जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-480/2013
रामषंकर यादव पुत्र जवाहर लाल निवासी 1282 बारा सिरोही आई.आई.टी. थाना कल्यानपुर, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
1. प्रबन्ध निदेषक, विद्युत वितरण सिविल लाइन्स कानपुर नगर।
2. अपर अभियन्ता सब स्टेषन विद्युत वितरण खण्ड कल्यानपुर, कानपुर नगर।
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 18.09.2013
निर्णय की तिथिः 24.06.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःएकपक्षीय-निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षीगण उचित मुआवजा धनराषि, परिवादी की भैंस विद्युत प्रवाहित खम्भे के करेंट से चिपक कर मर जाने के एवज में क्षतिपूर्ति दिलायी जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी, गांव में भैंस पालन का कार्य करता है तथा दूध बेंचकर अपना व परिवार का जीविकोपार्जन चलाता है। परिवादी का छोटा बेटा दिनांक 16.07.13 को समय करीब 5 बजे सायं अपनी भैंस को चराकर घर वापस आ रहा था। रास्ते में बिजली का खम्भा पड़ता है, मेरी भैंस खम्भे से छू गयी, उस खम्भे में करेंट होने के कारण मेरी भैंस उस खम्भे से चिपक कर अचानक गिरकर मर गयी। परिवादी ने घटना की सूचना थाना कल्यानपुर को दी, जिस पर थाना कल्यानपुर की पुलिस द्वारा परिवादी की रिपोर्ट सं0-27 दर्ज की गयी। परिवादी की भैंस का मेडिकल परीक्षण पषु- चिकित्साधिकारी राजकीय पषु चिकित्सालय ब्लाक कल्यानपुर कानपुर नगर
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द्वारा किया गया था। परिवादी ने अपनी भैंस दिनांक 05.07.12 को गुलाब सिंह पुत्र विजय बहादुर ग्राम रावतपुर पोस्ट औनहा ब्लाक मैथा जिला कानपुर देहात से खरीदी थी। परिवादी की भैंस के मरने की सूचना मिलने पर बारासिरोही के इलाकाई लोगों ने गुस्सा कर केस्को टीम को बंधक बनाया था। पुलिस आने पर केस्को टीम को मुक्त कराया गया। बाद में विपक्षी केस्को ने तत्काल खम्भे में आ रही करन्ट ठीक कर दिया था। परिवादी गरीब होने के कारण भैंस पालकर उसका दूध बेंचकर ही परिवार का भरण पोशण करता था। भैंस के मरने से परिवादी व उसके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही ज्यादा खराब हो गयी है और अब परिवादी इस स्थिति में नहीं है कि दूसरी भैंस खरीद सके। विपक्षी द्वारा परिवादी को आर्थिक क्षतिपूर्ति प्रदान नहीं की गयी। अतः विवष होकर परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षीगण को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षीगण फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षीगण पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 05.12.14 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 03.12.15 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में समाचार पत्र की कटिंग की प्रति, थानाध्यक्ष को दिये गये प्रार्थनापत्र की प्रति, एफ.आई.आर. की प्रति, पोस्ट मार्टम रिपोर्ट की प्रति तथा बेचेनामा की प्रति दाखिल किया है।
निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
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6. परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा प्रष्नगत भैंस दिनंाक 05.07.12 को क्रय की गयी थी और दिनांक 16.07.13 को लगभग एक वर्श के पष्चात बिजली के खम्भे में आ रही बिजली के करेंट से मर गयी। प्रष्नगत भैंस के बिजली के करेंट से मर जाना परिवादी द्वारा प्रस्तुत की गयी पोस्ट मार्टम रिपोर्ट से भी साबित होता है। परिवादी द्वारा अपने उपरोक्त कथन को साबित करने के लिए अखबार की कटिंग तथा प्राथमिकी दर्ज कराने से सम्बन्धित तहरीर तथा प्राथमिकी की छायाप्रति प्रस्तुत की गयी है, जिससे भी परिवादी का यह कथन सिद्ध होता है कि परिवादी की प्रष्नगत भैंस बिजली के खम्भे में आ रही बिजली के करेंट से मृत्यु हो गयी। परिवादी के कथनानुसार तथा अखबार की कटिंग से प्रथम दृश्टया यह अवधारणा बनती है कि बिजली विभाग के द्वारा ठीक से सावधानी न बरतने के कारण बिजली की लाइन को सही समय से सही न करने के कारण उक्त खम्भे में बिजली का करेंट उतर आया, जिससे परिवादी की भैंस की मृत्यु हो गयी। इस प्रकार यह सिद्ध होता है कि विपक्षीगण के द्वारा सही समय पर विद्युत लाइन को ठीक न करके सेवा में कमी कारित की गयी है, जिसके कारण परिवादी की भैंस मर गयी।
अब देखना यह है कि परिवादी कितनी क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का अधिकारी है। परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में क्षतिपूर्ति याचित की गयी है, किन्तु यह स्पश्ट नहीं किया गया है कि वह कितनी क्षतिपूर्ति चाहता है। इस सम्बन्ध में परिवादी की ओर से प्रष्नगत भैंस के सम्बन्ध में प्रस्तुत बेंचनामा की छायाप्रति के अवलोकन से स्पश्ट होता है परिवादी द्वारा उक्त भैंस दिनांक 05.07.12 को क्रय की गयी थी। परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में व षपथपत्र में यह स्पश्ट नहीं किया गया है कि जब भैंस क्रय की गयी थी , तब वह दूध दे रही थी या नहीं और जब भैंस मरी तब वह दूध दे रही थी या नही। परिवादी द्वारा यह सिद्ध नहीं किया गया है कि प्रष्नगत भैंस क्रय करने के समय अथवा मरने के समय गर्भ से थी या
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नहीं। परिवादी द्वारा इस सम्बन्ध में कोई आकलन न प्रस्तुत करने के कारण फोरम का यह मत है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद एकपक्षीय रूप से मात्र रू0 20,000.00 की क्षतिपूर्ति के लिए तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी रू0 20,000.00 क्षतिपूर्ति तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय अदा करे।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।