Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

CC/210/2013

ALOK AGRAWAL - Complainant(s)

Versus

KDA - Opp.Party(s)

16 Jan 2015

ORDER

CONSUMER FORUM KANPUR NAGAR
TREASURY COMPOUND
 
Complaint Case No. CC/210/2013
 
1. ALOK AGRAWAL
PANDU NAGAR KANPUR
...........Complainant(s)
Versus
1. KDA
MOTIJHEEL KANPUR NAGAR
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. RN. SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH MEMBER
 HON'BLE MRS. SUNITA BALA AWASTHI MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

 

                                  जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।

   अध्यासीनः      डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
                          श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी...................वरि.सदस्या    
                          पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
    

उपभोक्ता वाद संख्या-18/2016
अनय कुमार पाण्डेय पुत्र श्री षिवनाथ पाण्डेय निवासी-333/02 जूही लाल कालोनी, कानपुर नगर।
                                  ................परिवादी
बनाम
1.    जी0एम0 केस्को, कानपुर, सिविल लाइन कानपुर नगर।
2.    ए0जी0एम0 केस्को, कानपुर विद्युत वितरण खण्ड गोविन्द नगर, कानपुर
3.    एस0डी0ओ0 गोविन्द नगर विद्युत वितरण खण्ड कानपुर नगर।
                             ...........विपक्षीगण

परिवाद दाखिल होने की तिथिः 05.01.2016
निर्णय की तिथिः 27.01.2016

डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.      परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी का संयोजन पूर्व किरायेदार के स्थान पर परिवादी के नाम कराया जाये, परिवादी का पूर्व मीटर पर जारी हो रहे फर्जी व बकाया बिल निरस्त किये जाये, परिवादी द्वारा, चेक द्वारा जमा रू0 8000.00 बिल में समायोजित किया जाये, परिवादी का कनेक्षन तुरन्त संयोजित किया जाये, परिवादी को मानसिक उत्पीड़न हेतु रू0 5,00,000.00 तथा परिवाद व्यय दिलाया जाये।
2.     परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का यह कथन है कि परिवादी मकान सं0-333/02 जूही लाल कालोनी कानपुर नगर का निवासी है। जिसमें केस्को का विद्युत संयोजन सं0-020013 खाता सं0- जी.एन.31151192 लगा हुआ है, जिसका परिवादी वर्तमान समय में उपयोग कर रहा है। परिवादी के उपरोक्त मकान में आर0पी0 अवस्थी के नाम से संयोजन सं0-020013 मीटर संख्या व खाता सं0-सी.पी.1417 लगा हुआ था, जिसका माह जुलाई का बिल सं0-0706803669 द्वारा रू0 728.00 का परिवादी को प्राप्त हुआ।  जिसे परिवादी ने दिनांक 28.07.15 को जमा कर 
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दिया तथा एस0डी0ओ0 गोविन्द नगर को प्रार्थनापत्र देकर उसे परिवादी के नाम स्थानान्तरित करने की प्रार्थना की। जिस पर परिवादी को यह आष्वासन दिया गया कि भौतिक स्थलीय जांच के उपरान्त उक्त कनेक्षन परिवादी के नाम हस्तांतरित कर दिया जायेगा। दिनांक 05.08.15 को केस्को टीम ने परिवादी के निवास स्थान का भौतिक निरीक्षण कर परिवादी के प्रार्थनापत्र के आधार पर कनेक्षन स्थानान्तरित करने की रिपोर्ट की संस्तुति लिखकर परिवादी से संयोजन स्थानान्तरण षुल्क, मीटर षुल्क जमा करने को कहा, जिस पर परिवादी द्वारा पूछने पर केस्को ने रू0 8000.00 की मांग की और यह बताया गया कि रू0 2500.00 संयोजन स्थानान्तरण षुल्क व रू0 1500.00 मीटर षुल्क एवं रू0 4000.00 एडवांष जमा के मद में हैं। क्योंकि आपका इस माह का 54 यूनिट का बिल है तथा नये मीटर का दो माह का बिल नहीं आ पायेगा। अतः यह रू0 4000.00 जमा रहेंगे जो बिल आने पर उसमें एडजेस्ट हो जायेगा। केस्को कर्मचारी की बात सुनकर परिवादी ने रू0 8000.00 जरिये चेक केस्को कर्मचारी को प्रदान कर दिये जो कि परिवादी के खाते से दिनांक 11.08.15 को भुगतान हो गया। दिनांक 07.08.15 को परिवादी के घर में केस्को कर्मचारी द्वारा मीटर सं0-55935634 लगाया गया, जो कि पूर्व किरायेदार के नाम पर आवंटित था। परिवादी द्वारा निज नाम से मीटर लगाने व कनेक्षन स्थानान्तरण करने का प्रार्थनापत्र दिखाने पर मीटर फिक्सर आर0एन0 दुबे ने परिवादी से कहा कि हमे जो आदेष मिला है, हम वह ही कर रहे हैं, आप एस.डी.ओ. साहब से मिल ले। परिवादी दिनांक 07.08.15 को ही एस0डी0ओ0 गोविन्द नगर से मिलने गया, परन्तु वह सीट पर नहीं मिले। परिवादी दिनांक 12.08.15 को रू0 1700.00 का बिल प्राप्त हुआ, जिसे लेकर परिवादी जमा करने के लिए केस्को गया, जहां एस0डी0ओ0 से मिलकर पूर्व में दिये गये प्रार्थनापत्र पर रू0 8000.00 जमा करने के बावत बताया, जिस पर एस0डी0ओ0 ने कहा कि आप प्रार्थनापत्र की फोटो काॅपी व बिल छोड़ जायें, मैं सब ठीक करा दूॅगा। परिवादी प्रार्थनापत्र व मीटर संयोजन की फोटोकापी व बिल एस.डी.ओ. को देकर वापस चला आया व नये बिल का इंतजार करने लगा।  दिनांक 11.09.15 को परिवादी को रू0
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54000.00 का बिल प्राप्त हुआ, जिसे लेकर परिवादी एस.डी.ओ. से मिला, तो उक्त बिल भी एस.डी.ओ. ने ठीक कराने के नाम पर अपने पास रख लिया। परिवादी को माह अक्टूबर व नवम्बर माह में क्रमषः रू0 64,275.00 व रू0 69,425.00 के बिल प्राप्त हुए, जिसे वादी ने एस.डी.ओ. को प्रार्थनापत्र के साथ प्रदान कर दिया। परिवादी को आज भी पुराने मीटर सं0-सी.पी. 1417 के बिल प्राप्त हो रहे है, जो कि पूर्णतया फर्जी हैं, जिसे रद्द किया जाना आवष्यक है। परिवादी ने दिनांक 07.08.15 से कनेक्षन विच्छेदित होने तक 741 यूनिट विद्युत का उपभोग किया है व पुराने मीटर से 54 यूनिट कुल 795 यूनिट का उपभोग किया है, जिसका पूरा पैसा परिवादी अदा करने को तैयार है। दिनांक 22.12.15 को केस्को लाइन मैन अषोक कुमार ने परिवादी का विद्युत संयोजन रू0 71,826.00 फर्जी बकाया दिखाकर विच्छेदित कर दिया। विपक्षी केस्को की इस कार्यवाही से परिवादी को अत्यधिक मानसिक पीड़ा पहुॅची है तथा परिवादी के वृद्ध व बीमार माता-पिता व दो छोटे-छोटे बच्चे बिना कारण विद्युत के बिना जीने को मजबूर हैं। अतः विवष होकर परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.    परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 04.01.16, 05.01.16  एवं 19.01.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में विद्युत बिलों की प्रति, परिवादी द्वारा विपक्षी विभाग को दिया गया। प्रार्थनापत्र दिनांकित 28.07.15 की प्रति, बैंक स्टेटमेंट की प्रति, मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र की प्रति, विद्युत लाइन संयोजन विच्छेदन पत्र की प्रति, निर्वाचन कार्ड की प्रति दाखिल किया है।
निष्कर्श
5.    फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।

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    परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा स्वयं ही सूची कागज सं0-4/1 के साथ संलग्नक के रूप में कागज सं0-9 दाखिल किया गया है। कागज सं0-9 के अवलोकन से विदित होता है कि परिवादी के परिसर में लगा प्रष्नगत मीटर के ऊपर, केबल के ऊपर बाई पास करके परिवादी द्वारा बिजली की चोरी की जा रही थी। बिजली की चोरी से सम्बन्धित परिवाद धारा-135 विद्युत अधिनियम के अंतर्गत आते हैं। जिनकी सुनवाई का क्षेत्राधिकार फोरम को प्राप्त नहीं है। इस सम्बन्ध में मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा विधि निर्णय यू0पी0 पावर कार्पोरेशन एवं अन्य बनाम अनीष अहमद ।प्त् 2013 ;ैब्द्ध 2766 में यह विधिक सिद्धांत प्रतिपादित किया गया है कि धारा-135 व धारा-126 इलेक्ट्रिसिटी ऐक्ट के अंतर्गत की गयी कार्यवाही के सम्बन्ध में सुनवाई का क्षेत्राधिकार फोरम को नहीं होगा।
    अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों के आलोक में फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
                               :ःःआदेषःःः
6.    परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से खारिज किया जाता है।

(श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी)    (पुरूशोत्तम सिंह)   (डा0 आर0एन0 सिंह)
       वरि0सदस्या                सदस्य              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद       जिला उपभोक्ता विवाद  जिला उपभोक्ता विवाद
       प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम         प्रतितोश फोरम
       कानपुर नगर।                 कानपुर नगर।         कानपुर नगर।

    आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।


        (श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी)    (पुरूशोत्तम सिंह)   (डा0 आर0एन0 सिंह)
       वरि0सदस्या                सदस्य              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद       जिला उपभोक्ता विवाद  जिला उपभोक्ता विवाद
       प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम         प्रतितोश फोरम
       कानपुर नगर।                 कानपुर नगर।         कानपुर नगर।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. RN. SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. SUNITA BALA AWASTHI]
MEMBER

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