(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या : 288 /2017
(जिला उपभोक्ता फोरम, रायबरेली द्वारा परिवाद संख्या-67/2015 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 27-09-2016 के विरूद्ध)
कोटक महिन्द्रा बैंक शाखा लखनऊ-5/27, विशाल खण्ड प्रथम तल, गोमती नगर, निकट मनोज पाण्डेय चौराहा लखनऊ द्वारा शाखा प्रबन्धक। .....अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1
बनाम्
- देवी सागर सिंह पुत्र शिव लखन सिंह।
- जय प्रकाश सिंह पुत्र शिव लखन सिंह।
- राकेश सिंह पुत्र शिव लखन सिंह।
- मुन्ना सिंह पुत्र शिवलखन सिंह ।
- सतीश सिंह पुत्र शिवलखन सिंह।
- शिवपती सिंह पत्नी श्री शिवलखन सिंह निवासीगण ग्राम नोनार पोस्ट-परैयानमकसार तहसील सलोन जिला रायबरेली।
-
- अनिल ट्रैक्टर्स ब्लाक के समाने मुख्य रोड कस्बा सलोन जिला रायबरेली द्वारा स्वामी/प्रबन्धक।
...प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-2
उपस्थिति :
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- श्री संतोष कुमार सिंह।
प्रत्यर्थी-1 व 6 की ओर से उपस्थित- श्री एस0 के0 वर्मा।
अपील संख्या : 296 /2018
- देवी सागर सिंह पुत्र शिव लखन सिंह।
- जय प्रकाश सिंह पुत्र शिव लखन सिंह।
- राकेश सिंह पुत्र शिव लखन सिंह।
-
- मुन्ना सिंह पुत्र शिवलखन सिंह ।
- सतीश सिंह पुत्र शिवलखन सिंह।
- शिवपती सिंह पत्नी श्री शिवलखन सिंह निवासीगण ग्राम नोनार पोस्ट-परैयानमकसार तहसील सलोन जिला रायबरेली।
- कोटक महिन्द्रा बैंक शाखा लखनऊ-5/27, विशाल खण्ड प्रथम तल, गोमती नगर, निकट मनोज पाण्डेय चौराहा लखनऊ द्वारा शाखा प्रबन्धक।
- अनिल ट्रैक्टर्स ब्लाक के समाने मुख्य रोड कस्बा सलोन जिला रायबरेली द्वारा स्वामी/प्रबन्धक।
- चोलामण्डलम एम0एस0 जनरल इंश्योरंस कम्पनी लि0, ब्रांच आफिस-4 मेरी गोल्ड, शाहनजफरोड, लखनऊ, यू0पी0-226001
समक्ष :-
1- मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष ।
उपस्थिति :
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- श्री संजय कुमार वर्मा।
प्रत्यर्थी सं0-1 की ओर से उपस्थित- श्री संतोष कुमार सिंह।
प्रत्यर्थी संख्या-3 की ओर से उपस्थित- श्री महेन्द्र कुमार मिश्रा।
दिनांक : 26-09-2019
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित निर्णय
परिवाद संख्या-67/2015 देवी सागर सिंह व 05 अन्य बनाम् कोटक महिन्द्रा बैंक व एक अन्य में जिला उपभोक्ता फोरम, रायबरेली द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 27-09-2016 के विरूद्ध उपरोक्त अपील संख्या-296/2018 परिवादीगण देवी सागर सिंह व पॉंच अन्य की ओर से और उपरोक्त अपील संख्या-288/2017 परिवाद के विपक्षी
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संख्या-1 कोटक महिन्द्रा बैंक की ओर से धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
जिला फोरम ने आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा परिवाद अंशत: स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है :-
‘परिवादीगण का परिवाद अंशत: स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या-1 को आदेशित किया जाता है कि वे ट्रैक्टर पंजीकरण संख्या-यू0पी0-33-ए.एफ./2701 जिसके मूल ऋणी व बीमित शिव लखन सिंह थे उनकी मृत्यु के फलस्वरूप अवशेष ऋण की धनराशि बीमाकर्ता कम्पनी विपक्षी संख्या-1 (ऋणदाता कम्पनी) को प्रदान करके परिवादीगण को दो माह में अदेयता प्रमाण पत्र निगम करें तथा ट्रैक्टर पंजीकरण संख्या-यू0पी0-33-ए.एफ./2701 को विपक्षी संख्या-1 ऋण दाता कम्पनी किसी भी प्रकार से कब्जे में न ले। परिवादीगण विपक्षी संख्या-1 से रू0 2000/- की क्षतिपूर्ति तथा रू0 500/- वाद व्यय भी पाने के अधिकारी है। विपक्षी संख्या-1 यह धनराशि भी परिवादीगण को दो माह के अन्तर्गत अदा करें। दो माह में क्षतिपूर्ति तथा वाद व्यय अदा न करने पर परिवादी क्षतिपूर्ति तथा वाद व्यय की कुल धनराशि रू0 2500/- पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि दिनांक 24-07-2015 से अदायगी की तिथि तक आठ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज प्राप्त करने की अधिकारी होगी।‘’
दोनों अपीलों में परिवादीगण की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री एस0 के0 वर्मा और विपक्षी संख्या-1 की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री संतोष कुमार सिंह उपस्थित आए है। दोनों अपीलों में परिवाद के विपक्षी संख्या-2 अनिल ट्रैक्टर्स की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है।
अपील संख्या-296/2018 में चोलामण्डलम को प्रत्यर्थी संख्या-3 बनाया गया है जबकि परिवाद में चोलामण्डलम पक्षकार नहीं है।
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अपील संख्या-296/2018 में प्रत्यर्थी संख्या-3 की ओर से विद्धान अधिवकता श्री महेन्द्र कुमार मिश्रा उपस्थित आए है।
मैंने उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना है आौर आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
जिला फोरम ने आक्षेपित आदेश के द्वारा आदेशित किया है कि बीमा कम्पनी विपक्षी संख्या-1 ऋणदाता कम्पनी कोटक महिन्द्रा बैंक को मृतक ट्रैक्टर स्वामी एवं बीमित शिवलखन सिंह को ऋण की बीमित धनराशि प्रदान करें और ऋणदाता विपक्षी सं0-1 दो माह के अदंर अदेयता प्रमाण पत्र परिवादीगण को जारी करें, जबकि बीमा कम्पनी परिवाद में पक्षकार नहीं है। अत: बीमा कम्पनी के विरूद्ध जिला फोरम द्वारा पारित आदेश विधि विरूद्ध है। बीमा कम्पनी को पक्षकार बनाये बिना और सुनवाई और साक्ष्य का अवसर दिये बिना बीमा कम्पनी के विरूद्ध आदेश पारित किया जाना गंभीर प्रक्रियात्मक त्रुटि है और विधि के विरूद्ध है।
उभयपक्ष जिला फोरम के निर्णय से असंतुष्ट हैं। अत: सम्पूर्ण तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के उपरान्त यह उचित प्रतीत होता है कि परिवादीगण एवं विपक्षी संख्या-1 दोनों की ओर से प्रस्तुत उपरोक्त दोनों अपीलें स्वीकार करते हुए जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश अपास्त किया जाये तथा पत्रावली जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित की जाये कि अपीलार्थी/परिवादीगण द्वारा जिला फोरम के समक्ष संबंधित बीमा कम्पनी को पक्षकार बनाने हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किये जाने पर जिला फोरम उस पर विधि के अनुसार आदेश पारित करे और उसके बाद विधि के अनुसार परिवाद की अग्रिम कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए पुन: विधि के अनुसार निर्णय और आदेश पारित करे।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर दोनों अपीलें स्वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय व आदेश को अपास्त करते हुए पत्रावली जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित की
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जाती है कि जिला फोरम परिवादीगण को परिवाद में बीमा कम्पनी को पक्षकार बनाने हेतु आवेदन पत्र देने का अवसर देकर आवेदन पत्र पर विधि के अनुसार आदेश पारित करें और उसके बाद विधि के अनुसार अग्रिम कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए पुन: विधि के अनुसार निर्णय व आदेश पारित करे।
जिला फोरम के समक्ष परिवाद में बीमा कम्पनी को पक्षकार बनाये जाने पर संबंधित बीमा कम्पनी को लिखित कथन प्रस्तुत करने का अवसर दिया जायेगा और उसके बाद उभयपक्ष को साक्ष्य और सुनवाई का अवसर देकर पुन: विधि के अनुसार निर्णय और आदेश पारित किया जायेगा।
उभयपक्ष जिला फोरम के समक्ष 13-11-2019 को उपस्थित हो।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
प्रदीप मिश्रा, आशु0 कोर्ट नं0-1