश मंच, डूंगरपुर (राज.)

 पीठासीन अधिकारी:       श्री कन्हैयालाल जोगी     ः    अध्यक्ष 
                श्रीमती अनुभा षर्मा        ः    सदस्य
                
परिवाद  संख्या 35/2015 

श्री राजेष कलाल पिता कुबेर कलाल जाति कलाल, निवासी कुषाल मगरी, तहसील व जिला डूंगरपुर (राज.)                                                                    - परिवादी
बनाम्

01    गौरव कोठारी प्रोपाईटर, श्री कोठारी इलेक्ट्रोनिक्स एल.एम.बिल्डिंग 
        अपोजिट न्यू सब्जी मण्डी, डूंगरपुर                                         
02    सेमसंग इण्डिया इलेक्ट्रोनिक्स प्रा.लि.द्वितीय फ्लोर, टावर सी    विपुल टेक (स्क्वायर) सेन्टर 43 गोल्फ कोर्स रोड़, गुड़गांव हरियाणा 122002
        
                                             - विपक्षीगण
    
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम
’’’’’
उपस्थित    ः     अधिवक्ता श्री नगीन पटेल, परिवादी की ओर से 
        विपक्षी संख्या-1 स्वयं उपस्थित 
        अधिवक्ता श्री ऋशि दवे, विपक्षी संख्या-2 की ओर से 

            ःः निर्णय:ः     दिनांक:- 13.1.2016
                                   
    परिवादी ने यह परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 12 के अन्तर्गत पेष किया जिसके संक्षिप्त सारांष इस प्रकार है कि परिवादी ने धरेलु आवष्यकता हेतु फ्रिज विपक्षी सं.1 से रू. 25,800/- अदा कर दिनांक 07.03.2015 को खरीदा जो सेमसंग डबल डोर का था। यह कि फ्रिज लेने के 15 दिन के भीतर ही डोर खोलने के बाद, बंद करने पर आवाज आना शुरू हो गयी और साथ ही कम्प्रेषर में भी जोर की आवाज आना षुरू हो गया। इसके बाद परिवादी ने विपक्षी संख्या-1 को इसकी जानकारी दी जिस पर विपक्षी संख्या-1 से कारीगर आया और देख के चला गया लेकिन स्थिति वैसी की वैसी ही बनी रही इसके उपरान्त परिवादी द्वारा कस्टमर केयर सेमसंग-180030008282 पर बात दिनांक 06.05.15 को एवं 09.05.15 को की गयी जिसके कम्प्लेन नम्बर 8173099023 है जिस पर ब्रांच मेनेजर आया तथा उसने देखा और फ्रिज बदलवा देते है कह कर चला गया इसके उपरान्त भी न ही फ्रिज ठीक किया और न ही फ्रिज बदला गया। यह कि फ्रिज वारण्टी अवधि में है। परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता है और विपक्षीगण ने अपनी सेवायें नही निभाई है सेवादोष किया। अंत में परिवादी ने परिवाद पेष कर  विपक्षीगण से फ्रिज बदलवाने, मानसिक वैदना स्वरूप रूपया 5000/- एवं परिवाद व्यय 2000/- रूपया दिलाये जाने की प्रार्थना की है।

     परिवाद पेष होने पर दर्ज रजिस्टर कर विपक्षीगण को नोटिस जारी किया गया । विपक्षी सं. 1 द्वारा लिखित जवाब प्रस्तुत नही किया विपक्षी सं. दो की ओर से जवाब पेष कर प्रारम्भिक आपत्ति में अंकित किया कि परिवादी का परिवाद पत्र आधारहीन एवं गुणविहीन है और बिना किसी उचित कारण के प्रस्तुत किया गया है। प्रस्तुत परिवाद वर्तमान उपभोक्ता संरक्षण मंच के क्षेत्राधिकार से बाहर है परिवाद मंच के समक्ष पोशणीय नहीं है। अतः खारिज किये जाने योग्य है। परिवादी द्वारा रेफ्रिजेटर में आ रही खराबी की षिकायत दर्ज करायी गयी तो मिन अप्रार्थी के कुषल इंजिनियर द्वारा उक्त रेफ्रिजेटर चैक किया गया तो पाया गया कि पर्याप्त मात्रा में बिजली नहीं मिलने के कारण उक्त समस्या उत्पन्न हो रही है तथा इसके लिये मिन अप्रार्थी को दोशी नहीं ठहराया जा सकता । वर्तमान संदर्भ में यदि परिवादी द्वारा अप्रार्थी के सर्विस सेंटर (सेवा सहायता केन्द्र) से सत्य तथ्यों के आधार पर सम्पर्क किया जाता तो अवष्य ही प्रष्नाधीन समस्या का समाधान किया जाता परन्तु परिवादी ने यह परिवाद दुर्भावनावष प्रस्तुत किया है। परवादी द्वारा बिना यह स्थापित किये कि किस प्रकार से क्षति हुई है और परिवादी ने क्षति का मूल्यांकन किस आधार पर किया है, परिवादी के कथन मात्र पर भरोसा/विष्वास नहीं किया जा सकता है। परिवादी द्वारा दुर्भावनावष अप्रार्थी से अनुचित लाभ कमाने के उद्देष्य से किया गया है इस प्रकार परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद न्यायसंगत नहीं। आगे मदवार जवाब में अंकित किया कि पैरा संख्या 1 में वर्णित कथन अभिलेख की विशय वस्तु है। पैरा संख्या 2 जानकारी के अभाव में अस्वीकार है। पैरा सं. 3 में विपक्षी सं. 2 परिवादी के रेफ्रीजेटर में होरही उक्त समस्याओं को चेक करनेपर पाया कि पर्याप्त मात्रा में बिजली नहीं मिलने के कारण रेफ्रिजेटर में समस्या हो रही थी । विपक्षी द्वारा उक्त  रेफ्रीजेटर को बदलने के लिये आष्वासन नही दिया है। पैरा सं. 4 व 5 में वर्णित कथन गलत एवं तुच्छ होने से अस्वीकार है। पैरा सं. 6 में वर्णित कथन जिस तरह तहरीर व तकमील किये गये है गलत होने से अस्वीकार है। परिवाद की पैरा सं. 7 में वर्णित कथन अभिलेख की विशय वस्तु है। पैरा सं. 8 में वर्णित अनुतोश की मद 1 से 3 गलत होने से अस्वीकार है। अंत में विपक्षी संख्या 2 ने परिवादी का परिवाद पत्र मय हर्जे खर्चे खारिज करने का निवेदन किया ।  
परिवादी की ओर परिवाद के समर्थन में साक्ष्य के रूप में स्वयं का षपथ पत्र एवं दस्तावेज साक्ष्य के रूप में बील दिनांक 07.03.15 राषि 25,800/- की फोटोप्रति, कम्प्लेन  नं., वारण्टी कार्ड की षर्ते की फोटोप्रतियां प्रस्तुत की । 
विपक्षीगण की ओर से जवाब के समर्थन में साक्ष्य के रूप में अनिन्दया बोस, उप प्रबंधक, अधिकृत प्रतिनिधि सेमसंग इण्डिया इले. प्रा.लि., नई दिल्ली षपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य के रूप मे वेट इनवाईस बील दिनांक 07.03.15 राषि 25800/- वारण्टी कार्ड की षर्ते की फोटोप्रतियां  पेष की ।  
बहस उभयपक्ष सुनी गई । पत्रावली का ध्यानपुर्वक अवलोकन किया ।
उभयपक्षोें के अभिवचनों संे स्वीकृत तथ्य है कि दिनांक 7.3.15 को परिवादी ने राषि 25800/- रू0 अदाकर विपक्षी सं. 1 से विवादित फ्रिज  क्रय किया 
परिवादी के अनुसार फ्रिज क्रय किए जाने के 15 दिन की अवधि में खराब हो गया। इस सम्बन्ध में विपक्षी कम्पनी को षिकायत नं. 8173099023 से षिकायत दर्ज की। विपक्षी कम्पनी ने परिवादी के इस तथ्य को स्वीकार किया है और कम्पनी के कुषल इन्जीनियर द्वारा रेफ्रीजिरेटर को चैेक किया एवं पाया कि विवादित फ्रिज में पर्याप्त मात्रा मेेेें बिजली नहीे मिलने से समस्या उत्पन्न हो गई। षर्तो के अनुसार विवादित फ्रिज को दुरस्त करने के लिए बाध्य है, अतः हमारे विनम्र मत में परिवादी विवादित रेफ्रीजिरेटर को वारण्टी षर्तो के अनुसार अपनी संतुश्टी अनुसार दुरस्त करवानें का अधिकारी है। विपक्षी कम्पनी को विवादित फ्रिज के त्रुटिपूर्ण होने की षिकायत होने के बावजुद भी षिकायत का निराकरण न करना अपनेआप में सेवादोश प्रमाणित होता है। इसलिए विपक्षी के सेवादोश के फलस्वरूप परिवादी को मानसिक, आर्थिक क्षति के रूप में बतोर क्षतिपूर्ति राषि 5000/- विपक्षी से दिलाए जाना न्यायोचित है। 
                    आदेष 

अतः परिवादी का यह परिवाद विरूद्ध विपक्षीगण के स्वीकार किया जाता है एवं विपक्षीगण को आदेष दिया जाता है कि वे परिवादी के विवादित रेफ्रीजिरेटर को वारण्टी षर्तो के अनुसार एवं परिवादी की   संतुश्टी अनुसार 15 दिवस की अवधी में  दुरस्त करें। विपक्षी कम्पनी को विवादित फ्रिज के त्रुटिपूर्ण होने की षिकायत होने के बावजुद भी षिकायत का निराकरण न करने से हुए सेवादोश के फलस्वरूप परिवादी को मानसिक, आर्थिक क्षति के रूप में बतोर क्षतिपूर्ति राषि 5000/- भी अदा करें। साथ ही परिवाद व्यय राषि रू0 2000/- भी अदा करें।
     
 उक्त सकल राषि का एकाउण्ट पेयी चेक/डी.डी. परिवादी के पक्ष में बनवाकर उसके रिहायषी पते पर निर्णिय की तिथि से एक माह की अवधि में प्रेशित करें। 

    (श्रीमती अनुभा षर्मा)                         (श्रीकन्हैयालाल जोगी)       सदस्य                                      अध्यक्ष

उक्त आदेष आज दिनांक 13.01.2016 को हमारे हस्ताक्षर एवं मंच की मुद्रा के बाद सुनाया गया । 

 

(श्रीमती अनुभा षर्मा)                             (श्रीकन्हैयालाल जोगी)       सदस्य                                      अध्यक्ष

 

 

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