Uttar Pradesh

Faizabad

CC/264/2011

Promod Kumar - Complainant(s)

Versus

Kawaljeet - Opp.Party(s)

03 Aug 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM
Judgement of Faizabad
 
Complaint Case No. CC/264/2011
 
1. Promod Kumar
Faizabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Kawaljeet
FAIZABAD
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA MEMBER
 HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।

 

उपस्थित -     (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
        (2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य

              परिवाद सं0-264/2011

               
प्रमोद कुमार उर्फ अरूण कुमार पाण्डेय पुत्र स्व0 श्री लालता प्रसाद पान्डेय निवासी ग्राम भीखापुर परिक्रमा मार्ग, थाना - कोतवाली अयोघ्या परगना - हवेली अवध, तहसील, सदर, जनपद - फैजाबाद।                                      .............. षिकायतकर्ता
बनाम
1.    कवलजीत सिंह प्रोपराइटर सिंह कम्यूनिकेषन साहबगंज, थाना-कोतवली नगर, जिला फैजाबाद।
2.    रवि कुमार प्रोपराइटर साकेत इन्टर प्राइजेज स्पाइस सर्विस सेन्टर मकबरा षहर, तहसील व जिला फैजाबाद। 
समस्त परगना हवेली अवध, तहसील सदर, जिला फैजाबाद।     
                                                           ..........  विपक्षीगण
निर्णय दिनाॅंक 03.08.2015            
उद्घोषित द्वारा: श्रीमती माया देवी षाक्य, सदस्या।
                        निर्णय
    परिवादी के परिवाद का संक्षेप इस प्रकार है कि परिवादी ने दिनांक 18-08-2015 को विपक्षी सं 1 से स्पाइस मोबाइल माडल नं 5151 मय चार्जर के रूपये 2700/- में खरीदा। मौबाइल सेट खरीदते समय विपक्षी सं 1 ने एक साल गारन्टी दी थी। कोई भी खराबी आने पर विपक्षी संख्या 1 या सर्विस सेन्टर से निषुल्क ठीक कराने की बात कही थी। मोबाइल लगभग 6 माह ठीक चला, फरवरी सन् 2011 के द्वितीय सप्ताह में बात करते करते अचानक मोबाइल में आवाज आना बन्द हो गयी। दिनंाक 15-02-2011 को परिवादी विपक्षी सं0 1 के पास गया, तो विपक्षी सं0 1 ने मोबाइल रख लिया और 15 दिन बाद आने को कहा, परिवादी ने मोबाइल रखने की रसीद माँगी, तो विपक्षी सं0 1 ने रसीद नही दी और 15 दिन बाद परिवादी विपक्षी सं0 1 के पास गया, और अपना मोबाइल माँगा तो विपक्षी सं0 1 ने बताया कि मोबाइल अभी बनकर नहीं आया, परिवादी विपक्षी सं0 2 के यहाँ जाकर विपक्षी सं01 से बात करा दे तो मोबाइल मिल जायेगा। परिवादी विपक्षी सं0 2 के यहाँ पहुँचा ओैर मोबाइल मागाँ तो मोबाइल की बनवायी रूपये 625/- माँगी और बताया की मोबाइल की एल0सी0डी0 बदली गयी है, उसका पैसा देना पड़ेगा। परिवादी ने मोबाइल के गारन्टी में होने की बात बतायी, तो विपक्षी ने मोबाइल देने से इन्कार कर दिया इस प्रकार विपक्षीगण ने परिवादी का मोबाइल हड़प लिया, परिवादी दुबारा दिनंाक 08-03-2011 को मोबाइल लेने विपक्षी सं0 2 के पास गया मगर विपक्षी सं0 2 और विपक्षी सं0 1 ने परिवादी को डाँट डपट कर भगा दिया, मोबाइल न होने से परिवादी को आर्थिेक क्षति उठानी पड़ी। परिवादी ने अधिवक्ता के माध्यम से दिनंाक 27-04-2011 को विपक्षीगण को नोटिस भेजा जिसका कोेई उत्तर नहीं मिला, इसलिए परिवादी को अपना परिवाद दाखिल करना पड़ा। परिवादी को विपक्षीगण से मोबाइल की कीमत रूपये 2700/- क्षतिपूर्ति 1,00,000/-, 10 प्रतिषत ब्याज तथा परिवाद व्यय दिलाया जाये। 
    विपक्षीगण को फोरम से पंजीकृत नोटिस भेजे गये जिन्हें लेने से विपक्षीगण ने इन्कार कर दिया, उसके बाद विपक्षीगण के विरूद्व दैनिक समाचार पत्र स्पस्ट आवाज में दिनांक 13 जुलाई 2012 को नोटिस का प्रकाषन कराया गया। इसके बावजूद भी विपक्षीगण फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुये, तब विपक्षीगण के विरूद्व परिवाद की सुनवाई एक पक्षीए रूप से किये जाने का आदेष किया गया। 
    परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुना एवं पत्रावली का भली भाँति का परिषीलन किया। परिवादी ने अपने पक्ष के सर्मथन अपना षपथ पत्र, मोबाइल खरीदे जाने की मूल रसीद, विपक्षीगण को भेजे गये नोटिस की कार्बन प्रति तथा अपनी लिखित बहस दाखिल की है। परिवादी द्वारा दाखिल प्रपत्रों से प्रमाणित है कि परिवादी ने विपक्षी सं0 1 के यहाँ से मोबाइल रूपये 2700/- में खरीदा था, जिसे 6 माह बाद खराब होने पर विपक्षी सं0 1 ने ठीक कराने के लिये जमा करा लिया और परिवादी से गारन्टी पीरिएड में रूपयेे 625/- भुगतान ने करने के लिये कहा पर, भुगतान न देने पर मोबाइल वापस नहीं किया। इस प्रकार विपक्षीगणों ने परिवादी का मोबाइल वापस न करके अपनी सेवा में कमी की है। परिवादी अपना परिवाद प्रमाणित करने में सफल रहा है। परिवादी का परिवाद आंषिक रूप से स्वीकार एवं आषिक रूप से खारिज किये जाने योग्य है। 
आदेष
           परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध अंाशिक रुप से स्वीकार एवं अंाशिक रुप से खारिज किया जाता है। विपक्षीगण को पृथक पृथक व संयुक्त रूप से आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को मोबाइल की कीमत रुपये 2700/- आदेष की दिनांक से 30 दिन के अन्दर वापस करें। विपक्षीगण परिवादी को परिवाद दाखिल करने की दिनांक से तारोेेेेेेज वसूली की दिनांक से तक रूपये 2700/- पर 9 प्रतिषत साधारण वार्शिक ब्याज का भी भुगतान करेंगे। विपक्षीगण परिवादी को क्षतिपूर्ति के मद में रूपये 1000/- तथा परिवाद व्याय के मद में रूपये 1000/- भी अदा करें।  
       (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)             (चन्द्र पाल)              
          सदस्य                    सदस्या                   अध्यक्ष      
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 03.08.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।

          (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)             (चन्द्र पाल)           
              सदस्य                  सदस्या                    अध्यक्ष

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY]
MEMBER

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