Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

CC/278/2016

Sambhu Dayal - Complainant(s)

Versus

Kesko - Opp.Party(s)

18 Apr 2017

ORDER

 
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
 
   अध्यासीनः   डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
 
 
उपभोक्ता वाद संख्या-278/2016
षम्भू दयाल षुक्ला उम्र लगभग 75 वर्श पुत्र श्री जगन्नाथ षुक्ला निवासी मकान नं0-99, षारदा नगर, इन्द्रपुरी, कानपुर नगर।
                                  ................परिवादी
बनाम
1. महाप्रबन्धक, कानपुर विद्युत आपूर्ति परेड कानपुर नगर।
2. अधिषाशी अभियन्ता (वितरण) विद्युत वितरण खण्ड विकास नगर, कानपुर नगर।
                             ...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिला तिथिः 16.05.2016
निर्णय तिथिः 14.06.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःएकपक्षीय-निर्णयःःः
1.   परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षीगण को आदेषित किया जाये कि विपक्षीगण, परिवादी को भेजे गये अविधिक बिल/मांग पत्र को सही करके, न्यूनतम व विधि सम्मत राषि का बिल बनाकर प्रदान करे एवं आर्थिक व मानसिक क्षति हेतु रू0 2,00,000.00 तथा रू0 10000.00 परिवाद व्यय, वाद प्रस्तुत करने की तिथि से वाद के अंतिम निस्तारण की तिथि तक 24 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से अदा करें।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी विद्युत संयोजन सं0-आई30डी/00483/16115631 का कनेक्षन धारक है, जो परिवादी के मूल निवास पर लगा है। परिवादी द्वारा सन् 1991 में सपरिवार कानपुर षहर आकर मकान नं0-99 षारदा नगर इन्द्रपुरी कानपुर नगर में निवास करने लगा था और विद्युत कनेक्षन का विच्छेदन का प्रार्थनापत्र विपक्षी सं0-2 के यहां प्रस्तुत कर दिया गया था और तब से परिवादी के मूल निवास वाला घर बंद पड़ा है और परिवादी    व उसके परिवारीजनों द्वारा उक्त संयोजन  संख्या में कोई भी  विद्युत का 
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उपयोग नहीं किया गया है। परिवादी का उपरोक्त आवास बंद होने के बावजूद विपक्षीगण द्वारा दिनांक 13.02.16 को अवैधानिक तरीके से बिना परिवादी को सूचति किये हुए परिवादी के बंद पड़े मकान में बिजली की चेकिंग की गयी तथा अविधिक रूप से बिजली का बिल रू0 1,32,644.00 दर्षाकर परिवादी से जबरन मांग की गयी। जबकि जांच टीम द्वारा परिवादी के उपरोक्त निवास में किसी प्रकार की केबिल या कटिया आदि नहीं पायी गयी। बल्कि जबरन नाजायज ढंग से बढ़ा-चढ़ाकर बिल प्रेशित किया गया है। परिवादी द्वारा जब विपक्षीगण के अधीनस्थ कर्मचारियों से यह कहा कि उपरोक्त विद्युत संयोजन का न तो परिवादी उपयोग कर रहा है और न ही किसी भी प्रकार से उपभोग किय है फिर भी इतना बिल कैसे आ रहा है। इस पर विपक्षीगण के अधीनस्थ कर्मचारियों ने कहा कि चाहे बंद रहे या मीटर चले हमारा बिल जो होगा, वह तुम्हे देना ही पड़ेगा। परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-2 को एक प्रार्थनापत्र दिनांक 02.03.16 को दिया गया कि वह उपरोक्त बिल सही करके, न्यूनतम धनराषि जो विधिक दृश्टि में सही हो का बिल/मांग पत्र बनाकर देवे, तो परिवादी उपरोक्त बिल की धनराषि को विपक्षीगण के यहां जमा कर देगा। परिवादी के अनुनय विनय पर भी विपक्षी द्वारा धमकी दी गयी और कहा कि बिल जमा नहीं करोगे, तो इसके बदले हमें कुछ अलग से समझो नही ंतो फर्जी बिल/मांग पत्र भेजकर तुम्हे परेषान करते रहेंगे और तुम्हारे विरूद्ध रिकवरी की कार्यवाही कराकर तुम्हे जेल भिजवा देंगे। परिवादी के पुत्र सुरेष कुमार षुक्ला द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत कानपुर विद्युत कंपनी लि0 को दिनांक 29.03.16 को पत्र प्रेशित कर यह जानकारी चाही गयी कि विद्युत कनेक्षन देने के उपरान्त विद्युत बिल के न जमा करने पर कनेक्षन विच्छेदन की कार्यवाही तथा विद्युत बिल की वसूली कितने समय में करने का नियम है। जिस पर परिवादी के पुत्र को दिनांक 08.04.16 को उक्त के सम्बन्ध में सूचना मिली कि यदि बकाये का भुगतान उपभोक्ता द्वारा नहीं किया जाता है, तो बकाये पर उपभोक्ता द्वारा संदेय अधिभार धारा-5       की नोटिस से निर्गम क अवधि तक यह केवल अधिकतम 8 माह की अवधि 
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तक उद्ग्रहीत किया जायेगा। परिवादी के घर विपक्षीगण के अधिकृत कंचारी दिनांक 31.03.16 को आये और नाजायज धन की वसूली हेतु कहा और कहा कि तुरंत पैसे का इंतजाम करके, हमें दे दो, जिस पर परिवादी ने असमर्थता जताई, तो वह पुनः परिवादी को धमकी देकर चले गये।  परिवादी उपरोक्त लोगों की धमकियों से काफी डरा व भयभीत था, तभी विपक्षी सं0-2 द्वारा परिवादी के सही पते पर एक डिमाण्ड नोटिस वास्ते वसूली दिनांक 06.04.16 प्रेशित की, जो परिवादी को दिनांक 12.04.16 को प्राप्त हुई, जिसमें भुगतान की अंतिम तिथि 07.05.16 अंकित थी, जिससे बाध्य होकर परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षीगण को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षीगण फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षीगण पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 17.05.17 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 06.05.16, 17.05.17 एवं 30.05.17 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-6/1 के साथ संलग्नक कागज सं0-6/2 लगायत् 6/9 तथा आर0सी0 प्रपत्र-36 दिनांकित 25.04.17 की प्रति दाखिल किया है।
निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
6. परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा प्रस्तुत लिखित बहस व पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता           है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र तथा अभिलेखीय 
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साक्ष्य प्रस्तुत किये गये है विपक्षीगण बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादी की ओर से  प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में परिवादी की ओर से प्रस्तुत षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं। 
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये कारणों से फोरम इस निश्कर्श पर पहुॅचता है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक व एकपक्षीय रूप से, विपक्षीगण द्वारा परिवादी को भेजे गये बिल/मांग पत्र/आर0सी0 प्रपत्र-36 बावत रू0 1,32,744$अन्य दिनांकित 25.04.17 निरस्त किये जाने हेतु तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि विपक्षीगण द्वारा परिवादी को भेजी गयी आर0सी0 प्रपत्र-36 बावत रू0 1,32,744$अन्य दिनांकित 25.04.17 निरस्त की जाती है तथा विपक्षीगण प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर परिवादी को, रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करें।
 
   (पुरूशोत्तम सिंह)      ( सुधा यादव )         (डा0 आर0एन0 सिंह)
     वरि0सदस्य       सदस्या                   अध्यक्ष
 जिला उपभोक्ता विवाद    जिला उपभोक्ता विवाद        जिला उपभोक्ता विवाद       
     प्रतितोश फोरम          प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम
     कानपुर नगर।           कानपुर नगर                 कानपुर नगर।
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आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
 
  (पुरूशोत्तम सिंह)       ( सुधा यादव )         (डा0 आर0एन0 सिंह)
     वरि0सदस्य       सदस्या                   अध्यक्ष
 जिला उपभोक्ता विवाद    जिला उपभोक्ता विवाद        जिला उपभोक्ता विवाद       
     प्रतितोश फोरम          प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम
     कानपुर नगर।           कानपुर नगर                 कानपुर नगर। 
 

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