राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-146/2006
(जिला उपभोक्ता फोरम, इटावा/औरैया द्वारा परिवाद संख्या-01/1996 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 25.11.2005 के विरूद्ध)
विरेन्द्र कुमार उर्फ छोटे लाल जैन पुत्र श्री रिखव दाव, निवासी इक्दिल पो0 इक्दिल परगना व जनपद इटावा।
अपीलार्थी/परिवादी
बनाम्~
1. केसरी कोल्ड स्टोरेज विरारी इटावा द्वारा मालिक केसरी कोल्ड स्टोरेज ओम बाबू एवं ज्ञान बाबू।
2. नवीन कोल्ड स्टोरेज पुत्र श्री फकीर चन्द्र अग्रवाल प्रोपराइटर नवीन कोल्ड स्टोर, विरारी इक्दिल इटावा।
प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण
समक्ष:-
1. माननीय श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा, पीठासीन सदस्य।
2. माननीय श्री संजय कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री ए0के0 मिश्र, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : काई नहीं।
दिनांक 26.07.2016
माननीय श्री संजय कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रकरण पुकारा गया। वर्तमान अपील, परिवादी/अपीलार्थी की ओर से परिवाद संख्या-01/1996, श्री बीरेन्द्र कुमार बनाम केसरी कोल्ड स्टोरेज व अन्य में जिला फोरम, इटावा/औरैया द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 25.11.2005 के विरूद्ध योजित की गयी है, जिसके अन्तर्गत जिला फोरम द्वारा निम्नवत् आदेश पारित किया गया :-
‘’ परिवादी का वाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण संयुक्त रूप से आलू का मूल्य 80,165.0 रू0 एक माह के अन्दर परिवादी को अदा करेंगें तथा वाद व्यय के यप में 500/- रू0व अदा करेंगे। उपरोक्त धनराशि में से विपक्षीगण आलू के बोरों का किराया काटने के अधिकारी होंगे। यदि निर्धारित अवधि के अन्दर यह धनराशि अदा नहीं की गई तो परिवादी 5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज भी पाने का अधिकारी होगा। ‘’
-2-
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री ए0के0 मिश्र उपस्थित हैं। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को अंगीकरण के बिन्दु पर सुना गया एवं एवं अभिलेखों का गम्भीरता से परिशीलन किया गया।
उपरोक्त वर्णित आदेश से क्षुब्ध होकर वर्तमान अपील अपीलार्थी की ओर से इस सन्दर्भ में योजित की गयी है कि उपरोक्त आदेश संस्थित किया जाये और प्रश्नगत 511 बोरें आलू का विक्रय मूल्य रू0 1,62,565/- उस पर सन 1995 से 18 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी दिलाया जाये।
पत्रावली के परिशीलन से प्रकट होता है कि केवल 324 बोरे आलू बेचने के सन्दर्भ में मामला पाया जाता है एवं 206 बोरे आलू बेचने का कोई साक्ष्य नहीं पाया जाता है। इस सन्दर्भ में जिला फोरम द्वारा जो निष्कर्ष दिया गया है, उसमें कोई त्रुटि होना नहीं पाय जाता है, अत: अंगीकरण के स्तर पर ही वर्तमान अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
अपील निरस्त की जाती है।
(जितेन्द्र नाथ सिन्हा) (संजय कुमार)
पीठासीन सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0
कोर्ट-2