ADISH JAIN filed a consumer case on 25 Mar 2017 against KDA KANPUR in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is CC/549/2014 and the judgment uploaded on 29 Jun 2017.
श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-549/2014
आदीष जैन, पुत्र श्री आनन्द कुमार जैन, निवासी मकान नं0-231, एच.आई.जी. रतनलाल नगर, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
कानपुर विकास प्राधिकरण, मोतीझील, कानपुर नगर द्वारा उपाध्यक्ष।
...........विपक्षी
परिवाद दाखिला तिथिः 02.12.2014
निर्णय तिथिः 02.06.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी को आदेषित किया जाये कि वह परिवादी को उसके पक्ष में भूखण्ड सं0-105 ब्लाक-ई, इस्पात नगर, कानपुर नगर की रजिस्ट्री करे तथा बढ़े हुए क्षेत्रफल का मूल्य पुराने आवंटित मूल्य रू0 4620.00 प्रति वर्गमीटर से लेवे तथा परिवाद व्यय अदा करे।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने विपक्षी के यहां इस्पात नगर कानपुर नगर में 300 वर्गमीटर के भूखण्ड के लिए आवेदन किया था। परिवादी को भूखण्ड सं0-105 ब्लाक-ई इस्पात नगर कानपुर नगर विपक्षी द्वारा आवंटित किया गया। परिवादी ने उक्त भूखण्ड का संपूर्ण मूल्य दिनांक 23.11.10 तक जमा कर दिया था। इसके बाद परिवादी, विपक्षी के पास लगातार भूखण्ड की रजिस्ट्री कराने हेतु दौड़ता रहा। दिनांक 25.01.14 को विपक्षी ने परिवादी को सूचित किया कि परिवादी को आवंटित भूखण्ड का क्षेत्रफल 85.875 वर्गमीटर बढ़ गया है और निर्देष दिया कि नये रेट के अनुसार बढ़े हुए क्षेत्रफल का पैसा जमा कर दे, जिसके बाद अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।
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परिवादी ने विपक्षी को अपने पत्र दिनांकित 05.02.14 के द्वारा यह सूचित किया कि उसे बढ़ा हुए क्षेत्रफल नहीं चाहिए। परिवादी को मात्र 300 वर्गमीटर का ही भूखण्ड दिया जाये और यदि आवष्यक है कि बढ़ा हुए क्षेत्रफल लेना ही पड़ेगा, तो उसे पुरानी ही रेट पर भूखण्ड दिया जाये। परिवादी बराबर विपक्षी के0डी0ए0 के चक्कर लगाता रहा। किन्तु आज तक विपक्षी ने परिवादी को कोई जवाब नहीं दिया और न ही भूखण्ड की रजिस्ट्री की और न ही कब्जा दिया। परिवादी ने दिनांक 30.06.14 को पुनः पत्र लिखकर इसी फोरम द्वारा पारित आदेष दिनांक 24.05.06 राम चन्द्र बनाम के0डी0ए0 की छायाप्रति भेजी थी। जिसमें मा0 फोरम ने आदेषित किया था कि इस्पात नगर योजना के बढ़े हुए भाग की कीमत भी पुराने आवंटित दर पर की जाये तथा रजिश्ट्री की जाये। किन्तु विपक्षी के द्वारा कोई कार्यवाही अब तक नहीं की गयी। इस प्रकार विपक्षी ने अपने कार्य व सेवा में कमी की है, जिससे परिवादी को मानसिक संताप हुआ है। फलस्वरूप परिवादी के द्वारा प्रस्तुत परिवाद योजित किया गया।
3.विपक्षी की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि परिवादी द्वारा दिनांक 28.11.10 को प्रार्थनापत्र प्रस्तुत करके प्रष्नगत प्लाट के बढ़े हुए क्षेत्रफल को स्वीकृत करने के लिए किया गया था। फोरम स्वयं के द्वारा वर्श 2006 में पारित निर्णय/आदेष से बाधित नहीं है। परिवादी स्वयं में डिफाल्टर है। परिवादी को कोई वाद कारण उत्पन्न नहीं हुआ है। मा0 उच्चतम न्यायालय एवं मा0 राश्ट्रीय आयोग द्वारा विधि निर्णय में यह कहा गया है कि पत्राचार के द्वारा समयावधि का विस्तार नहीं किया जा सकता। अतः परिवाद विषेश हर्जे सहित खारिज किया जाये।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 20.11.14 एवं 25.01.17 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-3/1 के साथ संलग्न कागज 3/2 लगायत् 3/8 दाखिल किया है।
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विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5.विपक्षी ने अपने कथन के समर्थन में राकेष कुमार यादव, नगर आयुक्त जोन-3 षपथपत्र दिनांकित 22.04.16 दाखिल किया है।
निष्कर्श
6.फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध कराये गये साक्ष्यों से विदित होता है कि प्रष्नगत प्लाट परिवादी के पक्ष में आवंटित किया गया है। परिवादी द्वारा जमा की गयी धनराषि पर विपक्षी की ओरसे कोई विवाद नहीं किया गया है। परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र व आवंटन पत्र सहित अन्य अभिलेखीय साक्ष्य यथा उल्लिखित उपरोक्त प्रस्तर सं0-4 में, प्रस्तुत किये गये हैं। परिवादी का कथन है कि विपक्षी उससे प्रष्नगत भूखण्ड का बढ़े हुए क्षेत्रफल का मूल्य पुराने आवंटित मूल्य रू0 4620.00 प्रति वर्गमीटर की दर से लेवे। विपक्षी द्वारा परिवादी को अपने जवाब दावा के प्रस्तर-11 में परिवादी को डिफाल्टर बताया गया है। किन्तु परिवादी किस तरह से डिफाल्टर रहा है-यह स्पश्ट नहीं किया गया है। विपक्षी की ओर से अपने जवाब दावा के प्रस्तर-8 में यह भी कहा गया है कि परिवादी ने स्वयं के द्वारा दिनांक 28.11.10 को पत्र प्रस्तुत करके विपक्षी से प्रष्नगत प्लाट/भूखण्ड के बढ़े हुए क्षेत्रफल को भी स्वीकृत करने के लिए कहा है। किन्तु विपक्षी की ओर से ऐसा कोई प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। अतः विपक्षी का उपरोक्त कथन स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है। विपक्षी की ओर से अपने जवाब दावा के प्रस्तर-12 में यह कहा गया है कि मा0 उच्चतम न्यायालय एवं मा0 राश्ट्रीय आयोग द्वारा अपने विभिन्न निर्णयों में यह कहा गया है कि विपक्षी के साथ पत्राचार करने से समयावधि का विस्तार नहीं होता है। किन्तु स्वयं विपक्षी की ओर से जवाब दावा में यह नहीं कहा गया है कि परिवाद कालबाधित है। अतः उपरोक्तानुसार विपक्षी का उपरोक्त कथन भी स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है बल्कि औचित्यहीन है। विपक्षी की ओर से
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उपरोक्त के अतिरिक्त अन्य कोई सारवान प्रतिवाद नहीं किया गया है और न ही तो कोई सारवान साक्ष्य प्रस्तुत किया गया है।
उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद, विपक्षी परिवादी को उसके पक्ष में आवंटित भूखण्ड सं0-105 ब्लाक-ई इस्पात नगर कानपुर नगर की रजिस्ट्री मय बढ़े हुए क्षेत्रफल के पुरानी आवंटित मूल्य रू0 4,620.00 प्रति वर्गमीटर की दर से प्राप्त करके तथा रजिस्ट्री से सम्बन्धित अन्य खर्चे प्राप्त करके नियमानुसार प्रष्नगत प्लाट का पंजीयन परिवादी के पक्ष में करने तथा कब्जा व दखल दिलाये जाने तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय दिलाये जाने हेतु स्वीकार किये जाने योग्य है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी, परिवादी को उसके पक्ष में आवंटित भूखण्ड सं0-105 ब्लाक-ई इस्पात नगर कानपुर नगर की रजिस्ट्री मय बढ़े हुए क्षेत्रफल के पुरानी आवंटित मूल्य रू0 4,620.00 प्रति वर्गमीटर की दर से प्राप्त करके तथा रजिस्ट्री से सम्बन्धित अन्य खर्चे प्राप्त करके नियमानुसार प्रष्नगत प्लाट का पंजीयन परिवादी के पक्ष में करे तथा कब्जा व दखल देवे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करें।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
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