Uttar Pradesh

StateCommission

A/418/2021

Ex. Engg Electricity Distribution Division Amroha - Complainant(s)

Versus

Kiranwati - Opp.Party(s)

Isar Husain

03 Aug 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/418/2021
( Date of Filing : 26 Aug 2021 )
(Arisen out of Order Dated 09/04/2021 in Case No. C/2018/52 of District Jyotiba Phule Nagar)
 
1. Ex. Engg Electricity Distribution Division Amroha
Amroha
...........Appellant(s)
Versus
1. Kiranwati
W/o Late Chandrabhan R/o Vill. Dehra Post Awwalpur Dist. Amroha
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 03 Aug 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील संख्‍या-418/2021

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, अमरोहा द्वारा परिवाद संख्‍या-52/2018 में पारित निर्णय दिनांक 09.04.2021 के विरूद्ध)

 

एक्‍जीक्‍यूटिव इंजीनियर इलेक्ट्रिकसिटी डिस्‍ट्रीब्‍यूशन डिवीजन अमरोहा

व एक अन्‍य।                            .........अपीलार्थी@विपक्षीगण

बनाम

 

किरनवती पत्‍नी स्‍व0 चंद्रभान सिंह व अन्‍य।     ....प्रत्‍यर्थीगण/परिवादीगण

समक्ष:-

1. मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

2. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री इसार हुसैन, विद्वान

                           अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित   : श्री अनिल कुमार मिश्रा, विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक 03.08.2022

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.   परिवाद संख्‍या 52/2018 किरनवती व 4 अन्‍य बनाम अधिशासी अभियंता विद्युत व दो अन्‍य में पारित निर्णय/आदेश दि. 09.04.2021 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। जिला उपभोक्‍ता  मंच ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए अंकन 6 लाख रूपये की क्षतिपूर्ति तथा रू. 20000/- मानसिक प्रताड़ना के मद में एवं रू. 5000/- वाद व्‍यय के रूप में अदा करने का आदेश दिया है।

2.   इस निर्णय व आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि जिला उपभोक्‍ता मंच ने अनुचित, अवैध, मनमाना, कल्‍पना एवं संभावना पर आधारित निर्णय पारित किया है, जो उपभोक्‍ता अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है। इलेक्ट्रिकल इंस्‍पेक्‍टर की रिपोर्ट पर विचार नहीं किया, कांट्रेक्‍टर

-2-

ने नियमों के तहत ट्रांसफार्मर स्‍थापित नहीं किया था, जिसके कारण दुर्घटना घटित हुई। यह भी कथन किया गया कि जिला मंच द्वारा अत्‍यधिक उच्‍च दर से क्ष्‍ातिपूर्ति अदा करने का आदेश दिया गया है।

3.   दोनों पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍ताओं को सुना। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश व पत्रावली का अवलोकन किया गया।

4.   अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा बहस के दौरान निम्‍न दो बिन्‍दु उठाए गए हैं। प्रथम कांट्रेक्‍टर द्वारा मानक के अनुरूप ट्रांसफार्मर स्‍थापित नहीं किया गया। यदि अपीलार्थी द्वारा नियुक्‍त कांट्रेक्‍टर ने मानक के अनुरूप ट्रांसफार्मर स्‍थापित नहीं किया है तब भी कांट्रेक्‍टर द्वारा कारित लापरवाही के लिए अपीलार्थी विद्युत विभाग ही उत्‍तरदायी है। यद्यपि अपीलार्थी विद्युत विभाग कांट्रेक्‍टर के विरूद्ध उसके साथ विधिसम्‍मत कार्यवाही करने को स्‍वतंत्र है। कांट्रेक्‍ट की गलती के कारण ट्रांसफार्मर सही नहीं रखा गया, जिसके कारण ट्रांसफार्मर में धमाका हुआ और इन्‍वर्टर बंद करने में श्री चंद्रभान सिंह की मृत्‍यु कारित हो गई, अत: इस उपेक्षा के लिए निश्चित रूप से विद्युत विभाग उत्‍तरदायी है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा दिया गया निष्‍कर्ष कदाचित हस्‍तक्षेप करने योग्‍य नहीं है।

5.   अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा दूसरा तर्क यह लिया गया है कि स्‍वयं इस आयोग में एक निर्णय में अंकन चार लाख रूपये की क्षतिपूर्ति अदा करने का आदेश दिया है। निर्णय की प्रतिलिपि अवलोकनार्थ प्रस्‍तुत किया गया है। परिवादी/प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला उपभोक्‍ता मंच ने क्षतिपूर्ति के संबंध में विधिसम्‍मत निर्णय पारित किया है। विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि नजीर रिवीजन पिटीशन नं0 4898/12 आंध्र प्रदेश ईस्‍टर्न पावर डिस्‍ट्रीब्‍यूशन बनाम किमुदु मोनू एवं अन्‍य में दी

-3-

गई व्‍यवस्‍था न्‍यूनतम Wages के अनुसार प्रतिकर दिलाया जाना चाहिए। इस नजीर में इस आशय की कोई व्‍यवस्‍था नहीं दी गई है कि लापरवाही वाले केस में न्‍यूनतम Wages की दर से प्रतिकर दिलाया जाना चाहिए, केवल यह विचार किया गया है कि प्रस्‍तुत केस में यदि न्‍यूनतम Wages के आधार पर प्रतिकर सुनिश्चित किया जाए।

6.   उत्‍तर प्रदेश राज्‍य सरकार द्वारा विद्युत उपकरणों के कारण घटित दुर्घटना में मृत्‍यु होने पर अंकन चार लाख रूपये प्रतिकर की व्‍यवस्‍था दी गई है। स्‍वयं इस आयोग द्वारा इस व्‍यवस्‍था को स्‍वीकार किया गया है, अत: दुर्घटना के कारण मृत्‍यु होने पर अंकन चार लाख रूपये का प्रतिकर दिए जाने का आदेश विधिसम्‍मत है, अत: अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

7.   अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय व आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि परिवादीगण को अंकन रू. 400000/-(चार लाख रूपये) की राशि बतौर क्षतिपूर्ति देय होगी। शेष निर्णय पुष्‍ट किया जाता है।

     अपीलार्थी द्वारा धारा-15 के अंतर्गत जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित जिला उपभोक्‍ता आयोग को निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

              

       (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                   (सुशील कुमार)                                                                                                                                                    अध्‍यक्ष                                  सदस्‍य         

राकेश, पी0ए0-2

  कोर्ट-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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