Suresh filed a consumer case on 31 Mar 2017 against Kesko in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is CC/124/2017 and the judgment uploaded on 12 May 2017.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-124/2017
श्रीमती सुरेखा षर्मा पत्नी सुनील कुमार षर्मा निवासिनी गोपाल बिहार बगदौधी बांगर मन्धना कानपुर नगर ।
................परिवादिनी
बनाम
1. केस्को द्वारा प्रबन्ध निदेषक, कानपुर नगर।
2. दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0 चौबेपुर कानपुर नगर द्वारा उप महाप्रबन्धक।
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिला तिथिः 21.02.2017
निर्णय की तिथिः 20.04.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःएकपक्षीय-निर्णयःःः
1. परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षीगण द्वारा भेजे गये बिल निरस्त कर विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी के विरूद्ध की जा रही उत्पीड़ात्मक कार्यवाही के लिए विपक्षीगण को दण्डित किया जाकर, विपक्षीगण से परिवादिनी को मुकद्मा खर्च व उचित अनुतोश दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादिनी का कथन यह है कि परिवादिनी के मकान में एक घरेलू विद्युत कनेक्षन जिसका कनेक्षन नं0- बीएस/4 4419, 07063 लगा हुआ है, जिसका मीटर नं0-सीएच 7451 है। परिवादिनी का मकान अर्द्धनिर्मित है और षहर के बाहरी इलाके में है। परिवादिनी न्यूनतम बिजली खर्च करके, किसी तरह गुजर कर रही है। उक्त कनेक्षन देने के पष्चात समय-समय पर चेकिंग करके परिसर के बाहर नया मीटर लगाया गया और विपक्षीगण द्वारा भेजे गये बिलों का परिवादिनी नियमित रूप से भुगतान करती चली आ रही है। दिनांक 26.09.16 को विपक्षीगण द्वारा भेजा गया बिल सं0-12227 बावत रू0 685.00 परिवादिनी द्वारा जमा किया गया। तत्पष्चात दिनांक 25.10.16 को बिल
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सं0-7434 बावत रू0 718.00 किन्ही कारण से परिवादिनी नहीं जमा कर पाई। इसके पष्चात अगले माह में परिवादिनी को दिनांक 21.11.16 को अनावष्यक अप्रत्याषित रूप से बिल सं0-9366 विपक्षीगण द्वारा रू0 19,095.00 का भेज दिया गया। जब परिवादिनी ने उक्त बिल के संषोधन हेतु चौबेपुर कार्यालय में संपर्क किया तो उन्होंने बिल की धनराषि रू0 29,239.00$300.00 का संषोधित बिल दे दिया, जो कि अगले माह दिनांक 22.11.16 को भेजे गये बिल में जोड़कर बिल सं0-1391 रू0 39,076.00 का भेज दिया गया। परिवादिनी स्वीकृत भार के अनुरूप नियमित रूप से बिजली के बिलों का भुगतान करती चली आ रही थी और परिवादिनी पर कोई धनराषि बकाया नहीं थी। विपक्षीगण ने परिवादिनी को हैरान व परेषान करने के उद्देष्य से कोई बकाया न होने के बावजूद भी गलत बिल प्रेशित किया, जिसके भुगतान करने में परिवादिनी को अनावष्यक परेषानी का सामना करना पड़ रहा है। विपक्षीगण का उपरोक्त व्यवहार न केवल गैर कानूनी है बल्कि उपभोक्ता हितों के विपरीत है। फलस्वरूप परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत परिवाद योजित किया गया।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षीगण को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षीगण फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षीगण पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 23.03.17 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादिनी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 23.03.17 एवं 30.03.17 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-1 के साथ संलग्न कागज सं0-1/1 लगायत् 1/5 दाखिल किया है।
निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
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6. परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादिनी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र तथा अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये है विपक्षीगण बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये कारणों से फोरम इस निश्कर्श पर पहुॅचता है कि परिवादिनी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक व एकपक्षीय रूप से, विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी को प्रेशित बिल निरस्त करने तथा विपक्षीगण परिवादिनी को संषोधित बिल नियमानुसार परिवादिनी को प्रदान करे, जिसे परिवादिनी निमयानुसार जमा करे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादिनी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादिनी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादिनी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादिनी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षीगण द्वारा प्रेशित समस्त विद्युत बिल निरस्त किये जाते हैं तथा विपक्षी को निर्देषित किया जाता है कि वह परिवादिनी को संषोधित विद्युत बिल उपलब्ध कराये, परिवादिनी द्वारा संषोधित बिल प्राप्त करने पर, नियमानुसार संषोधित
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विद्युत बिल का भुगतान करे। विपक्षीगण प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर परिवादिनी को रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करें।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
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