जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण अजमेर
डा.योगेष चन्द्र षर्मा पुत्र स्व. श्री जयदेव ष्षर्मा, जाति-ब्राह्मण, निवासी- 140/11, न्यू सुभाष नगर, अजमेर ।
प्रार्थी
बनाम
1. प्रबन्धक, कोटक लाइफ इन्ष्योेरेंस, कोटक टाॅवर, गोरेगांव, मलाड ईस्ट, मुम्बई- 400097
2. प्रबन्धक, कोटक लाइफ इन्ष्योेरेंस, आन्न्दिया काॅम्पलेक्स, विषाला मेगामार्क के आगे,जयपुर रोड, अजमेर।
अप्रार्थी
परिवाद संख्या 60/2014
समक्ष
1. गौतम प्रकाष षर्मा अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
उपस्थिति
1.श्री रमेष आचार्य, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री नितिष राज धवन, अधिवक्ता अप्रार्थीगण
मंच द्वारा :ः- आदेष:ः- दिनांकः- 06.07.2015
1. परिवाद के तथ्योंनुसार प्रार्थी के पास जून, 2013 में अप्रार्थी संख्या 1 के यहां से उसके मोबाईल पर एक काॅल परिवाद में वर्णित पाॅलिसी के संबंध में आया । अतः प्रार्थी ने ऐसी पाॅलिसी प्राप्त करने हेतु अप्रार्थी संख्या 1 को रू. 21,500/- की राषि का चैक संख्या 081251 का भेजा एवं अप्रार्थीगण ने प्रार्थी के पक्ष में बीमा पाॅलिसी संख्या 2769389 जारी की किन्तु अप्रार्थीगण द्वारा प्रार्थी को न तो पाॅलिसी बाॅण्ड भेजा और ना ही जो बोनस अप्रार्थीगण द्वारा बतलाया वह भी नहीं दिया । अतः प्रार्थी ने अप्रार्थी संख्या 1 को पत्र द्वारा सूचित किया कि उसे कोई भी पाॅलिसी बाण्ड प्राप्त नहीं हुआ है । अतः अब वह पाॅलिसी कराने का इच्छुक नहीं है इसलिए इस पाॅलिसी को बन्द कर उसके द्वारा दी गई राषि रू. 21500/- का भुगतान तुरन्त करें । अप्रार्थी संख्या 1 ने दिनांक 31.12.2013 को जवाब दिया कि उसे यदि पाॅलिसी कराने के 15 दिवस तक पाॅलिसी दस्तावेज प्राप्त नहीं होते है तो प्रार्थी उस पाॅलिसी को निरस्त करा सकता है तथा प्रार्थी का यह भी अवगत कराया कि किसी मन्जू ष्षर्मा को उसकी पाॅलिसी के दस्तावेज डिलीवरी कर दिए गए है । इस संबंध में प्रार्थी का कथन रहा है कि उसके घर परिवार में कोई महिला मन्जू ष्षर्मा नाम की नही ंहै । अतः उस अब तक भी राषि रू. 21500/- नही ंमिली इस संबंध में प्रार्थी ने अपने अधिवक्ता के जरिए एक नोटिस दिया । इसके बाद भी अप्रार्थीगण ने राषि रू. 21500/- का भुगतान नही ंकिया । अतः यह परिवाद पेष करते हुए परिवाद में वर्णित अनुतोष की मांग की है ।
2. अप्रार्थीगण द्वारा अपने जवाब में प्रारम्भिक कथन किया तथा प्रारम्भिक आपत्ति ली व अतिरिक्त कथन भी किए तथा मदवार जवाब पेष करते हुए फ्री लुक पीरियड अर्थात 15 दिवस में पाॅलिसी निरस्त करने बाबत् कोई सम्पर्क नहीं किया । किसी निषा कपूर ने प्रार्थी से पाॅलिसी लेने हेतु बात की है, तथ्य को गलत बतलाया है । जवाब की चरण संख्या 4 में दर्षाया कि प्रार्थी को पालिसी दस्तावेजात उसके द्वारा प्रस्ताव प्रपत्र में वर्णित पते पर जरिए फस्र्ट फलायट कोरियर (।ॅठ ठ66354107) के भेजे जा चुके थे जो दिनांक 13.7.2013 को उसे प्राप्त हो गए और इसके बाद 4 माह की अवधि व्यतीत हो जाने के बाद दिनांक 9.12.2013 पत्र भेजतेे हुए पाॅलिसी को निरस्त करवाना चाहता है जबकि फ्री लूक पीरियड 15 दिवस का ही था । अतः मदवार जवाब में वर्णितानुसार व प्रारम्भिक व अतिरिक्त कथन में वर्णित अनुसार अप्रार्थी ने प्रार्थी के परिवाद को स्वीकार होने योग्य नहीं बतलाया ।
3. हमने पक्षकारान के अधिवक्तागण की बहस सुनी एवं पत्रावली का अवलोकन किया ।
4. परिवाद केे निर्णय हेतु हमें यही तय करना है कि क्या प्रार्थी उसके द्वारा पाॅलिसी हेतु दी गई राषि रू. 21500/- बीमा कम्पनी से पुनः प्राप्त करने का अधिकारी है ?
5. अधिवक्ता प्रार्थी की बहस रही है कि अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा प्रार्थी को पाॅलिसी बाॅण्ड कभी नहीं भेजा गया था काफी दिन इन्तजार करने के बाद प्रार्थी ने अप्रार्थी बीमा कम्पनी को सूचित किया कि अब वह इस पाॅलिसी को नहीं रखना चाहता अतः उसकी पाॅलिसी बन्द कर दी जावे । अधिवक्ता प्रार्थी की बहस है कि वाद दायर करने तक भी पाॅलिसी बाण्ड प्रार्थी को नहीं मिला है एवं अप्रार्थी द्वारा दिनांक 11.7.2013 को जारी पाॅलिसी के विवरण जिसकी प्रति पत्रावली पर है, की जानकारी अप्रार्थी द्वारा उक्त दस्तावेज इस पत्रावली पर पेष करने पर प्रथम बार हुई है जबकि प्रार्थी इससे पहले ही दिनंाक 9.12.2013 को ही इस पाॅलिसी को लेने से इन्कार कर चुका है । इस तरह से अधिवक्ता की बहस है कि अप्रार्थी द्वारा पाॅलिसी नहीं लेने के संबंध में अप्रार्थी द्वारा वाद दायर करने से पूर्व ही सूचित किए जाने के उपरान्त भी पाॅलिसी को निरस्त कर जमा कराई गई राषि का भुगतान नहीं किया । अतः उनके विरूद्व सेवा में कमी का मामला बनता है ।
6. अधिवक्ता अप्रार्थी की बहस है कि प्रार्थी की पाॅलिसी फस्र्ट फलाईट कोरियर के द्वारा दिनांक 12.7.2013 को भेज दी गई थी जो दिनांक 13.7.2013 को प्रार्थी को प्राप्त भी हो चुकी थी एवं पाॅलिसी में वर्णित षर्ताेनुसार प्रार्थी को फ्री लूक अवधि अर्थात पाॅलिसी प्राप्ति के 15 दिन के भीतर ही पालिसी को रखने या नहीं रखने संबंधी निर्णय लेना था जबकि प्रार्थी ने दिनंाक 9.12.2013 के पत्र से इस संबंध में अप्रार्थी को सूचित किया है तब तक पाॅलिसी प्राप्त हुई तब तक 4 माह का समय व्यतीत हो चुका है । अतः प्रार्थी चाही गई राषि प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है ।
7. हमने बहस पर गौर किया । अप्रार्थी के कथनानुसार किसी पाॅलिसी को फ्री लुक पीरियड में ही निरस्त करवाया जा सकता है एवं हस्तगत प्रकरण में प्रार्थी को यह पाॅलिसी दिनांक 13.7.2013 को प्राप्त हो चुकी थी किन्तु प्रार्थी ने इस पाॅलिसी को पाॅलिसी प्राप्ति दिनांक 13.7.2013 से भीतर 15 दिवस में निरस्त नही ंकरवाई । यह पाॅलिसी फस्र्ट फलायईट कोरियर सर्विस से भेजना अप्रार्थी ने बतलाया है जो दिनांक13.7.2013 को प्रार्थी को प्राप्त हो गई यह भी दर्षाया है ।
8. अप्रार्थी द्वारा उपरोक्त वर्णित अनुसार भेजी गई पाॅलिसी दिनांक 13.7.2013 को मिल गई, के संबंध में पाॅलिसी प्राप्ति हेतु कोई प्राप्ति हस्ताक्षर प्रार्थी के प्रस्तुत नहीं किए है । अप्रार्थी ने कोरियर सर्विस का ऐसा कोई रिकार्ड भी पेष नहीं किया है जिससे यह सिद्व हो सके कि प्रष्नगत पाॅलिसी प्रार्थी को दिनंाक 13.7.2013 को डिलीवर कर दी गई थी ।
9. उपरोक्त सारे विवेचन से हमारे विनम्र मत है कि प्रार्थी को पाॅलिसी बाॅण्ड दिनांक 13.7.2013 को मिल गया था, अप्रार्थी सिद्व नहीं कर पाया है । इस दावे को लाने से पहले ही प्रार्थी ने दिनांक 9.12.2013 के पत्र से अप्रार्थी को सूचित कर दिया था कि उसे पाॅलिसी बाण्ड अब तक भी प्राप्त नहीं हुआ है । वह अब इस पाॅलिसी को लेना नहीं चाहता है तथा उसके द्वारा जमा कराई गई प्रीमियम राषि की भी मांग की गई है । दावा दायर हुआ तब तक भी पाॅलिसी बाण्ड प्रार्थी को प्राप्त नहीं हुआ है । पाॅलिसी बाण्ड के विवरण अप्रार्थी ने अपने जवाब परिवाद में पेष किए है । अतः अप्रार्थी का यह कथन कि प्रार्थी ने दिनांक 13.7.2013 जब उसे पाॅलिसी मिल गई के भीतर रोज 15 में पाॅलिसी को निरस्त करवाने हेतु पत्र नहीं लिखा हमारे मतानुसार जब पाॅलिसी प्रार्थी को मिली ही नही ंथी तो ऐसा करने का प्रष्न ही उत्पन्न नहीं होता है । अब पाॅलिसी के विवरण जो पत्रावली पर है एवं इस हेतु प्रार्थी ने अपने पत्र दिनांक 9.12.2013 से ही मना कर दिया है । अतः हमारे विनम्र मत में प्रार्थी का ऐसा मना करना फ्री लूक पीरियड में ही माना जावेगा । प्रार्थी के पत्र दिनांक 9.12.2013 द्वारा पाॅलिसी लेने से मना करने के उपरान्त भी अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने प्रार्थी की ओर से जमा कराई गई प्रीमियम की राषि रू. 21,500/- नहीं लौटाई है। हमारे विनम्र मत में प्रार्थी यह राषि अप्रार्थीगण से प्राप्त करने का अधिकारी है । अतः प्रार्थी का यह परिवाद इसी अनुरूप स्वीकार होने योग्य है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
10. (1) अप्रार्थीगण प्रार्थी द्वारा प्रष्नगत पालिसी को लेने हेतु रू. 21500/- की राषि जो चैक संख्या 081251 जमा कराई पुनः नियमानुसार प्राप्त करने का अधिकारी है ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थीगण से मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में राषि रू. 2000/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(3) क्र. सं. 1 व 2 में वर्णित राषि अप्रार्थीगण प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।
(4) दो माह में आदेषित राषि का भुगतान नहीं करने पर प्रार्थी अप्रार्थीगण से उक्त राषियों पर निर्णय की दिनांक से ताअदायगी 09 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगा ।
(श्रीमती ज्योति डोसी) (गौतम प्रकाष षर्मा)
सदस्या अध्यक्ष
11. आदेष दिनांक 06.07.2015 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
सदस्या अध्यक्ष