जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी...................वरि.सदस्या
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-315/2012
बुद्धि सागर तिवारी पुत्र स्व0 राजदेव तिवारी निवासी 149-डी, ष्याम नगर, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
केस्को द्वारा प्रबन्ध निदेषक, कानपुर नगर।
...........विपक्षी
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 21.05.2012
निर्णय की तिथिः 06.10.2015
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी के पक्ष में तथा विपक्षी के विरूद्ध इस आषय की डिक्री पारित की जाये कि विपक्षी किसी प्रकार के बिजली के बकाया की मांग परिवादी से न करे तथा अंतिम बिल रू0 2,17,972.00 को निरस्त किया जाये। परिवादी को रू0 50,000.00 बतौर हर्जा मानसिक व षारीरिक प्रताड़ना का दिलाया जाये तथा परिवाद व्यय दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का संक्षेप में यह कथन है कि मकान सं0-149-डी, ष्याम नगर, कानपुर नगर में परिवादी के पिता स्व0 राजदेव तिवारी के नाम केस्को का बिजली कनेक्षन सं0-028096 था, जिसे काटने के लिए परिवादी ने विपक्षी कार्यालय में प्रार्थनापत्र दिया था। बकाया रूपये विपक्षी को अदा कर दिये थे। डिस्कनेक्षन फीस रू0 200.00 विपक्षी के कार्यालय में दिनांक 20.10.04 को जमा किया था। क्योंकि विपक्षी के पिता का स्वर्गवास हो गया था। विद्युत कनेक्षन काटने का प्रमाण पत्र परिवादी को दिनांक 09.12.04 को दिया था। उपरोक्त विद्युत कनेक्षन के सम्बन्ध में संपूर्ण बकाया धनराषि जमा करने का उक्त प्रमाण पत्र सहायक माहप्रबन्धक खण्ड नौबस्ता विपक्षी ने दिनांक 19.04.05 को
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परिवादी को दिया था। पांच वर्श विद्युत कनेक्षन विच्छेदन के बाद परिवादी को दिनांक 07.12.09 से 07.10.10 के बीच में कुल पांच बिजली के बिल विपक्षी ने भिजवाये, जो कि निम्नवत हैंः-
1. 07.12.09 ः 1,93,184.00 रू0
2. 09.01.10 ः 1,95,571.00 रू0
3. 10.03.10 ः 2,00,372.00 रू0
4. 07.08.10 ः 2,12,967.00 रू0
5. 07.10.10 ः 2,17,972.00 रू0
उपरोक्त पाॅंचों बिल बनावटी एवं बिना किसी आधार के हैं। क्योंकि जब कनेक्षन सं0-028096 का पूर्ण रूप से विच्छेदन करके विपक्षी द्वारा मीटर हटा लिया गया था, तो उपरोक्त के पष्चात किसी प्रकार का बिजली का उपभोग नहीं हुआ। अतः विपक्षी निराधार बिजली का बकाया मांग कर सेवा में त्रुटि कारित कर रहा है। विपक्षी बावजूद विधिक नोटिस दिनांकित 15.12.10 परिवादी को सुनने को तैयार नहीं हुआ। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद याजित करना पड़ा।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आया। अतः विपक्षी पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 23.04.14 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 19.05.12 एवं 19.09.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में विद्युत कनेक्षन, डिस्कनेक्षन करने के लिए जमा की गयी धनराषि की रसीद की प्रति, मीटर निकालने सम्बन्धी प्रमाण पत्र की प्रति, सहायक महाप्रबन्धक नौबस्ता को दिये गये प्रमाण पत्र की प्रति, विद्युत बिलों की प्रतियां, नोटिस की प्रति, विद्युत विच्छेदन पत्र की प्रति दाखिल किया है।
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निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में विवाद इस बात का है कि क्या विपक्षी केस्को कंपनी द्वारा परिवादी को ऊपरिलिखित बिल दिनांकित 07.12.09, 09.01.10, 10.03.10 एवं 07.10.10 बावत कुल धनराषि रू0 2,17,972.00 का परिवादी द्वारा प्रष्नगत बिल का संयोजन समाप्त करने के पष्चात भेजा गया है और इस प्रकार का बिल परिवादी को भेजकर विपक्षी द्वारा सेवा में कमी कारित की गयी है।
उपरोक्त के सम्बन्ध में परिवादी की ओर से प्रस्तुत की गयी एकपक्षीय बहस एवं पत्रावली पर उपलब्ध समस्त साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन से स्पश्ट होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 19.05.12 एवं 19.09.14 दाखिल किये गये हैं तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में प्रष्नगत विद्युत कनेक्षन को विच्छेदित करने के सम्बन्ध में जमा की गयी धनराषि की रसीद, प्रष्नगत विद्युत संयोजन से सम्बन्धित मीटर निकालने के प्रमाण पत्र की प्रति सहायक महा प्रबन्धक नौबस्ता को दिये गये प्रमाण पत्र की प्रति, विधिक नोटिस की प्रति, विद्युत विच्छेदन पत्र की प्रति एवं विद्युत बिलों की प्रतियां दाखिल की गयी हैं, जिनसे परिवादी के कथन को पूर्ण बल प्राप्त होता है। विपक्षी की ओर से बावजूद तामीला कोई उपस्थित नहीं आया है और न ही परिवादी की ओर से किये गये तर्कों तथा परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये उपरोक्त साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। ऐसी स्थिति में परिवादी की ओर से किये गये कथन व प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्य अखण्डनीय हैं। इस स्थिति पर, परिवादी की ओर से किये गये कथन व प्रस्तुत किये गये साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है।
उपरेाक्त तथ्यों, परिस्थितियों के आलोक में एवं उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श से फोरम इस मत का है कि विपक्षी द्वारा परिवादी को
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प्रष्नगत विद्युत संयोजन के विच्छेदनोपरान्त रू0 2,17,972.00 के बिल भेजकर सेवा में त्रुटि कारित की गयी है। विपक्षी द्वारा परिवादी को प्रेशित पूर्वोक्त समस्त विद्युत बिल निरस्त किये जाने योग्य हैं। अतः परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय एवं आंषिक रूप से उपरोक्त बिलों को निरस्त करने हेतु स्वीकार किये जाने योग्य हैं। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का प्रष्न है-के सम्बन्ध में परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किये गये हैं। अतः अन्य याचित उपषम के लिए परिवादी का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
6. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि विपक्षी, परिवादी को भविश्य में उपरोक्त बिल दिनांकित 07.12.09, 09.01.10. 10.03.10, 07.08.10 एवं 07.10.10 बावत रू0 2,17,972.00 के सम्बन्ध में कोई क्लेम नहीं भेजेगा। विपक्षी प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर परिवादी को परिवाद व्यय के रूप में रू0 5000.00 भी अदा करेगा। उक्त धनराषि विपक्षी कंपनी के प्रबन्धक चाहे तो उपरोक्त त्रुटि कारित करने वाले कर्मचारी/अधिकारी से, उसके वेतन से वसूल कर सकते हैं।
(श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी) (पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्या सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर। कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी) (पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्या सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर। कानपुर नगर।