Rajasthan

Kota

CC/291/2012

Anil Kumar jain - Complainant(s)

Versus

Khubani Courier Service, Owner - Opp.Party(s)

Sanjay patodi

07 Dec 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।

प्रकरण संख्या-291/12
अनिल कुमार जैन पुत्र स्व0 मगन लाल जैन आयु 50 वर्ष निवासी 795 बसंत बिहार, कोटा, राजस्थान।                         -परिवादी।
                  बनाम
खुबानी कोरियर सर्विस, अलहातिम काॅम्पलेक्स, फस्र्ट फ्लोर, 257 शोपिंग  सेन्टर, कोटा, राजस्थान जर्ये मालिक।                     -विपक्षी
समक्ष   :
अध्यक्ष  :        भगवान दास     
सदस्य  :        हेमलता भार्गव 
       परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति-
1  श्री संजय पाटोदी, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
2  श्री परवेज आलम, अधिवक्ता, विपक्षी की ओर से। 

    निर्णय           दिनांक 07.12.15

परिवादी ने विपक्षी के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर उसका संक्षेप में यह सेवा-दोष बताया है कि दिनांक 15.06.12 को उसके जरिये एक लिफाफा भारत वर्षिय खंडेलवाल दिगम्बर जैन महासभा लखनउ (उत्तर प्रदेश) को 20/- रूपये जरिये रसीद संख्या 883286 अदा करके जिसमें अपनी पुत्री शिल्पी जैन का बायोडाटा, फोटो,रजिस्ट्रेशन शुल्क 300/- रूपये का बैंक ड्राफ्ट उनकी मासिक पत्रिका में प्रकाशन हेतु भेजा था। वह लिफाफा एक सप्ताह तक भी पाने वाले को डिलीवर नहीं हुआ। अप्रार्थी से सम्पर्क करने पर आश्वासन दिया कि शीघ्र डिलीवर कर दिया जावेगा। परन्तु कई बार सम्पर्क व शिकायत करने पर भी लिफाफा डिलीवर नहीं किया गया। लिफाफा भी नही लौटाया गया, इससे परिवादी को मानसिक संताप हुआ।

    विपक्षी ने मंच से प्रेषित नोटिस प्राप्त होने के उपरान्त जरिये वकील श्री परवेज आलम उपस्थिति दी, लेकिन पर्याप्त अवसर मिलने पर भी जवाब प्रस्तुत नहीं किया, कोई साक्ष्य भी नहीं दी। अन्त में सुनवाई के दौरान अनुपस्थित हो गया। 
    
    परिवादी के अधिवक्ता को सुना गया। पत्रावली का अवलोकन किया गया। 

    परिवादी ने विपक्षी द्वारा उसका लिफाफा पाने वाले को डिलीवर नहीं करने के परिवाद के तथ्य की पुष्टि हेतु शपथ-पत्र, अदा की गई शुल्क की रसीद की प्रति प्रस्तुत की है। 

    विपक्षी ने अवसर मिलने पर भी कोई खंडन नहीं किया है, इसलिये परिवादी के केस पर विश्वास नहीं करने का कोई कारण नहीं है। विपक्षी का यह सेवादोष सिद्ध है कि उसने परिवादी से शुल्क लेकर बुक किये गये लिफाफे को पाने वाले को डिलीवर नहीं किया, इससे परिवादी को मानसिक संताप होना स्वभाविक है ।

अतः परिवादी का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है। 

                      आदेश 

    परिवादी का परिवाद विपक्षी के खिलाफ स्वीकार किया जाकर विपक्षी को निर्देश दिये जाते है कि परिवादी द्वारा रजिस्टर्ड डाक से इस आदेश की प्रेषित प्रति प्राप्त होने के एक माह के अन्दर उसे आर्थिक क्षति के 360/- रूपये (ड्राफट राशि मय कमीशन व प्राप्ति शुल्क) व मानसिक संताप की भरपाई हेतु3,000/- रूपये, परिवाद व्यय के पेटे 1,500/- रूपये अदा किये जावे। 

(हेमलता भार्गव)                             ( भगवान दास)  
  सदस्य                                             अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद                          जिला उपभोक्ता विवाद 
प्रतितोष  मंच, कोटा।                           प्रतितोष मंच, कोटा।
    निर्णय  आज दिनंाक 07.12.15 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया। 
                                     
  सदस्य                                           अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद                         जिला उपभोक्ता विवाद 
प्रतितोष  मंच, कोटा।                          प्रतितोष मंच, कोटा।

 

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