मौखिक
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, झांसी द्वारा परिवाद संख्या 406 सन 2016 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 14.11.2018 के विरूद्ध)
अपील संख्या 2869 सन 2018
दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ईयूडीडी द्वितीय मुन्नालाल पावर हाउस, ग्वालियर रोड झांसी ।
.......अपीलार्थी/प्रत्यर्थी
-बनाम-
खुमन दास पुत्र स्व0 रामदास निवासी 76 प्रतापपुरा नगरा झांसी ।
. .........प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
मा0 डा0 आभा गुप्ता, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता - श्री इसार हुसैन।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित - कोई नहीं ।
दिनांक:-25-05-22
डा0 आभा गुप्ता, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, झांसी द्वारा परिवाद संख्या 406 सन 2016 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 14.11.2018 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है ।
संक्षेप में, तथ्य इस प्रकार हैं कि प्रत्यर्थी/ परिवादी के वहविघुत कनेक्शन संख्या 1257/9361 आईडीनं0 0281182000 का उपभोक्ता है। विशेष चेकिंग के दौरान उसके परिसर से पुराना मीटर उतारकर नया मीटर लगाया गया था। दिनांक 09.06.2016 को उसे इस आशय का विपक्षी का पत्र प्राप्त हुआ कि उसके मीटर की बाडीसील टर्निल प्लेट टूटी पायी गयी और उस पर 39,668.00 रू0 का अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया, जिससे क्षुब्ध होकर उसने जिला मंच के समक्ष परिवाद योजित किया।
अपीलकर्ता /विपक्षी की ओर से कथन किया गया कि दिनांक 13.05.2016 को निकाले गए मीटर की जांच की गयी तो मीटर सील टूटी पायी गयी एवं मीटर में बाह्य रजिस्ट्रेंस लगे पाए गए जिसके कारण उक्त धनराशि आरोपित की गयी ।
जिला मंच के उभय पक्ष के साक्ष्य एवं अभिवचनों के आधार पर विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा आरोपित उक्त धनराशि निरस्त कर दी, जिससे क्षुब्ध होकर प्रस्तुत अपील योजित की गयी है।
अपील के आधारों में कहा गया है कि जिला मंच का प्रश्नगत निर्णय विधिपूर्ण नहीं है जो अपास्त किए जाने योग्य है।
हमने अपीलकर्ता के विद्वान अधिवक्ता श्री इसार हुसैन के तर्क सुने। प्रत्यर्थी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी लेकिन पर्याप्त तामीली के बावजूद प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से बहस हेतु कोई उपस्थित नहीं हुआ।
अपीलकर्ता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रस्तुत प्रकरण विद्युत चोरी का है। अपीलार्थी द्वारा विद्युत उपभोक्ता चेकिंग रिपोर्ट की प्रति पत्रावली पर उपलब्ध करायी गयी है जिससे स्पष्ट होता है कि परिवादिनी के परिसर की चेकिंग की गयी थी और यह प्रकरण विद्युत चोरी का है ।
अपीलकर्ता ने अपने तर्क के समर्थन में मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल अपील संख्या 5466/12, यू0पी0 पावर कारपारेशन लि0 आदि बनाम अनीस अहमद का उद्धरण दिया है।
मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल अपील संख्या 5466/12 व 5475/12 निर्णीत दि. 01.07.2013 निम्न सिद्धांत प्रतिपादित किया गया है:-
'' A '' complaint '' against the assessment made by assessing officer under Section
126 or against the offences committed under Sections 135 to 140 of the Electricity Act, 2003 is not maintainable before a Consumer Forum.''
माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उपरोक्त अपील में प्रतिपादित सिद्धांत के प्रकाश में परिवाद धारणीय नहीं था।
उपरोक्त विवेचना के दृष्टिगत पीठ इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि अपील स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार करते हुए जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, झांसी द्वारा परिवाद संख्या 406 सन 2016 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 14.11.2018 निरस्त करते हुए परिवाद निरस्त किया जाता है।
उभय पक्ष इस अपील का व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(विकास सक्सेना) (डा0 आभा गुप्ता )
सदस्य सदस्य
सुबोल(पी0ए)
कोर्ट संख्या -3