Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

CC/659/09

RAM SHANKAR SHARMA - Complainant(s)

Versus

KESKO - Opp.Party(s)

05 Feb 2015

ORDER

CONSUMER FORUM KANPUR NAGAR
TREASURY COMPOUND
 
Complaint Case No. CC/659/09
 
1. RAM SHANKAR SHARMA
KALYANPUR KNP NAGAR
...........Complainant(s)
Versus
1. KESKO
CIVIL LINES KNP
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. RN. SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH MEMBER
 HON'BLE MRS. SUNITA BALA AWASTHI MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

 


जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।

   अध्यासीनः      डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष    
    श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी..........................सदस्या
    पुरूशोत्तम सिंह..............................................सदस्य

उपभोक्ता वाद संख्या-659/2009
रामषंकर षर्मा पुत्र श्री अयोध्या प्रसाद निवासी हाल प्लाट नं0-9, आर0के0 पुरम मिर्जापुर, कल्यानपुर कानपुर नगर।
    
                                  ................परिवादी
बनाम
1.    अधिषाशी अभियन्ता, नियत प्राधिकारी, नगरीय विद्युत वितरण खण्ड कानपुर, विद्युत आपूर्ति कंपनी लि0, विकास नगर, कानपुर नगर।
2.    महाप्रबन्धक, केस्को, सिविल लाइन कानपुर महानगर।
                             ...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 01.07.2011
निर्णय की तिथिः 05.02.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.      परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद इस आषय से प्रस्तुत किया गया है कि परिवादी के कथित कनेक्षन सं0-ग्रुप 015547 बुक सं0-2353 के सम्बन्ध में जो फर्जी बिल रू0 1,47,657.00 का भेजा गया है, उसे निरस्त किया जाये व परिवादी का कनेक्षन संयोजन विपक्षी द्वारा करवाया जाये।
2.     परिवादी की ओर से परिवाद पत्र प्रस्तुत करके संक्षेप में यह कहा गया है कि परिवादी मकान नं0-10 रूपपुर कल्यानपुर कानपुर नगर का निवासी है और उक्त मकान का भवन स्वामी है। परिवादी व उसके साथ 10-12 लोगों ने घरेलू बिजली कनेक्षन प्राप्त करने के लिए अपने खुद के लिए रू0 1261.00 दिनांक 20.06.98 को विपक्षी विभाग में जमा किया था। किन्तु विपक्षी द्वारा न तो कोई लाइन खींची गयी और न ही तो पोल दिये गये। जिसके कारण बिजली कनेक्षन नहीं लग पाया। विपक्षीगण से संपर्क करने पर विपक्षीगण द्वारा यह कहा जाता रहा कि गांव से करीब       300 मीटर दूरी पर खम्भे हैं। इसलिए आपको केबिल कनेक्षन दिया जाना
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संभव नहीं है। इसके बाद परिवादी बिजली आपूर्ति करने व कनेक्षन हेतु व नाजायज बिल न भेजने के सम्बन्ध में विपक्षी विभाग को दस्ती व रजिस्टर्ड डाक दिये गये। लेकिन विपक्षी द्वारा परिवादी या गांव के किसी अन्य व्यक्ति को न तो कोई बिजली के खम्भे दिये गये और न ही बिजली की आपूर्ति सुनिष्चित की गयी। इधर अरसा करीब 8 साल से परिवादी अपने नवनिर्मित मकान आर0के0 पुरम मिर्जापुर कल्यानपुर कानपुर नगर में निवास कर रहा है। विपक्षी द्वारा भेजे गये नाजायज बिलों के सम्बन्ध में हमेषा परिवादी द्वारा विपक्षीगण की सेवा में की गयी षिथिलिता से अवगत कराया गया और इस स्तर पर सभासद, सांसद, विधायक आदि के द्वारा षिकायत व समर्थन किया गया, लेकिन विपक्षीगण द्वारा किया गया कार्य षिथिलिता के कारण बिजली के खम्भे व तार आदि न देकर पूर्ण रूप से सेवा में कमी की गयी है। इस सम्बन्ध में सितम्बर 2008 में गलत तौर पर रू0 1,47,657.00 का बिल विपक्षीगण द्वारा भेजा गया। अतः परिवादी द्वारा विधिक नोटिस दिनांक 30.01.09 जरिये पंजीकृत डाक भेजी गयी। किन्तु विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। अतः विवष होकर परिवादी को यह परिवाद प्रस्तुत करना पड़ा।
3.    विपक्षीगण की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके संक्षेप में यह कहा गया है कि परिवादी ने विद्युत संयोजन प्राप्त करने हेतु दिनांक 20.06.98 को रू0 1261.00 विभाग में जमा किया गया था। परिवादी ने विद्युत संयोजन प्राप्त करने के आवेदन पत्र व धनराषि जमा करने के बाद विद्युत का उपयोग करना षुरू कर दिया था। परिवादी को उसके द्वारा उपभोग की गयी विद्युत ऊर्जा के उपयोग के विद्युत बिल प्रेशित किये गये हैं। परिवादी को रू0 1,47,657.00 का विद्युत बिल प्रेशित किया गया है। परिवादी द्वारा भेजी गयी नोटिस गलत तथ्यों पर आधारित है। विपक्षी को अपनी बकाया विद्युत धनराषि वसूल करने का कानूनी अधिकार प्राप्त है। परिवादी के विद्युत संयोजन को विभाग द्वारा दिनांक 17.12.07 को विद्युत बकाया के आधार पर विच्छेदित किया गया था। विच्छेदन किये जाने         के समय उपभोक्ता का प्रतिनिधि उपस्थित था और विद्युत लाइन संयोजन 
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विच्छेदन पत्र पर हस्ताक्षर बनाकर उसकी प्रति प्राप्त की थी। अतः उपरोक्त कारण से परिवाद निरस्त किया जाये।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.    परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 16.07.09, 25.03.10, 13.10.14 एवं सूबेदार कनौजिया का षपथपत्र दिनांकित 22.09.10 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-1 के साथ संलग्नक कागज सं0-1/1 लगायत् 1/16 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5.    विपक्षीगण ने अपने कथन के समर्थन में ए0के0 गौतम, अधिषाशी अभियन्ता का षपथपत्र दिनांकित 20.08.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में बिल स्टेटमेंट की प्रति एवं सूची कागज सं0-2 के साथ संलग्नक कागज सं0-2/1 लगायत् 2/2 एवं कागज सं0-3/1 लगायत् 3/4 दाखिल किया है।
निष्कर्श
6.    फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं परिवादी द्वारा प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
    उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में मुख्य विवाद का विशय यह है कि परिवादी, विपक्षी विभाग (केस्को) को रू0 1,47,657.00 अदा करने के लिए उत्तरदायी है। या नहीं
    परिवादी की ओर से यह तर्क किये गये हैं कि परिवादी द्वारा घरेलू बिजली कनेक्षन प्राप्त करने के लिए रू0 1261.00 दिनंाक 20.06.98 को विपक्षी विभाग में जमा किया गया था, किन्तु विपक्षीगण द्वारा न       तो कोई लाइन खींची गयी और न ही पोल दिये गये। विपक्षीगण द्वारा यह 
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कहा गया है कि गांव से करीब 300 मीटर पर खम्भे है, इसलिए  केबल कनेक्षन दिया जाना संभव नहीं है। इसके बाद परिवादी बिजली आपूर्ति करने व कनेक्षन हेतु नाजायज बिल न भेजने हेतु विपक्षी को दस्ती व रजिस्टर्ड डाक भेजे गये। किन्तु विपक्षीगण द्वारा न तो कोई बिजली के खम्भे दिये गये और न ही बिजली की आपूर्ति सुनिष्चित की गयी। परिवादी विगत 8 वर्शों से अपने नवनिर्मित मकान आर0के0 पुरम मिर्जापुर कल्यानपुर कानपुर नगर में निवास कर रहा है। विपक्षी द्वारा परिवादी को रूपपुर कल्यानपुर कानपुर नगर में एक नाजायज रू0 1,47,657.00 का बिल भेजा गया। विपक्षीगण की ओर से यह तर्क किये गये हैं कि परिवादी द्वारा उपरोक्त धनराषि रू0 1261.00 दिनांक 20.06.98 को आवेदन पत्र जमा करके विद्युत का उपयोग करना षुरू कर दिया था। परिवादी को उसके द्वारा उपयोग की गयी विद्युत ऊर्जा के विद्युत बिल प्रेशित किये गये हैं। परिवादी को रू0 1,47,657.00 का विद्युत बिल प्रेशित किया गया है। जिसे वसूल करने का विपक्षीगण को पूर्ण कानूनी अधिकार है।
    उपरोक्तानुसार उपरोक्त बिन्दु पर उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि विपक्षीगण द्वारा वर्श 1998 का एक बिल दिनांकित 20.06.98 बावत रू0 661.00 की छायाप्रति प्रस्तुत की गयी है। इस बिल के पष्चात सितम्बर, 2014 तक का कोई बिल नहीं प्रस्तुत किया गया है। जिससे यह सिद्ध होता है कि विपक्षीगण का यह कथन असत्य है कि विपक्षीगण परिवादी को उसके विद्युत उपयोग के बिल लगातार भेजे जाते रहे हैं। विपक्षीगण के द्वारा यह नहीं बताया जा सका कि बिना विद्युत पोल के परिवादी को विद्युत आपूर्ति कैसे की जाती रही है। जबकि परिवादी द्वारा यह कहा गया है कि परिवादी लगातार विपक्षीगण से विद्युत आपूर्ति व पोल लगाने के लिए संपर्क किया जाता रहा है। स्वयं विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत प्रलेखीय साक्ष्य कागज सं0-3/1 के अवलोकन से विदित हेाता है कि परिवादी के उपरोक्त आवास पर कोई पोल नहीं है।
    उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों के अलोक में तथा उपरोक्तानुसार साक्ष्यों के परिषीलनोपरान्त फोरम इस मत का है कि परिवादी  का प्रस्तुत
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परिवाद आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किये जाने योग्य है कि प्रष्नगत बिल निरस्त किये जाने योग्य है तथा परिवादी द्वारा पूर्व में जमा धनराषि रू0 1261.00 को समायोजित करते हुए परिवादी के परिसर में नया विद्युत कनेक्षन विपक्षीगण देवे तथा परिवाद व्यय भी अदा करें।
ःःःआदेषःःः
7.     परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक रूप न्यायहित में इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि विपक्षीगण, प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर परिवादी के प्रष्नगत मकान नं0-10 रूपपुर कल्यानुपर कानपुर नगर में उसके द्वारा विद्युत कनेक्षन हेतु पूर्व में जमा धनराषि रू0 1261.00 को समायोजित करते हुए तथा अन्य औपचारिकतायें पूर्ण कराने के बाद नया मीटर व विद्युत कनेक्षन उपलब्ध करायें तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के रूप में अदा करें। विपक्षीगण द्वारा जारी बिल बावत रू0 1,47,657.00 तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है।

(श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी)    (पुरूशोत्तम सिंह)   (डा0 आर0एन0 सिंह)
       वरि0सदस्या                सदस्य              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद       जिला उपभोक्ता विवाद  जिला उपभोक्ता विवाद
       प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम         प्रतितोश फोरम
       कानपुर नगर।                 कानपुर नगर।         कानपुर नगर।

    आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।


        (श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी)    (पुरूशोत्तम सिंह)   (डा0 आर0एन0 सिंह)
       वरि0सदस्या                सदस्य              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद       जिला उपभोक्ता विवाद  जिला उपभोक्ता विवाद
       प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम         प्रतितोश फोरम
       कानपुर नगर।                 कानपुर नगर।         कानपुर नगर।

 

 
 
[HON'BLE MR. RN. SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. SUNITA BALA AWASTHI]
MEMBER

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