Uttar Pradesh

Faizabad

CC/67/2008

Dr. Mahendra Dutt Chaturvedi - Complainant(s)

Versus

Khadi Gramoudyog Bhundar - Opp.Party(s)

22 Feb 2016

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM
Judgement of Faizabad
 
Complaint Case No. CC/67/2008
 
1. Dr. Mahendra Dutt Chaturvedi
Devkali Benigunj Faizabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Khadi Gramoudyog Bhundar
Civil Lines Faizabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA MEMBER
 HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद । 
    


    
़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़                    ़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़उपस्थितिः-(1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष

                            (2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
                            (3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य


               परिवाद सं0-67/2008

डा0 महेन्द्र दत्त चतुर्वेदी निवासी शाहजहाॅंपुर नियर रेलवे क्रासिंग पोस्ट जनौरा निकट देवकाली बेनीगंज क्रासिंग फैजाबाद                     .................... परिवादी

                    बनाम

    मैनेजर खादी ग्रामोद्योग भण्डार सिविल लाइन फैजाबाद      .................... विपक्षी

निर्णय दि0 22.02.2016
                  

      निर्णय

उद्घोषित द्वारा-श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष

        परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी के विरूद्ध कम्बल की कीमत तथा क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु योजित किया है। 

        संक्षेप में परिवादी का परिवाद इस प्रकार है कि परिवादी ने दि0 01.11.2007 को विपक्षी के ग्रामोद्योग भण्डार से एक ऊनी चादर (कम्बल) खरीदा, जिसकी कीमत मु0 725=00 थी। उस पर मु0 217=00 की छूट काट कर विपक्षी ने उक्त कम्बल को मु0 508=00 में दिया। कम्बल देते समय विपक्षी ने यह कहा था कि यह नया स्टाक 

 

 

                        (  2  )

का कम्बल है जबकि परिवादी ने शक किया कि पुराना स्टाक की तरह कम्बल दिख रहा है, तब विपक्षी ने कहा था कि खादी वस्त्र नहीं विचार है यदि कम्बल में खराबी होगी तो कम्बल तुरन्त वापस हो जायेगा। विपक्षी यह जानता था कि कम्बल पुराना स्टाक है इसलिए उस कम्बल की सुरक्षा हेतु कवर (खोल) लेने की जिद करने लगा था ताकि पुराना स्टाक कम्बल की वास्तविकता परिवादी को न मालूम हो। परिवादी उस कम्बल को अपने घर ले गया तथा ओढ़ने के दूसरे दिन से ही उस कम्बल के छोटे-छोटे टुकड़े ऐसे गिरने लगे जैसा पका आम का फल पेड़ से टपकता है। विश्वास करके उस कम्बल को एक सप्ताह के अन्दर ही वापस करना चाहा परन्तु विपक्षी ने कम्बल वापस करने से इन्कार कर दिया तथा यह कहा कि बिका कम्बल वापस नहीं होगा। इस प्रकार विवश होकर परिवादी को यह परिवाद प्रस्तुत करना पड़ा। 
        विपक्षी ने अपने जवाब में कहा कि दि0 01.11.2007 को एक ऊनी चादर खरीदा जाना सही है जिसका मु0 508=00 परिवादी ने विपक्षी को अदा किया था और उसका कैश मेमो भी विपक्षी ने परिवादी को उसी दिन दिया था लेकिन इस धारा का यह कथन कि विपक्षी ने परिवादी को चादर का कवर लेने के लिए कहा गलत है। परिवादी का यह कथन भी गलत है कि उसने यह कहा हो कि चादर पुराने स्टाक की है उक्त चादर नया था और उसमें कोई खराबी नहीं थी। परिवादी ने खूब देखभाल कर उसे खरीदा था। चादर खरीदने के कुछ दिन बाद महेन्द्र दत्त चतुर्वेदी भण्डार पर आये और उन्होंने भण्डार पर उपस्थित विपक्षी से कहा कि उनके पास एक कम्बल है जो पुराना हो गया है। उसे बदल कर नया दे दें। उन्होंने इस कार्य के लिए विपक्षी को कुछ धन भी देेने की बात कही और कहा कि यह बड़ी संस्था है उसमें कुछ पता नहीं चलेगा। यह बात सुनकर विपक्षी को आश्चर्य हुआ और उसने परिवादी से कहा कि आप ऐसा गलत कार्य करने की बात क्यों कह रहे है जब उन्होंने बताया कि वह कालेज के प्रिंसिपल थे तो विपक्षी ने उनसे यह बात अवश्य कही कि आपको शर्म आनी चाहिए आपने विद्यार्थियों को क्या पढ़ाया होगा और इसी में वह नाराज भी हो गये और यह कहते हुए चले गये कि उन्होंने बहुतो को सिखाया है और तुम्हें भी सिखा दूॅंगा।

        मैं  परिवादी  के विद्वान अधिवक्ता तथा विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता की बहस 

 

 

                        (  3  )

सुनी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया। इस परिवाद में परिवादी ने विपक्षी से दि0 01.11.2007 को ग्रामोद्योग भण्डार से ऊनी चादर मु0 725=00 में क्रय किया उस पर मु0 217=00 की छूट थी। इस प्रकार ऊनी चादर मु0 508=00 का दिया जिसकी रसीद परिवादी ने परिवाद के साथ प्रेषित किया है। परिवादी ने कहा कि यह चादर ठीक नहीं थी। ऊन कट-कट कर अलग हो रहा था। विपक्षी के पास वापस करने के लिए गया वापस नहीं किया। विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि परिवादी ने जो एनेक्जर सं0-3 के साथ रसीद प्रेषित किया है परिवादी के ऊनी चादर मु0 725=00 में बेचा था। छूट के बाद मु0 508=00 में पड़ा। परिवादी ऊनी चादर के स्थान पर पुराना कम्बल ले आया उसे वापस नहीं किया। यदि ऊनी चादर लाता तो उसे बदल देता। विपक्षी ने परिवादी को रसीद के अनुसार ऊनी चादर बेचा ह,ै कम्बल नहीं बेचा है। परिवादी ने अपने अनुतोष में कम्बल की कीमत मु0 508=00 की माॅंग किया है। ऊनी चादर के कीमत की माॅंग नहीं किया है। इस प्रकार परिवादी का परिवाद दस्तावेजी साक्ष्य से मेल नहीं खाता है। विपक्षी ने परिवादी को ऊनी चादर बेची है कम्बल नहीं बेचा है। इस प्रकार परिवादी के परिवाद में बल नहीं पाता हूॅं। परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है। 

    आदेश            
        परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।     
        
   (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)              (चन्द्र पाल)              
            सदस्य                  सदस्या                     अध्यक्ष   

निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 22.02.2016 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया  गया।

        (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)              (चन्द्र पाल)           
       सदस्य                 सदस्या                     अध्यक्ष    

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY]
MEMBER

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