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Kamlesh Kumar Jangir filed a consumer case on 23 Feb 2015 against Kelvinator Branch Service Centre & Others in the Jaipur-IV Consumer Court. The case no is CC/553/2014 and the judgment uploaded on 17 Mar 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर चतुर्थ, जयपुर
पीठासीन अधिकारी
डाॅ. चन्द्रिका प्रसाद शर्मा, अध्यक्ष
डाॅ. अलका शर्मा, सदस्या
श्री अनिल रूंगटा, सदस्य
परिवाद संख्या:-553/2014 (पुराना परिवाद संख्या 700/2013)े
श्री कमलेश कुमार जांगिड़ पुत्र श्री बाबूलाल जांगिड़, जाति जांगिड़, आयु 36 वर्ष, निवासी- प्लाॅट संख्या 129, टाटा नगर, शास्त्री नगर, जयपुर (राजस्थान) ।
परिवादी
बनाम
01.कैल्विनेटर, ब्रांच सर्विस सेन्टर, बी-145-32 दुकान, रोड नम्बर 9, वी.के.आई.ए,
जयपुर ।
02.महालक्ष्मी इलेक्ट्रोनिक्स, 1-सी-9, शिव शक्ति काॅलोनी, शास्त्री नगर, जयपुर
जरिये प्रोपराईटर ।
03.सुरभि एन्टरप्राईजेज, केल्विेनेटर सर्विस सेन्टर, इन्द्रा बाजार, जयपुर ।
04.प्रबन्धक, केल्विनेटर इण्डिया काॅरर्पोरेट, 296, उद्योग विहार, फेज-ाा, गुड़गांव
(हरियाणा) ।
विपक्षीगण
उपस्थित
परिवादी की ओर से श्री सुरेश व्यास/श्री तेज कुमार शर्मा, एडवोकेट
विपक्षी संख्या 1 व 4 की ओर से श्री विनोद शर्मा, एडवोकेट
विपक्षी संख्या 2 की ओर से श्री बी.एम.गुर्जर, एडवोकेट
विपक्षी संख्या 3 के विरूद्ध एकतरफा कार्यवाही
निर्णय
दिनांकः- 23.02.2015
यह परिवाद, परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध दिनंाक 24.05.2013 को निम्न तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत किया गया हैः-
परिवादी ने विपक्षी संख्या 2 से एक केल्विनेटर रेफ्रिजरेटर, जो विपक्षी संख्या 4 द्वारा निर्मित था, 3,000/-रूपये का प्दपजपंस च्ंलउमदज किया था तथा शेष 1120/-रूपये की किश्तें 6 माह तक परिवादी को अदा करनी थी । रेफ्रिजरेटर की डिलेवरी परिवादी को दिनांक 16.03.2012 को दी गई । उससमय रेफ्रिजरेटर की एक वर्ष की गारण्टी दी गई थी । जनवरी,2013 में उक्त रेफ्रिजरेटर अन्दर से पूरा फट गया । जिसकी शिकायत परिवादी ने विपक्षी संख्या 2 से की तो उसने परिवादी को विपक्षी संख्या 3 को रेफ्रिजरेटर दिखाने की सलाह दी । विपक्षी संख्या 3 ने रेफ्रिजरेटर देखकर बताया कि इसका डंपदजमदंदबम नहीं हो सकता, यह रेफ्रिजरेटर तो ब्ींदहम होगा । इसके लिए आप हमारे बड़े सर्विस सेन्टर विपक्षी संख्या 1 के पास जाओं । तब परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 के कर्मचारी श्री नवीन कुमार से सम्पर्क किया तो उसने रेफ्रिजरेटर मंगाकर देने के लिए परिवादी को आश्वस्त किया और परिवादी का उक्त त्रुटिपूर्ण रेफ्रिजरेटर दिनांक 11.04.2013 को अपने यहां मंगवा लिया । परिवादी को कहा गया कि रेफ्रिजरेटर को बदलने की ।चचतवअंस दो दिन में आ जायेगी तो दूसरा रेफ्रिजरेटर बदलकर परिवादी को दे दिया जायेगा । लेकिन विपक्षीगण ने न तो विवादित रेफ्रिजरेटर बदला और न ही अन्य कोई कार्यवाही की । जो विपक्षीगण का सेवादोष हैं और इस सेवादोष के आधार पर परिवादी अब विपक्षीगण से परिवाद के मद संख्या 09 में अंकित सभी अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी हैं ।
विपक्षी संख्या 1 एवं 4 की ओर से दिये गये जवाब में कथन किया गया है कि यदि फ्रिज में किसी प्रकार की खराबी आती है तो फ्रिज बदलकर दूसरा फ्रिज दे दिया जायेगा, परिवादी का यह कथन सत्य नहीं हैं । परिवादी को विवादित फ्रिज के संदर्भ मेें जो एक वर्ष की वारण्टी उपलब्ध करवाई गई थी, वह सर्विस एवं पाटर््स के संबंध में थी, उत्पाद को बदलकर देने के संबंध में नहीं । परिवादी द्वारा डपेींदकसपदह एवं डपेनेम के कारण गर्म वस्तु फ्रिज मंें रखने से फ्रिज का लाईनर खराब हो सकता हैं । परिवादी के फ्रिज का लाईनर बदल दिया गया था लेकिन परिवादी फ्रिज लेकर नहीं गया । इसमें विपक्षी संख्या 1 एव 4 का कोई सेवादोष नहीं हैं । अतः परिवाद, परिवादी खारिज किया जावें ।
विपक्षी संख्या 2 की ओर से दिये गये जवाब में कथन किया गया है कि परिवादी ने फ्रिज सर्विस सेन्टर पर दिया हैं । परिवादी ने 3,000/-रूपये अदा किये थे । शेष राशि परिवादी ने विपक्षी को अदा की हो, यह प्रमाणित नहीं हैं । परिवादी ने फ्रिज सर्विस सेन्टर पर दिनांक 11.04.2013 को छोड़ दिया है, जो 13 माह की अवधि निकलने के बाद छोड़ा हैं । इसलिए वारण्टी अवधि एक वर्ष पूर्ण हो चुकी हैं । अतः परिवाद, परिवादी स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है और निरस्त किया जावें ।
विपक्षी संख्या 3 लगातार अनुपस्थित रहा हैं । अतः अब उसके विरूद्ध एकतरफा कार्यवाही अमल में लाने के आदेश दिये जाते हैं ।
परिवाद के तथ्यों की पुष्टि में परिवादी श्री कमलेश कुमार जांगिड़ ने स्वयं का शपथ पत्र एवं कुल 11 पृष्ठ दस्तावेज, जिसमें दो फोटोग्राफ्स भी शामिल हैं, प्रस्तुत किये । जबकि जवाब के तथ्यों की पुष्टि में विपक्षी संख्या 1 व 4 की ओर से श्री राजेन्द्र सिंह शेखावत का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया । विपक्षी संख्या 2 की ओर से श्री घनश्याम शर्मा का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
बहस अंतिम सुनी गई एवं पत्रावली का आद्योपान्त अध्ययन किया गया ।
प्रस्तुत प्रकरण में परिवादी ने यद्यपि विवादित फ्रिज किश्तों पर लिया था और 3,000/-रूपये प्दपजपंस च्ंलउमदज करके इसकी डिलेवरी प्राप्त की थी । परिवादी को फ्रिज की शेष राशि, जो 6,720/-रूपये थी, 1120/-रूपये की 6 मासिक किश्तों में अदा करनी थी । इस शेष राशि के भुगतान के संबंध में परिवादी एवं विपक्षी संख्या 2 के मध्य कोई विवाद नहीं हैं । यह तथ्य परिवादी द्वारा प्रस्तुत रसीद प्रदर्श-1 दिनंाकित 12.03.2012 एवं विपक्षी संख्या 2 द्वारा प्रस्तुत किये गये जवाब के तथ्यों से प्रमाणित हैं । जिसमें विपक्षी संख्या 2 ने उसे बकाया कीमत का भुगतान नहीं होने के संबंध में कोई स्पष्ट तथ्य उल्लेखित नहीं किये हैं । इसलिए रसीद प्रदर्श-1 दिनांकित 12.03.2012 से यह प्रमाणित हैं कि परिवादी ने विपक्षी संख्या 4 केेल्विनेटर कम्पनी द्वारा निर्मित फ्रिज विपक्षी संख्या 2 के माध्यम से क्रय किया था । यह फ्रिज परिवादी के अनुसार जनवरी,2013 में अन्दर से पूरा फट गया । जिसकी सूचना विपक्षी संख्या 1 को परिवादी ने दिनांक 27.02.2013 को दी थी, जो 12 माह की वारण्टी अवधि में आती हैं । जिसकी रसीद परिवाद के साथ संलग्न की गई हैं । लेकिन विपक्षीगण के स्तर पर इस शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गई । और कार्यवाही के लिए परिवादी विपक्षी संख्या 1 एवं 2 के पास गया तो अंत में दिनंाक 22.04.2013 को विपक्षी संख्या 1 ने परिवादी का उक्त फ्रिज अपने पास प्राप्त करने की रसीद प्रदर्श-2 परिवादी को जारी की और इसे रिपेयर करने के लिए प्राप्त करना उक्त रसीद प्रदर्श-2 में अंकित किया हैं ।
परन्तु परिवादी द्वारा दिये गये विधिक नोटिस प्रदर्श-3 के अनुसार उक्त फ्रिज जनवरी,2013 में अन्दर से पूरा फट गया । जिसे सिद्ध करने के लिए परिवादी ने विवादित फ्रिज के फोटोग्राफ्स आदि प्रस्तुत किये हैं । इसके विपरीत विपक्षी संख्या 1 और 4 ने ऐसी कोई दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की हैं जिससे यह प्रमाणित होता हो कि उक्त फ्रिज किसी निर्माण संबंधी दोष से ग्रस्त नहीं हैं और इसकी मरम्मत करवाई जा सकती थी । परिवादी ने यह फ्रिज विपक्षी संख्या 1 के पास दिनांक 22.04.2013 को छोड़ा था । उसके बाद परिवादी ने यह परिवाद दिनांक 24.05.2013 को मंच के समक्ष प्रस्तुत किया हैं । लेकिन तब से लेकर अब तक विपक्षी संख्या 1 और 4 की ओर से परिवादी को उक्त फ्रिज यदि वह ठीक हालत में था तो उसे लौटाने का प्रयास नहीं किय गया है । जो इस बात का प्रतीक और प्रमाण हैं कि परिवादी को विक्रय किया गया विपक्षी संख्या 4 द्वारा निर्मित विवादित फ्रिज निश्चित रूप से निर्माण संबंधी दोष से ग्रस्त हैं और इसकी मरम्मत के लिए कोई कार्यवाही विपक्षीगण के स्तर पर नहीं की गई ।
अतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर विपक्षी संख्या 1 एवं 4 ने परिवादी को निर्माण संबंधी दोष से ग्रस्त विवादित फ्रिज विक्रय करके सेवादोष कारित किया हैं और इस सेवादोष के आधार पर परिवादी अब विपक्षी संख्या 1 एवं 4 से विवादित फ्रिज की कुल कीमत 9,000/-रूपये प्राप्त करने का अधिकारी हैं । परिवादी को विपक्षी संख्या 1 एवं 4 के इस सेवादोष से हुए आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिपूर्ति के रूप में 5,000/-रूपये एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये दिलवाये जाने के आदेश दिये जाते हैं । विपक्षी संख्या 2 एवं 3 का कोई सेवादोष प्रमाणित नहीं होने से उनके विरूद्ध परिवादी कोई अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी नहीं हैं ।
आदेश
अतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर परिवाद, परिवादी स्वीकार किया जाकर आदेश दिया जाता है कि परिवादी विपक्षी संख्या 1 एवं 4 से विवादित फ्रिज की कुल कीमत 9,000/-रूपये प्राप्त करने का अधिकारी हैं । परिवादी को विपक्षी संख्या 1 एवं 4 के उपरोक्त सेवादोष से हुए आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिपूर्ति के रूप में 5,000/-रूपये एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये पृथक से दिलवाये जाने के आदेश दिये जाते हैं । विपक्षी संख्या 2 एवं 3 का कोई सेवादोष प्रमाणित नहीं होने से परिवादी उनके विरूद्ध कोई अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी नहीं हैं ।
विपक्षी संख्या 1 एवं 4 को आदेश दिया जाता है कि वे उक्त समस्त राशि परिवादी के रिहायशी पते पर जरिये डी.डी./रेखांकित चैक इस आदेश के एक माह की अवधि में उपलब्ध करायेंगे ।
अनिल रूंगटा डाॅं0 अलका शर्मा डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय आज दिनांक 23.02.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में हस्ताक्षरित कर सुनाया गया ।
अनिल रूंगटा डाॅं0 अलका शर्मा डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
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