Final Order / Judgement | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - परिवादी ने इस परिवाद के माध्यम से यह उपशम मांगा है कि विपक्षी सं0-1 व 2 उन्हें ट्रक की क्षतिपूर्ति हेतु 12,00,000/-रूपया दिलाया जाऐ तथा परिवादीगण ने मृतक बाबू के ऋण से मुक्त किया जाय। परिवादीगण ने विपक्षी सं0-1 व 2 से क्षतिपूर्ति की मद में 1,50,000/- यपया तथा परिवाद वयय की मद में 50,000/- रूपया अतिरिक्त मांगे हैं।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी सं0-1 व 2 के पत्र तथा परिवादी सं0-3 के पति बाबू पुत्र जफीर थे उन्होंने दिनांक 6/8/2012 को विपक्षी सं0-1 से हायर परचेज एग्रीमेंट के तहत 10,07,500/-रूपया में एक ट्रक फाइनेन्स कराया, ट्रक 2012 मॉडल था। इसका रजिस्ट्रेशन नं0- एच0आर0 55 क्यू0 /9468 था। दिनांक 3/8/2012 से 2/8/2013 तक की अवधि हेतु विपक्षी सं0-2 से बीमित था। विपक्षी सं0-3 ट्रक का गारन्टर है। दुर्भाग्यवश दिनांक 13/06/2013 को बिना कोई नोटिस दिऐ और बिना विधिक प्रक्रिया अपनाऐ विपक्षी सं0-1 ने उक्त ट्रक को अपने कब्जे में ले लिया इस कृत्य में विपक्षी सं0-2 भी हमसाज थे। विपक्षी सं0-1 ने केवल एक पत्र जिस पर कोई तारीख नहीं थी, स्वर्गीय बाबू के नाम भेजा था। विपक्षी सं0-1 ने बिना विधिक प्रक्रिया अपनाऐ उक्त ट्रक को बेच दिया। परिवादीगण को किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं दी गई कि ट्रक दुर्घटनाग्रस्त था अथवा कितने रूपयों में ट्रक बिका। विपक्षी सं0-2 ने परिवादीगण को दुर्घटनाग्रस्त ट्रक के सम्बन्ध में कोई क्षतिपूर्ति भी नहीं दी। विपक्षी सं0-3 को प्रासंगिक विपक्षी बनाया गया है। परिवादीगण ने यह अभिकथित करते हुऐ कि विपक्षी सं0-1 व 2 के कृत्य सेवाओं में कमी के अतिरिक्त दोषपूर्ण व्यापार प्रथा के अन्तर्गत आते हैं, परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवाद के साथ परिवादीगण ने विपक्षी सं0-1 से प्राप्त दुर्घटनाग्रस्त ट्रक की हाईपोथीगेशन डिटेल, ट्रक की आर0सी0, बीमा सर्टिफिकेट, ट्रक के गारन्टर जररार हुसैन की गाड़ी की आर0सी0, विपक्षी सं0-1 की ओर से परिवादी सं0-1 व 2 के पत्र, बाबू को भेजे गऐ डिमांड नोटिस, थाना बदलापुर जिला जौनपुर की दिनांक 13/6/2013 की जी0डी0 की नकल और परिवादी सं0-1 व 2 द्वारा निष्पादित मुख्तारेखास को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/4 लगायत 3/11 हैं।
- विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-15/1 लगायत 15/3 दाखिल हुआ जिसमें हायर परचेज गारन्टी के तहत ट्रक सं0-एच0आर0 55 क्यू0 /9468 खरीदने हेतु परिवादी सं0-1 व 2 के पुत्र बाबू को 10,07,500/-रूपया का फाईनेन्स किया जाना, इस फाईनेन्स हेतु विपक्षी सं0-3 का गारन्टर होना तो स्वीकार किया गया है, किन्तु शेष परिवाद कथनों से इन्कार किया गया। विशेष कथनों में कहा गया कि ऋणी बाबू ऋण की किश्तें नियमित रूप से अदा नहीं कर रहा था अत: अनुबन्ध की शर्तों के अनुसार विपक्षी सं0-1 ने ट्रक अपने कब्जे में ले लिया। ट्रक को कब्जे में लेने से पूर्व उत्तरदाता विपक्षी सं0-1 ने लोन रिकाल नोटिस दिनांकित 30/7/2013 बाबू को भेजा था जिसके माध्यम से ऋण की समस्त अदायगी रूपऐ अंकन 10,09,080/- की मांग उत्तरदाता विपक्षी ने की थी। दिनांक 13/09/2013 को ट्रक को कब्जे में लेने से पूर्व उत्तरदाता विपक्षी ने पुलिस चौकी दलपतपुर में उक्त आशय की सूचना दे दी थी। दिनांक 16/09/2013 को ऋणी बाबू को इस आशय का नोटिस भेजा गया था कि यदि ऋण की शेष धनराशि वह अदा नहीं करता तो उसका ट्रक विक्रय कर दिया जायेगा। समय-समय पर ऋणी बाबू को स्टेटमेंट ऑफ एकाउन्ट और विभिन्न नोटिस प्रेषित किऐ गऐ। मौखिक रूप से उसे ऋण की अदायगी हेतु सूचित किया गया, किन्तु उसने ऋण की अदायगी नहीं की। उत्तरदाता विपक्षी सं0-1 की ओर से यह कहते हुऐ कि उसने सेवा प्रदान करने में कोई कमी नहीं की, परिवाद खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई। प्रतिवाद पत्र के साथ लोन रिकाल नोटिस, पुलिस चौकी दलपतपुर में दी गई सूचना तथा ट्रक बेचने से पूर्व ऋणी बाबू को भेजे गऐ नोटिस की नकलों को बतौर संलग्नक दाखिल किया गया है, यह संलग्नक पत्रावली के कागज सं0-15/4 लगायत 15/6 हैं।
(श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
06.09.2016 06.09.2016 06.09.2016 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 06.09.2016 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
06.09.2016 06.09.2016 06.09.2016 | |