जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
श्रीमती सुधा यादव ........................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-198/2016
ब्रजेष कुमार श्रीवास्तव पुत्र स्व0 राम अयोध्या प्रसाद श्रीवास्तव निवासी-89 न्यू एल.आई.जी.बर्रा-7, कानपुर नगर।
............परिवादी
बनाम
1. मे0 के0बी0सी0एल0 इण्डिया लि0 षाखा कार्यालय जी0सी0 92 आवास विकास-1 पनकी रोड, कल्यानपुर, कानपुर नगर द्वारा षाखा प्रबंधक।
2. मे0 के0बी0सी0एल0 इण्डिया लि0, रजिस्टर्ड आफिस प्रथम तल जे0डी0 बिजनेस सेन्टर (सचदेवा इंजीनियरिंग कालेज के पास) एन.एच.2 पराह, मथुरा द्वारा डायरेक्टर।
.......विपक्षीगण
परिवाद दाखिला तिथिः 11.04.2016
निर्णय तिथिः 14.09.2018
श्रीमती सुधा यादव सदस्या, द्वारा उद्घोशितः-
ःःः निर्णयःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षीगण से पालिसी बॉण्ड एग्रीमेन्ट के तहत बनने वाली धनराषि रू0 44000/-एंव उक्त धनराषि पर परिपक्वता दिंनाक 12.08.2015 से वास्तविक भुगतान की तिथि तक 18 प्रतिषत वार्शिक ब्याज दिलाया जाये, परिवादी को हैरान, परेषान व मानसिक प्रताड़ना एंव आर्थिक क्षति के रूप में रू0 10,000/-, अधिवक्ता फीस रू0 10,000/-, लीगल नोटिस में व्यय रू0 500/-तथा परिवाद व्यय रू0 2000/-दिलाया जावे।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने विपक्षी सं0-1 के कार्यालय से दिंनाक 12.08.2010 को एक पालिसी बॉण्ड लिया था, जिसका रजिस्ट्रेषन नं0-के0बी0.10602/001500 है। जिसके एग्रीमेन्ट के तहत परिवादी को विपक्षी सं0-1 के कार्यालय में उक्त पालिसी बॉण्ड में रू0 500/-प्रतिमाह के हिसाब से 5 वर्श अर्थात 60 महीने तक किस्तों की अदायगी करना था। जो अवधि दिंनाक 12.08.2015 को पूर्ण होती है। प्रष्नगत पालिसी बॉण्ड एग्रीमेन्ट के अनुसार समान किस्तों की अदायगी हो जाने पर विपक्षी सं0-1 द्वारा परिवादी को रू0 44000/-अदा करने थे। परिवादी द्वारा एग्रीमेन्ट के अनुसार 5 वर्श अर्थात 60 महीने तक रू0 500 /-प्रतिमाह के हिसाब से किस्तों की अदायगी कर दी गई। तदोपरान्त विपक्षी सं0-1 के कार्यालय में प्रष्नगत बॉण्ड जमा करके, पालिसी बॉण्ड एग्रीमेन्ट के अनुसार रू0 44000/-वापसी का आवेदन किया गया। विपक्षी सं0-1 के कार्यालय से कई बार सम्पर्क करके नियमानुसार रू0 44000/-मय ब्याज अदा करने के लिये कहा गया तथा दिंनाक 10.02.2016 को विधिक नोटिस भी दी गई। किन्तु विपक्षी सं0-1 के द्वारा पालिसी बॉण्ड के अनुसार धनराषि अदा नहीं की गई। विपक्षी सं0-2 से भी वार्ता की गई। किन्तु विपक्षी सं0-2 द्वारा भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। परिवादी को भारी मानीसिक, षारीरिक व आर्थिक क्षति कारित हुई है। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. विपक्षीगण को रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजे गये, परन्तु विपक्षी बावजूद तामीला उपस्थित नहीं आये और न ही कोई जवाबदावा अथवा साक्ष्य/षपथपत्र दाखिल किया। अतः फोरम द्वारा दिंनाक 18.07.2017 को विपक्षीगण के विरूद्व एकपक्षीय कार्यवाही का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 07.04.2016 व अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची के माध्यम से विपक्षीगण को भेजी गई लीगल नोटिस व डाक रसीदों की छायाप्रति तथा पॉलिसी बॉण्ड को के0बी0सी0एल0 के कार्यालय में जमा की पावती रसीद की छायाप्रति कागज सं0-5/1 लगायत 5/3 व विपक्षी कम्पनी द्वारा जारी घोशणा पत्र की छायाप्रति दिंनाकित 10.12.2016, दाखिल किये हैं। परिवादी ने साक्ष्य षपथपत्र स्वॅय का दिंनाकित 30.01.2018 दाखिल किया है तथा लिखित बहस भी दाखिल की है।
निष्कर्श
5. परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि बावजूद तलब-तकाजा विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया और इस प्रकार से परिवादी द्वारा किये गये कथन तथा परिवादी की ओर से एकपक्षीय रूप से प्रस्तुत किये गये षपथपत्रीय व अभिलेखीय साक्ष्य का खण्डन नहीं किया गया है। जिससे परिवादी के कथन व परिवादी की ओर से अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में दाखिल, पॉलिसी बॉण्ड को के0बी0सी0एल0 के कार्यालय में जमा की पावती रसीद एंव विपक्षी द्वारा जारी घोशणा पत्र पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादी द्वारा प्रष्नगत बॉण्ड क्रय करने से सम्बन्धित अभिलेखीय साक्ष्य एंव षपथपत्र से प्रथम द्रश्टया परिवादी का कथन साबित होता है। अतः परिवादी प्रष्नगत पॉलिसी बॉण्ड की परिपक्वता धनराषि रू0 44000/-बीमा षर्तो के अनुसार मय ब्याज के तथा रू0 2000/-वादव्यय विपक्षीगण से पाने का अधिकारी है। परिवाद उपरोक्तानुसार स्वीकार किये जाने योग्य है - जहॉ तक अन्य याचित उपषम का प्रष्न है, के सम्बन्ध में, परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न करने के कारण - स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
:ःआदेषःःः
6. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद, उपरोक्त कारणों से, एकपक्षीय रूप से, ऑषिक रूप से विपक्षीगण के विरूद्व इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, बीमा षर्तो के अनुसार प्रष्नगत पॉलिसी बॉण्ड की परिपक्वता धनराषि रू0 44000/- (चवालिस हजार रू0) मय 08 प्रतिषत वार्शिक ब्याज के दौरान मुकदमा तायूम वसूली तथा रू0 2000/- (दो हजार रू0) वादव्यय परिवादी को अदा करें।
( श्रीमती सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
( श्रीमती सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।