जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-72/2012
अंकित अरोड़ा पुत्र प्रेम कुमार अरोड़ा निवासी जी-9, इन्द्रप्रस्थ अपार्टमेंट, रतनलाल नगर, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
1. मेसर्स खन्ना आटो सेल्स प्राईवेट लि0, 7/108-बी, स्वरूप नगर कानपुर नगर द्वारा प्रोपराईटर।
2. हुण्डई मोटर्स इण्डिया लि0 पंजीकृत कार्यालय स्थित प्लाट नं0 एच.आई. एसपीआईसी ओटी इण्डस्ट्रिल पार्क इरूंगटुककुटाई श्री पेरम्बटूर तालुक जिला कांचीपुरम, तमिलनाडु-602105
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 02.02.2012
निर्णय की तिथिः 22.06.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षीगण को आदेषित किया जाये कि परिवादी से उक्त डिफेक्टिव वाहन वापस लेकर वाहन की कीमत रू0 4,25,620.00 क्रय की तिथि से 18 प्रतिषत वार्शिक ब्याज सहित परिवादी को विपक्षी से वापस दिलाया जाये तथा आर्थिक, मानसिक, षारीरिक एवं सामाजिक क्षति हेतु रू0 5,00,000.00 बतौर क्षतिपूर्ति व रू0 11,000.00 परिवाद व्यय दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने विपक्षी सं0-1 से एक किता हुण्डई कार जिसका रजिस्ट्रेषन नं0-न्च्.78.ब्म्ध्4020 है और जिसका माॅडल आई-10 कलर सफेद दिनांक 10.11.10 को रू0 4,25,620.00 में क्रय किया था। उक्त वाहन विपक्षी सं0-2 द्वारा निर्मित था एवं विपक्षी सं0-2 द्वारा उक्त वाहन पर क्रय की
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तिथि से तीन वर्श या 60000 किमी0 की वारंटी दी गयी थी, जिसके अनुसार उक्त वाहन में उक्त अवधि में किसी प्रकार की खराबी आने पर उसे तुरन्त रिपेयर किया जाना था। परिवादी द्वारा उक्त वाहन प्रयोग में लाये जाने पर क्रय की दिनंाक 10.11.10 के 15 दिन बाद फ्रंट सस्पेन्सन स्टेयरिंग में समस्या उत्पन्न होने लगी तथा परिवादी द्वारा उक्त समस्या को प्रथम सर्विस दिनंाक 30.11.10 के दौरान बताया गया, जिस पर विपक्षी सं0-1 द्वारा परिवादी के उक्त वाहन को 4-5 घंटे तक रखकर उक्त वाहन वापस किया गया, परन्तु उक्त वाहन को पुनः इस्तेमाल में लाने पर 3 महीने भर बाद ही वही समस्या उत्पन्न हो गयी थी तथा चलाते वक्त सस्पेंषन लड़खड़ाने व स्टेयरिंग से आवाज आने लगी। परिवादी द्वारा उक्त समस्या को विपक्षी सं0-1 से पुनः बताने पर विपक्षी सं0-1 द्वारा दिनांक 16.03.11 को उक्त वाहन दिन भर अपने पास रियेपर हेतु रखा गया तथा षाम को यह कहते हुए कि आपका वाहन ठीक हो गया है। परिवादी को वाहन की डिलेवरी दी गयी, परन्तु परिवादी द्वारा वाहन को इस्तेमाल में लाने पर समस्या ज्यों की त्यों बनी रही, जिस पर परिवादी द्वारा दिनांक 22.03.11 को पुनः गाड़ी विपक्षी सं0-1 द्वारा 4-5 घंटे तक परिवादी के वाहन को रखकर रिपेयर किया गया तथा षाम को यह कहकर परिवादी को वाहन वापस किया गया कि वाहन में एक पार्ट में समस्या है एवं कंपनी में वह पार्ट आने पर गाड़ी को पुनः रिपेयर किया जायेगा। उसके उपरान्त दिनांक 31.03.11 को कंपनी से पार्ट आने पर विपक्षी सं0-1 द्वारा उक्त पार्ट को परिवादी के वाहन में लगाया और लगभग 4-5 घंटे तक वाहन रखकर वाहन को रिपेयर किया गया। इस प्रकार विपक्षी सं0-1 प्रष्नगत वाहन की उक्त समस्या को बिल्कुल दूर नहीं कर पाया। परिवादी द्वारा दूसरी सर्विस दिनांक 07.05.11 को कराते समय विपक्षी सं0-1 से षिकायत नोट करायी गयी एवं विपक्षी सं0-1 द्वारा परिवादी को आवष्वस्त किया गया कि उक्त वाहन में अब कोई समस्या नहीं होगी। विपक्षी सं0-1 के पूर्ण आष्वासन के बावजूद उक्त वाहन की समस्या दूर नहीं हुई, बल्कि वाहन में फ्रंट सस्पेंन्सन में आवाज तथा स्टेयरिंग में आवाज की समस्या
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बराबर बनी रही, जिससे वाहन चलाये जाते समय स्टेयरिंग बुरी तरह लड़खड़ाने लगती थी और चलाते-चलाते स्टेयरिंग से आवाज भी आने लगती थी। उसके उपरान्त परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-1 को दिनंाक 26.05.11 एवं 17.06.11 को उक्त वाहन को पुनः दिखाया गया, जिस पर दिनांक 17.06.11 को विपक्षी सं0-1 की वर्कषाप द्वारा दिनांक 31.03.11 वाला पार्ट पुनः बदला गया, परन्तु परिवादी के वाहन में किसी प्रकार से उक्त निर्माणी दोश दूर नहीं हुआ एवं परिवादी का उक्त वाहन कई बार रिपेयर के लिए विपक्षी सं0-1 को भेजा गया, परन्तु हर बार विपक्षी सं0-1 द्वारा औरी-फौरी तौर पर वाहन को पुनः वापस भेज दिया जाता रहा। परिवादी द्वारा तृतीय सर्विस के समय दिनांक 04.11.11 को विपक्षी सं0-1 को पुनः उक्त समस्या एवं एक्सीलेटर के हार्ड होकर फंसने के बारे में बताये जाने पर विपक्षी सं0-1 द्वारा एक्सीलेटर की केबिल बदल दी गयी परन्तु अन्य समस्या यथावत् बनी रही। प्रष्नगत गाड़ी इस्तेमाल करने पर 10 दिन बाद ही प्रष्नगत गाड़ी का आर.पी.एम. स्थिर न होने के कारण दिनांक 24.11.11 को प्रष्नगत वाहन को विपक्षी सं0-1 द्वारा एक दिन रिपेयर हेतु रखने के बाद वाहन की आर.पी.एम. यूनिट/ई.सी.यू. यूनिट बदल दी गयी तथा दिनांक 25.11.11 को वाहन की डिलेवरी दी गयी। विपक्षी सं0-1 द्वारा वाहन की सस्पेंषन में आवाज और स्टेयरिंग में आवाज का खड़खड़ाना लगातार होने पर दिनंाक 01.12.11 को विपक्षी सं0-1 द्वारा पुनः गाड़ी लेकर मरम्मत की गयी और षाम को गाड़ी वापस की गयी। परन्तु वाहन का निर्माण दोश होने के कारण उसी तरह बना हुआ है और परिवादी के वाहन में पूर्व समस्या के अलावा गाड़ी के एक्सीलेटर पैडल का हार्ड होना एवं इंजन का लोड लेना (जिससे गाड़ी भारी चलती है) वर्तमान समय में भी बना हुआ है। इस प्रकार विपक्षीगण द्वारा परिवादी को पूर्णतयः डिफेक्टिव वाहन विक्रय किया गया है एवं उक्त वाहन में लगातार निर्माणी दोश होने के कारण एवं अचानक स्टेयरिंग जाम होने तथा एक्सीलेटर पैडल जाम होने से परिवादी वाहन दुर्घटना का षिकार हो चुका है तथा उसकी पत्नी को भी उक्त वाहन चलाने में आये दिन जान का खतरा बना
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हुआ है। भयवष परिवादी व उसकी पत्नी उचित समय पर वाहन का उपयोग नहीं कर पाते हैं। विपक्षीगण के अधिकारियों द्वारा भी वाहन के निर्माण सम्बन्धी कमियों को स्वीकार किया गया है, परन्तु प्रष्नगत वाहन के निर्माणी दोश को आज तक दूर नहीं किया गया है। जिसके कारण परिवादी अपने द्वारा खर्च की गयी धनराषि का कोई प्रतिफल नहीं प्राप्त कर पा रहा है तथा लम्बे समय तक प्रष्नगत वाहन में निर्माणी दोश होने के कारण न सिर्फ परिवादी को मानसिक पीड़ा हो रही है, बल्कि सामाजिक स्तर में भी गंभीर क्षति पहुॅच रही है, जिसके लिए विपक्षीगण पूर्णतयः जिम्मेदार हैं। अतः विवष होकर परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. विपक्षी सं0-1 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और अतिरिक्त कथन में विस्तार से यह कहा गया है कि परिवादी की प्रष्नगत कार में किसी प्रकार की निर्माणी व तकनीकी अथवा मैकेनिकल अथवा किसी प्रकार की त्रुटि उस समय नहीं थी, जब विपक्षी सं0-1 द्वारा परिवादी को विक्रय की गयी थी। परिवादी द्वारा प्रष्नगत कार में सस्पेंषन अथवा स्टेयरिंग के सम्बन्ध में जब भी षिकायत की गयी, तब विपक्षी सं0-1 द्वारा बिना कोई विलम्ब कारित किये हुए पाॅलिसी की वारंटी अवधि में ठीक की गयी और इस प्रकार परिवादी को समुचित सेवायें प्रदान की गयीं। परिवादी को कोई वाद कारण उत्पन्न नहीं हुआ। परिवादी को कोई मानसिक, सामाजिक, आर्थिक क्षति कारित नहीं हुई है। परिवादी तथा उसकी पत्नी द्वारा प्रष्नगत वाहन क्रय किये जाने के पष्चात से इस्तेमाल किया जा रहा है। परिवादी के द्वारा दिनांक 11.02.12 को विपक्षी सं0-1 के यहां अपनी कार लायी गयी। परिवादी द्वारा स्टेयरिंग में आवाज और सस्पेंषन में समस्या बतायी गयी, जिसे ठीक किया गया और प्रष्नगत वाहन बिल्कुल ठीक स्थिति में है। दिनंाक 11.09.12 को परिवादी की कार अधिकतम 18490 किलोमीटर चल चुकी थी। परिवादी एक वर्श से अधिक समय तक प्रनष्गत कार का प्रयोग कर चुका है और
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इस कारण परिवादी को अब उक्त कार बदलकर दूसरी कार नहीं दी जा सकती है। 18490 किलोमीटर चलाये जाने के पष्चात परिवादी का यह कथन असत्य है कि प्रष्नगत कार में कोई निर्माणी त्रुटि थी। परिवादी द्वारा वास्तविक तथ्यों को छिपाकर प्रस्तुत परिवाद योजित किया गया है। परिवादी द्वारा फोरम के समक्ष इस तथ्य को छिपा लिया गया है कि प्रष्नगत कार इस अवधि में 4 बार क्रमषः दिनांक 09.02.11, 04.11.11, 24.11.11 व 06.02.12 को दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी है और जब परिवादी उक्त कार को नई कार से बदलना चाहता है। अतः उपरोक्त कारणों से परिवाद संधार्य नहीं है।
4. विपक्षी सं0-2 की ओर से जवाब दावा प्रारम्भिक आपत्ति के रूप में तथा प्रस्तरवार उत्तर के रूप में कुल 9 पृश्ठों में प्रस्तुत किया गयाहै, जिसका उल्लेख संक्षेप में किया जायेगा और तथ्यों की पुनरावृत्ति नहीं की जायेगी। उत्तरदाता विपक्षी सं0-2 की ओर से उपरोक्त जवाब दावा प्रस्तुत करके यह कहा गया है कि परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद अनावष्यक प्रचार प्राप्त करने की मंषा से तथा विपक्षी के सम्मान को ठेंस पहुॅचाने की मंषा से योजित किया गया है। विपक्षी/उत्तरदाता एक सुप्रसिद्ध हुण्डई मोटर इण्डिया लि0 है। प्रष्नगत कार विपक्षी सं0-2 (डीलर) के द्वारा परिवादी को दिनंाक 10.11.10 को नई हालत में व पूर्णरूपेण कार्यरत् स्थिति में विक्रय की गयी थी। विक्रय के समय कोई तकनीकी, मषीनी अथवा अन्य कोई त्रुटि नहीं थी। परिवादी को परिवाद योजित करने का कोई वाद कारण नहीं है। प्रष्नगत कार दिनंाक 11.02.12 तक कुल 18490 किलोमीटर की लंबी यात्रा कर चुकी है और एक वर्श से अधिक समय तक चलायी जा चुकी है। प्रष्नगत कार में जो भी कमी परिवादी द्वारा वारंटी अवधि में बतायी गयी, वह विपक्षी के द्वारा ठीक की गयी है। परिवादी को प्रष्नगत कार के स्थान पर नई कार की मांगने का कोई अधिकार नहीं है। यदि प्रष्नगत कार में कोई निर्माणी त्रुटि होती है, तो 18490 किलोमीटर की लंबी यात्रा नहीं कर सकती थी। वास्तविक रूप में परिवादी द्वारा वास्तविक तथ्यों को फोरम से छिपाकर प्रस्तुत परिवाद योजित किया गया
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है। परिवादी द्वारा यह तथ्य छिपाया गया है कि प्रष्नगत वाहन 4 बार क्रमषः दिनंाक 09.02.11, 04.11.11, 24.11.11 व 06.02.12 को दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी है, इसलिए परिवादी प्रष्नगत कार को बदलना चाहता है। विपक्षी का उत्तरदायित्व वारंटी अवधि में बनता है। विपक्षी/उत्तरदाता डीलर एवं विपक्षी सं0-1 का सम्बन्ध सिद्धांतों के आधार पर होता है। सम्बन्धित डीलर प्रष्नगत कार में किसी कमी अथवा गलत प्रतिनिधित्व के लिए उत्तरदायी होता है। वारंटी अवधि में डीलर का यह उत्तरदायित्व होता है कि वह हुण्डई असली पार्ट को वारंटी अवधि में बदले अथवा मरम्मत करे। किन्तु वाहन को बदलने अथवा वाहन की कीमत वापस करने का उत्तरदायित्व नहीं होता है।
विपक्षी/उत्तरदाता द्वारा अपने कथन के समर्थन में अपने जवाब दावा में मारूती उद्योग लि0 बनाम सुषील कुमार गबरोत्रा एवं अन्य ;2006द्ध ब्च्श्र 3 ;ैब्द्ध एवं मेसर्स टाटा इंजीनियरिंग एण्ड लोकोमोटिव कंपनी लि0 एवं अन्य बनाम एम0 मूसा, महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लि0 बनाम बी.जी. ठाकुर देसाई एवं अन्य, कंज्यूमर केसेस 362 राश्ट्रीय आयेाग एवं डा0 हेमा वसंतिअल डकोरिया बनाम बजाज आटो लि0 एवं अन्य प्प् ;2005द्ध ब्च्श्र 102 ;छब्द्ध का उल्लेख करते हुए यह कहा गया है कि मा0 उच्चतम न्यायालय एवं मा0 राश्ट्रीय आयेाग द्वारा अपने विधि निर्णयों में यह विधिक सिद्धांत प्रतिपादित किया गया है कि यदि विवादित वाहन में कोई ऐसी कमी है, जिसकी मरम्मत की जा सकती है, तो ऐसे मामलों में परिवादी को प्रष्नगत वाहन के बदले में नये वाहनों को प्राप्त करने का अथवा वाहन की सूपर्ण कीमत प्राप्त करने का अधिकार नहीं होगा। प्रष्नगत वाहन की विस्तारित वारंटी अवधि 3 वर्श की अथवा 60000 किलोमीटर की थी, जिसकी वैधता दिनांक 09.11.13 तक थी। परिवादी द्वारा प्रथम बार प्रष्नगत वाहन दिनांक 30.11.10 को विपक्षी सं0-1 के यहां स्टेयरिंग एवं सस्पेंषन की आवाज के लिए लाया गया, जहां पर कंपनी के इंजीनियरों द्वारा निरीक्षणोपरान्त कोई कमी नहीं पायी गयी और पुनः बिल्कुल सही हालत में प्रष्नगत कार परिवादी को प्राप्त करायी गयी। मरम्मत आदेष दिनांक 30.11.10 पत्रावली
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पर संलग्नक-4 के रूप में उपलब्ध है। प्रष्नगत कार दिनांक 09.02.11 को दुर्घटनाग्रस्त के पष्चात मरम्मत हेतु विपक्षी सं0-1 के वर्कषाप में लायी गयी थी, जिसे ठीक करके पुनः परिवादी को वापस किया गया। इसके बाद पुनः दिनांक 16.03.11 को परिवादी द्वारा विपक्षी के यहां स्टेयरिंग में आवाज तथा सस्पेंषन की षिकायत लेकर प्रस्तुत की गयी, किन्तु जांचोपरान्त यह पाया गया कि अभिकथित कमी कार में नहीं थी। अतः पुनः प्रष्नगत कार सही हालत में दी गयी। इसी प्रकार दिनांक 22.03.11 को प्रष्नगत कार विपक्षी सं0-1 के यहां लायी गयी थी, जिसमें जांचोपरान्त कमी न पाने पर परिवादी को सही हालत में वापस की गयी। दिनांक 31.03.11 को पुनः प्रष्नगत कार विपक्षी सं0-1 के यहां पहियों के इलायमेंट और पावर स्टेयरिंग की आवाज ठीक करने के लिए लायी गयी। जांचोपरान्त कोई कमी नहीं पायी गयी, किन्तु परिवादी की संतुश्टि के लिए स्टेयरिंग की असेम्बली बदल दी गयी। दिनंाक 07.05.11 को दूसरी निःषुल्क सर्विस के लिए प्रष्नगत कार प्रस्तुत की गयी। निःषुल्क सर्विस के पष्चात प्रष्नगत कार सही हालत में परिवादी को वापस की गयी। मरम्मत जाॅबकार्ड दिनांकित 07.05.11 के अनुसार उक्त तिथि पर प्रष्नगत कार में कोई कमी नहीं थी। दिनंाक 17.06.11 को स्टेयरिंग में आवाज की षिकायत को लेकर परिवादी द्वारा प्रष्नगत कार विपक्षी सं0-1 के यहां लायी गयी। उस समय तक परिवादी प्रष्नगत वाहन 11678 किलोमीटर तक चला चुका था। विपक्षी सं0-2 के द्वारा वारंटी पीरियड में स्टेयरिंग असेम्बली ठीक की जा चुकी थी। दिनांक 04.11.11 को तीसरी निःषुल्क सेवा के लिए परिवादी द्वारा प्रष्नगत कार विपक्षी सं0-1 के वर्कषाप में लायी गयी। परिवादी द्वारा एक्सीलेटर पैडल को दबाने पर कठिनाई की समस्या बतायी गयी। अतः केवल असेम्बली एक्सीलेटर को वारंटी अवधि होने के कारण बदल दिया गया। दिनांक 24.11.11 को इंजन के आर.पी.एम. को बढ़ाने के सम्बन्ध में प्रष्नगत कार विपक्षी सं0-2 के वर्कषाप में लायी गयी, उस समय तक परिवादी प्रष्नगत कार 17015 किलोमीटर चला चुका था।इलेक्ट्रानिक यूनिट कंट्रोल को विपक्षी सं0-2 के द्वारा बदल
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दिया गया। दिनंाक 01.12.11 को पुनः प्रष्नगत कार सामने से आवाज आने और स्टेयरिंग से आवाज आने की षिकायत के साथ लायी गयी। पुनः ठंसस रवपदज ंेेमउइसल स्ॅत् ंतउ बवअमत सवूमत ंतउ इंसस रवपदज कनेज पिमसक पिग ापज ेजममतपदह हमंत वांरटी अवधि में विपक्षी सं0-2 द्वारा बदल दिया गया। परिवादी के द्वारा अंतिम बार प्रष्नगत कार दिनंाक 11.02.12 को विपक्षी के वर्कषाप में लाने पर स्पश्ट होता है कि अभिकथित कोई समस्या प्रष्नगत वाहन में नहीं थी। विपक्षी द्वारा सेवा में कोई कमी कारित नहीं की गयी है। अतः परिवादी का परिवाद खारिज किया जाये।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 13.01.12, 11.07.13 व 18.01.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में संलग्नक कागज सं0-1 लगातय् 13, कागज सं0-3/1 लगातय् 3/23 तथा सूची के साथ संलग्न कागज सं0-4/1 लगायत् 4/53 व सूची दिनांकित 16.12.14 के साथ कम्प्यूटर कापियर विव आफ डिफरेंट पर्सन फ्राम टिफरेंट लोकेषन की 108 प्रतियां एवं लिखित बहस दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6. विपक्षी सं0-1 ने अपने कथन के समर्थन में पुनीत खन्ना का षपथपत्र दिनांकित 07.11.13 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में एनेक्जर 1 लगायत् 8 दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-2 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
7. विपक्षी सं0-2 ने अपने कथन के समर्थन में मनीष कुमार असिस्टेंट इंजीनियर का षपथपत्र दिनांकित 13.01.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में कागज सं0-2/1 लगायत् 2/17 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
निष्कर्श
8. फोरम द्वारा परिवादी तथा विपक्षी सं0-1 व 2 के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं परिवादी द्वारा प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
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उभयपक्षों को सुनने एवं परिवादी द्वारा प्रस्तुत लिखित बहस तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने परिवाद में लगातार यह कहा गया है कि प्रष्नगत वाहन विपक्षीगण के द्वारा परिवादी को निर्माण दोशयुक्त विक्रय किया गया है। जबकि विपक्षीगण के द्वारा यह कहा गया है कि परिवादी को प्रष्नगत वाहन विक्रय की तिथि पर बिना किसी निर्माणी दोश के, सही हालत में बेंचा गया है। परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद वास्तविक तथ्यों को छिपाकर प्रस्तुत किया गया है। वास्तव में प्रष्नगत वाहन क्रमषः दिनंाक 09.02.11, 04.11.11, 24.11.11 एवं 06.02.11 को 4 बार दुर्घटनाग्रस्त हो चुका है।
उपरोक्तानुसार उपरोक्त बिन्दु पर उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा षपथपत्रों के अतिरिक्त अन्य कई दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं, किन्तु परिवादी द्वारा विपक्षीगण की ओर से प्रष्नगत वाहन उपरोक्तानुसार 4 बार दुर्घटनाग्रस्त होने के विरूद्ध कोई सारवान साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है और न ही तो खण्डन किया गया है। विपक्षीगण द्वारा अपने कथन के समर्थन में संलग्नक 1 लगायत् 8 प्रस्तुत किये गये हैं, जिनसे विपक्षीगण का उपरोक्त कथन साबित सिद्ध होता है। विपक्षीगण के द्वारा उपरोक्त विधि निर्णय मारूती उद्योग लि0 बनाम सुषील कुमार गबरोत्रा एवं अन्य, मेसर्स टाटा इंजीनियरिंग एण्ड लोकोमोटिव कंपनी लि0 एवं अन्य बनाम एम0 मूसा, महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लि0 बनाम बी.जी. ठाकुर देसाई एवं अन्य तथा डा0 हेमा वसंतिअल डकोरिया बनाम बजाज आटो लि0 एवं अन्य का उल्लेख किया गया है, जिनका पूर्ण साइटेषन का उल्लेख ऊपर किया गया है। उपरोक्त विधि निर्णयों में प्रतिपादित विधिक सिद्धांत से प्रस्तुत मामले में मार्गदर्षन प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त विपक्षीगण की ओर से फोरम का ध्यान विधि निर्णय कुमारी नम्रता सिंह बनाम मैनेजर इण्डस 2012 ;95द्ध ।स्त् 829 की ओर आकृश्ट किया गया है, जिसमें मा0 राश्ट्रीय आयेाग द्वारा यह विधिक सिद्धांत प्रतिपादित किया गया है कि जहां पर परिवादी द्वारा प्रष्नगत वाहन के सम्बन्ध में निर्माणी त्रुटि कहकर परिवाद
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दाखिल किया गया हो, वहां पर परिवादी का यह उत्तरदायित्व है कि वह किसी तकनीकी विषेशज्ञ की राय से अपने कथन को प्रमाणित करे। प्रस्तुत मामले में परिवादी द्वारा उपरोक्तानुसार कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों के आलोक में फोरम का यह मत है कि परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
9. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध खारिज किया जाता है। उभयपक्ष अपना-अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।