(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1290/2011
(जिला उपभोक्ता आयोग, लखीमपुर-खीरी द्वारा परिवाद संख्या-116/2009 में पारित निणय/आदेश दिनांक 21.4.2011 के विरूद्ध)
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि0, द्वारा एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन डिवीजन-I, लखीमपुर खीरी।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
खजान सिंह पुत्र गुज्जर सिंह, निवासी बुड़नापुर, थाना कोतवाली लखीमपुर, परगना श्रीनगर, जिला लखीमपुर खीरी।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री मोहन अग्रवाल।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 02.07.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-116/2009, खजान सिंह बनाम मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 में विद्वान जिला आयोग, लखीमपुर-खीरी द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 21.04.2011 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
2. विद्वान जिला आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए निम्नलिखित दो आदेश पारित किए हैं :-
''1. परिवादी को एक माह के अंदर विद्युत संयोजन उपलब्ध कराए।
2. बतौर हर्जा व अधिवक्ता फीस के रूप में अंकन 50,000/-रू0 परिवादी को अदा करें। ''
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार दिनांक 16.8.2008 को परिवादी ने विद्युत संयोजन लेने के लिए आवेदन किया और अंकन 200/-रू0 जमा किए, इसके बाद अंकन 12,000/-रू0 दिनांक 10.9.2008 को जमा किए तथा अंकन 7,000/-रू0 खम्भा लगवाने के लिए खर्च किए, परन्तु विद्युत संयोजन जारी नहीं हुआ। अत: विद्युत संयोजन जारी करने के लिए दिया गया निष्कर्ष विधिसम्मत है।
4. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि जो लाइन परिवादी द्वारा खिंचवाई गई थी, वह लोकेन्द्र बहादुर सिंह नामक व्यक्ति द्वारा उखाड़ी गई, जिस पर जिला मजिस्ट्रेट द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया गया, जिसके लिए परिवादी उत्तरदायी है। अत: हर्जा व अधिवक्ता फीस अधिरोपित करने का कोई औचित्य नहीं है। तदनुसार अंकन 50,000/-रू0 हर्जा व अधिवक्ता फीस के रूप में पारित आदेश परिवर्तित होने और प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
5. प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 21.04.2011 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि हर्जा व अधिवक्ता फीस की मद में अंकन 5,000/-रू0 की राशि परिवादी को देय होगी। शेष निर्णय/आदेश पुष्ट किया जाता है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय/आदेश आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
दिनांक 02.07.2024
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2