Uttar Pradesh

Chanduali

CC/58/2014

Ramesh Kumar Singh - Complainant(s)

Versus

Kmalakanta Patel - Opp.Party(s)

Jay Shankar Chaubey

04 Nov 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/58/2014
 
1. Ramesh Kumar Singh
Vill-Mankpada Po-Saidupur Dist- Chandauli
Chandauli
UP
...........Complainant(s)
Versus
1. Kmalakanta Patel
Vill-Chakiya Po-Chakiya Dist- Chandauli
Chandauli
UP
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Ramjeet Singh Yadav PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Shashi Yadav MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, चन्दौली।
परिवाद संख्या 58                                 सन् 2014ई0
रमेश कुमार सिंह पुत्र स्व0 ठाकुर प्रसाद सिंह निवासी मनकपडा पो0 सैदूपुर तह0 चकिया जिला चन्दौली।
                                      ...........परिवादी                                                                                                                                    बनाम
कमलाकान्त पटेल पुत्र स्व0सहदेव सिंह पटेल निवासी भटवारा हालपता चकिया, पो0 चकिया जिला चन्दौली प्रो0चैधरी साइकिल स्टोर चकिया।
                                            .............................विपक्षी
उपस्थितिः-
श्री रामजीत सिंह यादव,अध्यक्ष
श्रीमती शशी यादव, सदस्या

                               निर्णय
द्वारा श्री रामजीत सिंह यादव,अध्यक्ष
1-    परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी द्वारा परिवादी को घटिया किस्म की सगडी बिक्री करने के कारण एवं पुनः उसकी मरम्मत दूसरे व्यक्ति से कराने में हुए खर्च व शारीरिक आर्थिक मानसिक क्षति हेतु कुल रू0 2,0000/- दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है।
2-    परिवाद पत्र में परिवादी की ओर से संक्षेप में कथन किया गया है कि परिवादी ने दिनांक 20-11-2014 को विपक्षी की दूकान चैधरी साइकिल स्टोर से नम्बर एक क्वालिटी की सगड़ी रू0 8000/- देकर क्रय किया। जिसका कैशमेमो विपक्षी ने परिवादी को दो दिन बाद देने को कहा। परिवादी दिनांक 22-11-2014 विपक्षी के दूकान पर गया और सगड़ी में लगे रिंग,टायर चिमटा,काठ व सीट आदि सामान को नम्बर एक क्वालिटी का न लगाने एवं हैण्डल में छड़ न होने की बात कही तो विपक्षी ने परिवादी से कहा कि दो दिन बाद सगड़ी लेकर आइये जो सामान कम होगा वह सब लगवा देगे। परिवादी दिनांक 25-11-2014 को सगड़ी लेकर विपक्षी के दूकान पर गया तो विपक्षी परिवादी से झगडा करने पर अमादा हो गया और कहा कि कोई सामान नहीं लगेगा और अपनी दूकान से भगा दिया और कहा कि जो करना हो कर लेना। विपक्षी के इस कृत्य से परिवादी मर्माहत हो गया और मानसिक तनाव के कारण हाइपर टेंशन का रोगी हो गया। परिवादी ने दिनांक 28-11-2014 को सगड़ी में प्रयुक्त घटिया क्वालिटी के सामान को बदलने व कमी सामान को लगाने हेतु विपक्षी को नोटिस दिया किन्तु विपक्षी सुनवा नहीं हुए। इस आधार पर परिवादी ने यह परिवाद प्रस्तुत करके उपरोक्त धनराशि दिलाये जाने हेतु प्रार्थना किया है।
3-    इस फोरम द्वारा विपक्षी को रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजा गया किन्तु विपक्षी ने नोटिस लेने से इन्कार कर दिया। अतः यह परिवाद विपक्षी के विरूद्ध एक पक्षीय रूप से सुना गया।
4-    परिवादी की ओर से साक्ष्य के रूप में रजिस्टर्ड नोटिस की प्रति मय रसीद,चैधरी साइकिल स्टोर का कैशमेमो व शपथ पत्र दाखिल किया गया है।
                                                                                                          2
5-    हम लोगों ने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा पत्रावली का सूक्ष्मता से अवलोकन किया।
6-    परिवादी की ओर से ट्राली क्रय किये जाने की मूल रसीद कागज संख्या 4/5 दाखिल किया गया है जिसके अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि परिवादी द्वारा विपक्षी चैधरी साइकिल स्टोर से रू0 8000/-में दिनांक 20-11-2014 को एक ट्राली लकड़ी बाडी के साथ खरीदा है। परिवादी की ओर से अपने परिवाद तथा शपथ पत्र में कथन किया गया है कि दिनांक 20-11-2014 को विपक्षी ने परिवादी से रू0 8000/- ले लिया लेकिन उस दिन उसे केवल कैशमेमो दिया गया और ट्राली दो दिन बाद देने के लिए विपक्षी ने कहा। दिनांक 22-11-2014 को जब परिवादी ट्राली लेने विपक्षी के यहाॅं गया तो उसे जो ट्राली दी गयी उसमें रिंग,टायर काठ आदि सामान हल्का एवं काठ कमजोर लगा था। सीट के बीच में वेल्ट (चिमटा) तथा हैंडिल में छड़ नहीं लगा था। विपक्षी ने परिवादी से कहा कि जो सामान कम है वह दो दिन बाद ट्राली लेकर आइयेगा और लगवा दिया जायेगा। परिवादी पुनः दिनांक 25-11-2014 को जब विपक्षी की दूकान पर गया तो विपक्षी ने उपरोक्त सामान नहीं बदला बल्कि झगड़ा करते हुए कहा कि अब कोई सामान नहीं लगाया जायेगा और अपशब्दो का प्रयोग करते हुए परिवादी को अपनी दूकान से भगा दिया।
7-    परिवादी ने विपक्षी को जो नोटिस दिया है उसकी कापी दाखिल किया गया है। इस नोटिस में परिवादी ने विपक्षी से यह कहा है कि वह नोटिस प्राप्त होने के 15 दिन के अन्दर ट्राली में जो थर्ड क्वालिटी का सामान लगाया गया है उसे बदलकर दूसरा सामान उच्च क्वालिटी का लगा दे अन्यथा परिवादी सक्षम न्यायालय में कानूनी कार्यवाही हेतु बाध्य होगा। इस प्रकार यह स्पष्ट है नोटिस में परिवादी ने विपक्षी से केवल यहीं चाहा है कि उसकी ट्राली में जो खराब क्वालिटी का सामान जिसका विवरण परिवाद में है अर्थात टायर,रिंग चिमटा व हैडिल का छड़ बदलकर उक्त सामान विपक्षी उच्च क्वालिटी का लगा दे।
8-    प्रस्तुत मामले में विपक्षी ने नोटिस लेने से इन्कार किया है और इस मुकदमे में उपस्थित नहीं हुआ। अतः परिवादी की ओर से इस मुकदमें मे जो भी साक्ष्य दिया गया है वह अखण्डित है। परिवादी द्वारा दिये गये साक्ष्य से स्पष्ट है कि विपक्षी ने परिवादी को जो ट्राली दिया है उसमे रिंग,टायर चिमटा निम्न क्वालिटी का लगाया गया है तथा हैंडिल में छड़ नहीं लगाया गया है ऐसी स्थिति में फोरम की राय में विपक्षी को उपरोक्त सामान उच्च क्वालिटी का परिवादी की रिक्शा ट्राली में लगाने हेतु आदेशित किया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है इसके अतिरिक्त परिवादी को शारीरिक व मानसिक क्षति के रूप में रू0 1000/- तथा वाद व्यय के रूप में रू0 1000/- दिलाया जाना भी न्यायोचित प्रतीत होता है और इस प्रकार परिवादी का परिवाद एक पक्षीय रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।

                                                                                                    3
                                                                                                आदेश
    परिवादी का परिवाद विपक्षी के विरूद्ध एक पक्षीय रूप से अंशतः स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेश दिया जाता है कि वह इस निर्णय की तिथि से 2 माह के अन्दर परिवादी के रिक्शा ट्राली में लगे रिंग,टायर व चिमटा को बदलकर उच्च क्वालिटी का सामान लगावे, तथा हैडिल का छड़ भी लगा दे। यदि विपक्षी ऐसा नहीं करता है तो परिवादी विपक्षी से इसके एवज में रू0 2000/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा। इसके अतिरिक्त विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह इसी अवधि में परिवादी को रू0 1000/-शारीरिक मानसिक क्षतिपूर्ति तथा रू0 1000/- वाद व्यय अदा करें।    

(शशी यादव)                                                                               (रामजीत सिंह यादव)
 सदस्या                                                                                             अध्यक्ष
                                                                                                       दिनांक-4-11-2015   

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Ramjeet Singh Yadav]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Shashi Yadav]
MEMBER

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