Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/80/2013

RAM NATH RAY - Complainant(s)

Versus

KHADI GRAMODYOG - Opp.Party(s)

PARAS NATH TIWARI

25 Feb 2022

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 80 सन् 2013

प्रस्तुति दिनांक 10.06.2013

                                                                                              निर्णय दिनांक 25.02.2022

रामनाथ राय पुत्र स्वo लालसा राय उम्र 73 वर्ष साकिन बरहतिर, थाना+पोस्ट- जहानागंज, तहसील- सदर, जिला- आजमगढ़ (उoप्रo)   

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

खादी ग्रामोद्योग समिति हरिजन गुरुकुल हीरापट्टी आजमगढ़ (उoप्रo) द्वारा अध्यक्ष/मंत्री।    

  1. विपक्षी।

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह विपक्षी के संस्था से जुलाई 2001 में 60 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त हुआ था। सेवानिवृत्त के पश्चात् उसे जीवन वेतन व कार्यकर्ता अमानत संस्था द्वारा नहीं दिया गया। इस सन्दर्भ में परिवादी द्वारा विपक्षी संस्था को अनेकों बार पत्र लिखा गया लेकिन विपक्षी संस्था द्वारा आज तक भुगतान नहीं किया गया। अतः विपक्षी से जीवन वेतन तथा कार्यकर्ता अमानत की रकम रुपया 1,04,263.66 मय ब्याज तथा 2,00,000/- रुपए मानसिक पीड़ा, आर्थिक नुकसानी व वादखर्च हेतु परिवादी को दिलाया जाए।  

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 8/1ता8/10 परिवादी द्वारा खादी ग्रामोद्योग समिति को लिखे गए पत्र की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।  

कागज संख्या 27क² विपक्षी द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवादी ने यह परिवाद गलत कथन के आधार पर प्रस्तुत किया है। परिवादी को सेवानिवृत्त के बाद परिवादी एवं संस्था के प्रस्ताव द्वारा दिनांक 25.07.2004 द्वारा संस्था का मंत्री बनाया गया। जिसके बाबत प्रार्थना पत्र में छिपाया गया है। परिवादी जब संस्था का मंत्री था तब उस समय तथाकथित बकाया की मांग क्यों नहीं किया। इसका कोई उल्लेख प्रार्थना पत्र में नहीं है जबकि एक वर्ष सम्पूर्ण कार्यभार की जिम्मेदारी परिवादी की ही रही थी। अव्वलन परिवादी का तथाकथित कोई बकाया संस्था के जिम्मे बाकी नहीं है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।  

विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में विपक्षी द्वारा कागज संख्या 32/1ता32/9 स्टाम्प पेपर मय संशोधित नियमावली, कागज संख्या 32/10ता32/12 सिविल जज सीनियर डिवीजन के यहाँ याचना की प्रमाणति छायाप्रति, कागज संख्या 32/13ता32/17 खादी ग्रामोद्योग समिति परिषद् की बैठक प्रपत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 36/2व3 न्यायालय अपर जिला जज कोर्ट नं. 04 आजमगढ़ द्वारा पारित आदेश के प्रमाणति छायाप्रति तथा कागज संख्या 36/5 माo अपर जिला जज आजमगढ़ द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में पारित आदेश की प्रमाणित छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।  

बहस के दौरान पुकार कराए जाने पर उभय पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आए तथा उभय पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ताओं ने अपना-अपना बहस सुनाया। बहस सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि पत्रावली में कागज संख्या 36/2 पक्षकारों के मध्य माननीय जनपद न्यायाधीश के समक्ष सुलहनामा प्रस्तुत किया गया था, जिस पर कागज संख्या 36/5 आदेश पारित किया गया था। जिस वाद कारण व पक्षकारों के मध्य माननीय जनपद न्यायाधीश के यहाँ अपील में पक्षकारों ने सुलह किया है उन्हीं पक्षकारों तथा उसी वाद कारण के सन्दर्भ में यह भी याचना इस आयोग में प्रस्तुत की गयी है। चूंकि माननीय जनपद न्यायाधीश के समक्ष पक्षकारों के मध्य सुलह हो चुकी है और सुलहनामा पर माननीय जनपद न्यायाधीश ने आदेश भी पारित कर दिया है। अतः उन्हीं पक्षकारों के मध्य तथा उसी वाद कारण पर दूसरा मुकदमा नहीं चल सकता है जैसा कि परिवादी द्वारा यह परिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया है। परिवादी अब इस परिवाद में उपस्थित भी नहीं आ रहा है, केवल उसके विद्वान अधिवक्ता श्री पारसनाथ तिवारी उपस्थित आकर अपनी बात कहते हैं। चूंकि मामले में सुलह हो चुकी है और माननीय जनपद न्यायाधीश के यहाँ से सुलहनामे के आधार पर आदेश पारित कर दिया गया है। इसलिए अब यह परिवाद इस आयोग के समक्ष चलने योग्य नहीं है। अतः यह परिवाद संधार्य नहीं है। 

 

आदेश

                                                           परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

   

 

 

                                                                        गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह

                                                                             (सदस्य)                              (अध्यक्ष)          

 

            दिनांक 25.02.2022

                                              यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

                                          गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह

                                                            (सदस्य)                            (अध्यक्ष)

 

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