(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील सं0- 500/2004
1. मैसर्स सचदेवा फूड प्रिजरवेशन स्टोरेज, जी0टी0 रोड, खुरजा, जिला बुलन्दशहर द्वारा शिव कुमार पुत्र श्री हरवंशलाल उक्त संस्थान।
2. हरवंशलाल सचदेवा पुत्र स्व0 श्री करमचंद सचदेवा।
3. हरीश चन्द पुत्र श्री हरवंशलाल सचदेवा।
4. शिव कुमार पुत्र श्री हरवंशलाल सचदेवा।
पार्टनर्स सचदेवा फूड प्रिजरवेशन स्टोरेज, जी0टी0 रोड, खुर्जा।
.......अपीलार्थीगण
बनाम
किशन लाल पुत्र श्री भगवान सहाय निवासी गांव टैना गोसपुर परगना खुरजा जिला बुलन्दशहर।
............प्रत्यर्थी
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से : श्री विजय कुमार, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से : कोई नहीं।
दिनांक:- 05.04.2021
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0- 388/1997 किशन लाल बनाम मैसर्स सचदेवा फूड प्रिजरवेशन स्टोरेज में जिला उपभोक्ता आयोग, बुलन्दशहर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 24.01.2004 के विरुद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत राज्य आयोग के समक्ष इस आधार पर प्रस्तुत की गई है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने कभी भी अपीलार्थी सं0- 1/विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज में आलू नहीं रखा। इस स्थिति के बावजूद आलू की कीमत ब्याज सहित वापस लौटाने का आदेश जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित किया गया है जो विधि विरुद्ध है।
2. परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा अपीलार्थी सं0- 1/विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज में आलू जमा करने के उद्देश्य से अंकन 3,000/-रू0 अग्रिम राशि जमा की गई और इस राशि को जमा करने की रसीद प्राप्त की गई, इसके पश्चात 150 बोरी आलू रखे गए जिनकी कीमत प्रारम्भ में 230/-रू0 और बाद में 320/-रू0 प्रति कुन्तल हो गई थी, परन्तु यह आलू प्रत्यर्थी/परिवादी को वापस नहीं लौटायी गई।
3. अपीलार्थी सं0- 1/विपक्षी का कथन है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने कभी भी आलू की बोरियां उनके कोल्ड स्टोरेज में नहीं रखी, अग्रिम 3,000/-रू0 प्राप्त करना स्वीकार किया गया, परन्तु इस राशि को वापस लौटाने का कथन किया गया।
4. अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री विजय कुमार को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।
5. पत्रावली के अवलोकन से ज्ञात होता है कि प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा कोल्ड स्टोरेज में आलू जमा करने की रसीद, तौल पट्टी प्रस्तुत नहीं की गई। प्रत्यर्थी/परिवादी का यह कथन है कि भीड़ के कारण तौल पट्टी प्राप्त नहीं की जा सकी और कोल्ड स्टोरेज प्रबंधक ने यह भरोसा दिलाया था कि तौल पट्टी उसके घर पर पहुंचा दी जायेगी। इस तर्क को विचार में लेते हुए जिला उपभोक्ता आयोग ने आलू रखे जाने की कल्पना की है, परन्तु यह निष्कर्ष जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, केवल कल्पना पर आधारित है। आलू कोल्ड स्टोरेज में रखने का कोई सुबूत नहीं है।
6. प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा 3,000/-रू0 कोल्ड स्टोरेज में दिया गया है कोल्ड स्टोरेज द्वारा रसीद दी गई है। कोल्ड स्टोरेज द्वारा यह राशि वापस लौटा दी गई है, अत: यह तथ्य स्थापित है कि प्रत्यर्थी/परिवादी से 3,000/-रू0 जमा कराये गए जिन्हें कोल्ड स्टोरेज द्वारा वापस नहीं लौटाया गया। अत: जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस रूप में परिवर्तित होने योग्य है कि आलू की बोरी की कीमत के लिए धनराशि अदा करने का आदेश अपास्त किया जाता है, परन्तु प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा 3,000/-रू0 जमा करने की तिथि से वापस लौटाये जाने की तिथि तक 09 प्रतिशत ब्याज सहित अदा करने का आदेश दिया जाता है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
7. अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। आलू की कीमत प्रत्यर्थी/परिवादी को वापस लौटाये जाने से सम्बन्धित आदेश अपास्त किया जाता है, परन्तु प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा जमा की गई धनराशि अंकन 3,000/-रू0 तथा इस राशि पर जमा करने की तिथि से वापसी की तिथि तक 09 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से साधारण ब्याज अदा किया जाए।
अपीलार्थीगण/विपक्षी द्वारा जो 15,000/-रू0 जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष जमा किए गए हैं वह राशि समायोजित की जायेगी।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 2