जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-648/2011
अनिल कुमार राय पुत्र श्री वी.एन. राॅय निवासी-117/800ए, ब्लाक-क्यू. षरद नगर, कानपुर।
................परिवादी
बनाम
1. मेसर्स किषोर बन्धु प्रा0लि0 स्थित कार्यालय 12/239 सिविल लाइन कानपुर द्वारा एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री आर0के0 भारतीय।
2. मेसर्स मुकुन्द कन्सट्रक्षन स्थित कार्यालय 56 कैन्टोनमेंट कानपुर द्वारा मैनेजर/डायरेक्टर श्री आर0के0 भारतीय।
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 17.10.2011
निर्णय की तिथिः 10.02.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी सं0-1 व 2 को आदेषित किया जाये कि प्लाट नं0-113, 114 व 115 (नवीन प्लाट नं0-ए-41, ए-42 एवं ए-43 नवषील धाम फेस-2) क्षेत्रफल 418 वर्ग यार्ड को रू0 2100.00 प्रति वर्ग यार्ड की दर से नवषील कुंज प्लाटिंग एरिया स्कीम स्थित कल्यानपुर बिठूर रोड कानपुर, परिवादी के पक्ष में रजिस्ट्री करे तथा रू0 6,52,000.00 संविदा के षेश प्रतिफल के रूप में परिवादी से प्राप्त करे। विपक्षी सं0-1 व 2 को यह भी आदेषित किया जाये कि वर्श 2009 की तुलना में वर्तमान निर्माण कार्य में हुई बढ़ोत्तरी की कीमत रू0 8,00,000.00 परिवादी को अदा करें। रू0 3,20,000.00 इस दौरान वर्श 2009 से वर्श 2011 तक किराये पर रहने के कारण गृहकर के रूप में परिवादी को अदा करें। षारीरिक व मानसिक क्षति के लिए रू0 5,00,000.00 अदा करे। रू0 2,00,000.00 बढ़े हुए सर्किल रेट के लिए अदा करे तथा रू0 10000.00 परिवाद व्यय अदा करें।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का यह कथन है कि दिनांक 05.11.03 को परिवादी द्वारा प्लाट सं0-113, 114 व 115, कुल 418
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यार्ड क्षेत्रफल, रू0 2100.00 प्रति यार्ड की दर से नवषील कुंज प्लाटिंग स्कीम के अंतर्गत विपक्षीगण के यहां बुक किये गये जो कि कल्यानपुर बिठूर रोड कानपुर में स्थित है तथा रू0 2,25000.00 बुकिंग धनराषि के रूप में जमा किये गये और द्वितीय किष्त की 50 प्रतिषत धनराषि जमा की गयी। जिसकी प्राप्ति स्वीकृति विपक्षीगण द्वारा दिनांक 05.11.03 को परिवादी को दी गयी। प्रष्नगत प्लाट बुक करने के दौरान पक्षकारों के मध्य यह तय हुआ कि विक्रय प्रतिफल दो भागों में विपक्षीगण लेंगे। यह भी तय हुआ कि लेआउट प्लान कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत होने के पष्चात विपक्षीगण, परिवादी को सूचना देंगे। किन्तु विपक्षीगण द्वारा उक्त सूचना परिवादी को नहीं दी गयी। उक्त सूचना परिवादी को एक दैनिक अखबार में प्रकाषनोपरान्त प्राप्त हुई। परिवादी द्वारा दिनंाक 08.03.10 को विपक्षीगण को पत्र भेजा गया तथा अनुस्मारक दिनांक 18.08.10 को भेजा गया। उक्त पत्र प्रष्नगत भूखण्डों के प्रकाषन की जानकारी के सम्बन्ध में परिवादी द्वारा भेजे गये। परिवादी द्वारा उक्त पत्रों के माध्यम से विपक्षीगण को यह सूचना भी दी गयी कि परिवादी विक्रय प्रतिफल का षेश भाग विपक्षीगण को अदा करने के लिए तैयार हैं। परिवादी द्वारा उक्त पत्रों में यह भी लिखा गया कि विपक्षीगण प्रष्नगत भूखण्डों का विक्रय-विलेख परिवादी के हक में करें, किन्तु विपक्षीगण के द्वारा परिवादी को कोई जवाब नहीं दिया गया। दिनंाक 22.04.11 को पुनः परिवादी द्वारा प्रष्नगत प्लाटों का विक्रय-विलेख निश्पादित करने के लिए तथा द्वितीय भाग किष्त की षेश 50 प्रतिषत धनराषि प्राप्त करने के लिए कहा गया। किन्तु विपक्षीगण के द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। दिनांक 19.08.11 को विपक्षीगण द्वारा परिवादी को एक पत्र इस आषय का भेजा गया कि परिवादी अपने पूर्व बुकिंग के क्रम में प्लाट सं0-ए-41, ए-42 व ए-43 नवषील धाम फेस-2 के लिए अपनी सहमति देवे। तब परिवादी को यह ज्ञात हुआ कि विपक्षीगण मनमाने तरीके से बिना परिवादी की पूर्व सहमति के परिवादी द्वारा पूर्व में बुक किये गये भूखण्डों को बदल दिया गया है और परिवादी को उपरोक्त नये भूखण्ड आवंटित किये गये हैं। परिवादी द्वारा बिना कोई विलम्ब कारित किये ही अपनी सहमति दिनांक 18.08.11
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को विपक्षीगण के कार्यालय में दे दी गयी तथा द्वारा पत्र दिनांक 31.08.11 (प्रेशित जरिये पंजीकृत पत्र) भी सहमति प्रदान कर दी गयी। किन्तु विपक्षीगण के द्वारा दिनांक 06.09.11 का पत्र जारी करके परिवादी से नई दर पर प्रष्नगत प्लाट क्रय करने के लिए कहा गया और पुरानी दर से देने के लिए इंकार कर दिया गया। परिवादी एवं विपक्षीगण के मध्य वर्श 2009 में प्रष्नगत भूखण्डों की तय दर रू0 2100.00 प्रति यार्ड मनमाने तरीके से परिवर्तित करने का कोई अधिकार नहीं है। वर्श 2009 की तुलना में अब ईंट, सीमेंट, लकड़ी इत्यादि नवीन निर्माण सामग्री की कीमते तथा मजदूरी की दर बहुत अधिक बढ़ गयी है। अतः परिवादी को मकान बनवाने के लिए अत्यन्त धन खर्च करना पड़ेगा, जो कि विपक्षीगण की सेवा की कमी के कारण होगा, जो लगभग रू0 8,00,000.00 वर्श 2009 की तुलना में होगा। परिवादी का रू0 3,20,000.00 वर्श 2009 से मकान किराये का व्यय हुआ है। उसका भी उत्तरदायित्व विपक्षीगण का है। परिवादी को मानसिक, आर्थिक एवं षारीरिक क्षति भी कारित हुई है। परिवादी को रू0 2,00,000.00 सर्किल रेट की बढ़ी दर के कारण भी क्षति हुई है। अतः विपक्षीगण से परिवादी को उपरोक्त क्षतिपूर्ति दिलायी जाये।
3. विपक्षीगण की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि परिवाद असत्य कथनों के आधार पर प्रस्तुत किया गया है। प्रष्नगत तीनों प्लाट परिवादी ने विपक्षी कंपनी से बुक कराये थे तथा बुक कराते समय रू0 2,25,000.00 अग्रिम धनराषि के रूप में जमा किये गये थे तथा षेश धनराषि रू0 6,52,000.00 मानचित्र स्वीकृत होने के उपरान्त अदा करने थे। किन्तु विपक्षी कंपनी के द्वारा वर्श 2009 में कानपुर विकास प्राधिकरण से लेआउट प्लान स्वीकृत होने के उपरान्त विपक्षीगण ने दूरभाश के द्वारा परिवादी से कई बार संपर्क किया, किन्तु न तो परिवादी ने विपक्षीगण को कोई संतोशजनक उत्तर दिया और न ही तो प्रष्नगत प्लाटों को लेने की कोई रूचि दिखाया। परिवादी का यह कथन असत्य है कि उसे समाचार पत्र के माध्यम से उपरोक्त सूचना
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प्राप्त हुई है। विपक्षीगण द्वारा कई बार दूरभाश पर सूचना देने के उपरान्त परिवादी द्वारा प्रष्नगत भूखण्डों को क्रय करने में कोई रूचि न दिखाने के बाद परिवादी के सही नाम व पते पर परिवादी को पत्र प्रेशित किया गया। उक्त पत्र में परिवादी द्वारा षेश धनराषि रू0 6,52,800.00 भी विपक्षीगण को नहीं अदा की गयी। विपक्षीगण के द्वारा दिनांक 06.09.11 को इस आषय का पत्र भेजा गया कि नवम्बर 2009 में कराये जा रहे भवन निर्माण का ले-आउट प्लान कानपुर विकास प्राधिकरण के द्वारा स्वीकृत कर दिया गया। उक्त मानचित्र स्वीकृत कराने में काफी व्यय हो चुका है, जिसके कारण मद का कोई रास्ता निकालते हुए उपरोक्त प्लाटों के निमित्त विक्रय पत्र निश्पादित करा लेवे। किन्तु परिवादी द्वारा कोई रूचि नहीं दिखाई गयी। उस समय जिलाधिकारी द्वारा भूमि दर काफी कम थी, किन्तु ले-आउट प्लान स्वीकृत कराने में विपक्षीगण का काफी धन खर्च हो गया था, जिसके निमित्त विपक्षीगण द्वारा परिवादी से संपर्क किया जाता रहा। फलस्वरूप विपक्षीगण ने दिनांक 19.08.11 को प्रष्नगत भूखण्डों का आवंटन रद्द कर दिया है। वर्तमान समय में प्लाटों की कीमत अधिक हो जाने के कारण परिवादी के द्वारा असत्य कथनों के आधार पर परिवाद प्रस्तुत किया गया है। प्रस्तुत फोरम को प्रस्तुत परिवाद को सुनने का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है। क्योंकि विपक्षीगण ने संपूर्ण विक्रय प्रतिफल अदा करने के उपरान्त भू-स्वामियों से आराजियां क्रय करने के उपरान्त माडल प्लान विकसित करने का कार्य विपक्षीगण द्वारा उपरोक्त आराजियों पर किया जा रहा है। यदि परिवादी कोई अनुतोश प्राप्त करना चाहता है तो वह दीवानी न्यायालय के समक्ष वाद प्रस्तुत कर सकता है। बुकिंग फार्म में परिवादी के द्वारा स्वयं यह हस्ताक्षर किये गये कि वह विपक्षीगण द्वारा किये गये बुकिंग फार्म की सभी षर्ते मानने हेतु तैयार है। उपरोक्त बुकिंग फार्म में यह उल्लिखित है कि बिना पूर्व सूचना के प्रष्नगत आवंटन निरस्त होने पर, परिवादी मात्र जमा धनराषि प्राप्त कर सकता है। विपक्षीगण आज भी परिवादी के द्वारा जमा धनराषि रू0 2,25,000.00 प्रष्नगत भूखण्डों के सम्बन्ध में वापस करने हेतु प्रतिबद्ध हैं।
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परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 17.10.11, 21.01.14 एवं 22.01.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में संलग्न कागज सं0-1 लगायत् 15 दाखिल किया है।
विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6. विपक्षीगण ने अपने कथन के समर्थन में राजीव कुमार भरतिया का षपथपत्र दिनांकित 22.01.14, 07.01.15 एवं 23.01.15 दाखिल किया है।
निष्कर्श
7. फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि स्वीकार्य रूप से परिवादी द्वारा विपक्षीगण के यहां तीन प्लाट सं0-113, 114 व 115 क्षेत्रफल 418 वर्ग यार्ड रू0 2100.00 प्रति वर्ग यार्ड की दर से, वर्श 2009 में बुक कराया था। बुक कराते समय परिवादी द्वारा अग्रिम धन रू0 2,25,000.00 जमा की गयी थी। षेश धनराषि रू0 6,52,800.00 कानपुर विकास प्राधिकरण से ले आउट प्लान स्वीकृत होने के पष्चात अदा करके रजिस्ट्री व कब्जा प्राप्त करना था। अब विवाद का विशय यह है कि विपक्षीगण का कथन यह है कि कानपुर विकास प्राधिकरण से लेआउट प्लान स्वीकृत होने के पष्चात प्रष्नगत भूखण्डों की कीमत बढ़ गयी है। अतः बढ़ी हुई कीमत के अनुसार नई दर पर परिवादी प्रष्नगत भूखण्डों की धनराषि जमा करके भूखण्डों की रजिस्ट्री व कब्जा प्राप्त कर सकता है। जबकि परिवादी का कथन यह है कि प्रष्नगत प्लाट बुक करने के दौरान उभयपक्षों के मध्य मात्र यह तय हुआ था कि षेश प्रतिफल रू0 6,52,800.00 लेआउट प्लान स्वीकृत हो जाने के पष्चात लेकर विपक्षीगण परिवादी को उक्त भूखण्डों का कब्जा देकर रजिस्ट्री करा देंगे।
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अतः उपरोक्त के सम्बन्ध में उभयपक्षों की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्यों के परिषीलन से विदित होता है कि उभयपक्षों की ओर से षपथपत्रीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं। परिवादी की ओर से षपथपत्रीय साक्ष्य के अतिरिक्त अन्य प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अन्य प्रलेखीय साक्ष्यों में संलग्नक-2, प्रष्नगत भूखण्ड के क्रय करने के सम्बन्ध में निर्मित षर्त एवं प्रतिबन्धों की छायाप्रति प्रस्तुत की गयी है, जिसमें क्रेता के हस्ताक्षर भी विद्यमान हैं। उक्त अभिलेख के प्रस्तर-6 में यह दिया गया है कि कानपुर विकास प्राधिकरण, नगर निगम अथवा अन्य किसी अथार्टी द्वारा यदि किसी प्रकार का कोई टैक्स लगाया जाता है, तो उक्त टैक्स अदा करने का उत्तरदायित्व क्रेता का होगा, विक्रेता का नहीं होगा। परिवादी की ओर से ही संलग्नक-12 पत्र द्वारा प्रष्नगत निदेषक आर0के0 भारतीया पत्र सं0-ज्ञठच्स्ध्छ.15ध्011ध्95 दिनांक 19.08.11 की छायाप्रति प्रस्तुत की गयी है। जिससे यह स्पश्ट हेाता है कि विपक्षीगण द्वारा, परिवादी को प्रष्नगत भूखण्डों के सम्बन्ध में वार्ता करने के लिए बुलाया गया है। इसी प्रकार विपक्षीगण की ओर से पत्र सं0-ज्ञठच्स्ध् छ.15ध्011ध्103 दिनांक 06.09.11 भी परिवादी को कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत प्लान के सम्बन्ध में सूचना भेजी गयी है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत अभिलेखीय साक्ष्य संलग्नक-2 के प्रस्तर-6 से स्पश्ट होता है कि कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा अभिकथित भूखण्डों का लेआउट प्लान स्वीकृत करने में जो भी व्यय विपक्षीगण के द्वारा किया गया है, उसको अदा करने का भार परिवादी पर है। विपक्षीगण के द्वारा उपरोक्त व्यय भार के अतिरिक्त नई दर पर प्रष्नगत भूखण्डों को क्रेता/परिवादी के पक्ष में रजिस्ट्री करने व अध्यासन देने के सम्बन्ध में न तो कोई नई दर बतायी गयी है और न ही उक्त व्यय अधिभार के अतिरिक्त अन्य किसी प्रकार से अन्य कोई कीमत बढ़ाने के अधिकार सम्बन्धित साक्ष्य प्रस्तुत किया गया है।
विपक्षीगण की ओर से एक तर्क यह किया गया है कि स्वयं परिवादी द्वारा बुकिंग फार्म में इस आषय के हस्ताक्षर किये गये हैं कि
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परिवादी बुकिंग फार्म की सभी षर्तें मानने को तैयार है। बुकिंग फार्म में यह उल्लिखित है कि बिना पूर्व सूचना के विपक्षीगण, परिवादी की बुकिंग किसी भी समय, विपक्षीगण के नियंत्रणाधीन अथवा नियंत्रण से बाहर परिस्थितियाॅं आने पर रद्द कर सकते हैं। जिस पर परिवादी के द्वारा जमा की गयी धनराषि बिना किसी क्षतिपूर्ति तथा बिना किसी ब्याज के परिवादी प्राप्त करने की अधिकारिणी होगी। प्रस्तुत फोरम को प्रस्तुत परिवाद को सुनने का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं हे। परिवादी कोई अनुतोश प्राप्त करना चाहती है, तो वह दिवानी न्यायालय के समक्ष वाद प्रस्तुत कर सकती है।
परिवादी की ओर से यह तर्क किये गये हैं कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत परिवादी अपना परिवाद फोरम के द्वारा निर्णीत कराने के लिए विधिक रूप से अधिकृत है।
उपरोक्त बिन्दु पर उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि विपक्षीगण द्वारा अपने उपरोक्त कथन के समर्थन में कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है, जिससे फोरम इस मत का है कि प्रस्तुत फोरम को प्रस्तुत परिवाद के विनिष्चयन का क्षेत्राधिकार प्राप्त है।
उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किये जाने योग्य है कि परिवादी प्रष्नगत भूखण्डों को विपक्षीगण से आवंटन पत्र में उल्लिखित पुरानी दर पर प्रष्नगत भूखण्डों की षेश धनराषि अदा करने पर, प्राप्त करने का अधिकारी है। किन्तु कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा प्रष्नगत भूखण्डों का लेआउट प्लान स्वीकृत करने में जो धनराषि ली गयी है, उसे विपक्षीगण को, अदा करने का, उत्तरदायित्व परिवादी पर है। जहां तक परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम बावत निर्माण कार्य की कीमत में हुई बढ़ोत्तरी के लिए रू0 8,00,000.00, रू0 3,20,000.00 बावत किराये पर रहने के कारण गृहकर के रूप में, षारीरिक एवं मानसिक क्षति के लिए
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रू0 5,00,000.00 तथा रू0 2,00,000.00 बढ़े हुए सर्किल रेट के लिए अदा करने से सम्बन्धित है- उक्त के सम्बन्ध में परिवादी की ओर से कोई सारवान तथ्य अथवा कोई सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी का प्रस्तुत परिवाद उक्त याचित उपषम के लिए स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
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7. उपरोक्त कारणों से परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी से प्रष्नगत भूखण्डों के सम्बन्ध में अवषेश धनराषि रू0 6,52,800.00 प्राप्त करके आवंटन पत्र में उल्लिखित दर से तथा कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा प्रष्नगत भूखण्डों के ले-आउट प्लान स्वीकृत करने में ली गयी धनराषि को जोड़कर रजिस्ट्री करें एवं कब्जा प्रदान करें। विपक्षीगण रू0 10000.00 परिवादी को परिवाद व्यय के रूप में भी अदा करें।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर। फोरम कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर। फोरम कानपुर नगर।