Uttar Pradesh

StateCommission

A/2082/2014

Shriram General Insurance Co ltd - Complainant(s)

Versus

Kavita Gupta - Opp.Party(s)

Dinesh Kumar

11 May 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2082/2014
( Date of Filing : 09 Oct 2014 )
(Arisen out of Order Dated 07/03/2014 in Case No. 61/2013 of District Auraiya)
 
1. Shriram General Insurance Co ltd
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Kavita Gupta
Auraiya
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Vikas Saxena PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. DR. ABHA GUPTA MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 11 May 2022
Final Order / Judgement

(सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

अपील सं0 :- 2082/2014

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, औरेया द्वारा परिवाद सं0- 61/2013 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 07/03/2014 के विरूद्ध)

 

Shriram General Insurance Company Limited, E-8, EPIP, RIICO Industrial Area, Sitapura, Jaipur (Rajasthan)-302022 Branch Office 16, Chintal House, Station Road, Lucknow through its Manager

 

  •                                                                            
  •  

 

Kavita Gupta W/O Shyam Kumar Gupta R/O-Mohalla-Suran Road, Narayanpur, Sahar/District-Auraiya (UP)

 

  •                                                                                      

समक्ष

  1. मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य
  2. मा0 डा0 आभा गुप्‍ता, सदस्‍य

उपस्थिति:

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:- श्री दिनेश कुमार, एडवोकेट 

प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:- श्री अनिल कुमार मिश्रा, एडवोकेट

दिनांक:-08.06.2022

माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

  •  

1.          जिला उपभोक्‍ता आयोग, औरेया द्वारा परिवाद सं0- 61/2013, श्रीमती कविता गुप्‍ता बनाम श्रीराम जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड व अन्‍य में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 07/03/2014 के विरूद्ध यह अपील पस्‍तुत की गयी है। प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी ने अपना परिवाद इन अभिकथनों के साथ प्रस्‍तुत किया कि वह वाहन सं0 यू0पी0 79 टी-0532 की पंजीकृत स्‍वामी है। यह वाहन अपीलकर्ता श्रीराम जनरल इंश्‍योरेंस के साथ दिनांक 10.08.2012 से दिनांक 09.08.2013 तक की अवधि के लिए बीमित था। बीमित मूल्‍य रूपये 4,15,000/- का था। बीमे की अवधि में दिनांक 25.11.2012 को उक्‍त वाहन साडी़ का सामान लेकर जैतरा जनपद एटा गया था। वापस आते समय गांव लालपुर, जिला एटा के करीब वाहन में आग लग गयी, जिसकी सूचना पुलिस को दी गयी। फायर स्‍टेशन एटा का वाहन सं0 यूपी 82/1029 आया किन्‍तु फायर ब्रिगेड को घटना स्‍थल पर देर लगी और 02 घंटे की मेहनत के बाद आग बुझायी गयी। घटना की सूचना फायर ब्रिगेड, एटा को समय 7 बजकर 31 मिनट पर दी गयी थी तथा फायर ब्रिगेड आने के उपरान्‍त समय 10:30 बजे तक आग बुझाने की कार्यवाही की गयी इसके उपरान्‍त बिना विलम्‍ब घटना की सूचना  बीमाकर्ता गण को दे दी गयी थी।

2.            बीमाकर्ता की ओर से सर्वे कराया गया तथा प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी का क्‍लेम सं0 10000/31/13/सी/047132 पंजीकृत किया गया। निरंतर प्रयास करने के बावजूद बीमाकर्तागण ने क्‍लेम नहीं दिया, बल्कि प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी का सम्‍पूर्ण वाहन जलकर नष्‍ट हो गया था और मरम्‍मत योग्‍य नहीं रह गया था। अत: परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

3.            विद्धान जिला उपभोक्‍ता फोरम ने अपने निर्णय में अंकित किया है कि अपीलकर्ता बीमाकर्ता को नोटिस जारी किये थे जो उन पर तामील हो गये। बीमाकर्ता की ओर से श्री सुरेन्‍द्र कुमार दुबे, एडवोकेट नियुक्‍त किया गया तथा उनका वकालतनामा पत्रावली पर दिया गया है किन्‍तु बीमाकर्ता की ओर से अनेकों स्‍थगन प्रार्थना पत्र प्रस्‍तुत किया गया और अंत में वे गैर हाजिर हो गये थे पर्याप्‍त अवसर दिये जाने के बावजूद बीमा कम्‍पनी की ओर से कोई उत्‍तर पत्र नहीं प्रस्‍तुत किया गया और न ही कोई उपस्थित आया। अत: परिवादी की बहस को सुनकर परिवादी का परिवाद वाहन मूल्‍य रू0 4,15,000/- मानसिक कष्‍ट के लिए, रूपये 20,000/- अधिवक्‍ता की फीस रू0 10,000/- तथा वाद व्‍यय रूपये 5,000/- कुल मिलाकर 4,50,000/- की वसूली हेतु वाद आज्ञप्‍त किया गया, जिससे व्‍यथित होकर यह अपील प्रस्‍तुत की गयी है।

4.             अपील में मुख्‍य रूप से बीमाकर्ता की ओर से कथन किया गया है कि प्रश्‍नगत निर्णय मनमाना विधिक प्रावधान को अनदेखा करते हुए और क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर दिया गया है। बीमाकर्ता की ओर से आईआरडीए एप्रूवड के सर्वेयर नियुक्‍त किये गये, जिन्‍होंने सर्वेक्षण के उपरान्‍त वाहन की दशा को देखते हुए हानि का मूल्‍यन रूपये 3,13,750/- रूपये सॉल्‍वेज को घटाते हुए किया। सर्वेक्षण रिपोर्ट आने के उपरान्‍त बीमा कम्‍पनी ने परिवादी को पत्र दिनांकित 18.02.2013, 28.02.2013 एवं 07.03.2013 वाहन को Dismantle  करने के लिए दिये किन्‍तु न तो प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी ने वाहन को Dismantle किया और न ही बीमाकर्ता के निरीक्षण हेतु प्रस्‍तुत किया, सर्वेक्षण रिपोर्ट परिवादिनी के ज्ञान में थी किन्‍तु प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी ने दुर्भावना से यह परिवाद प्रस्‍तुत कर दिया। फायर ब्रिगेड की रिपोर्ट के अनुसार हानि की धनराशि रूपये 95,000/- नियुक्‍त की गयी है, किन्‍तु फायर ब्रिगेड की उक्‍त रिपोर्ट को भी विद्धान जिला उपभोक्‍ता फोरम ने अपने प्रसंज्ञान में नहीं लिया है। दिनांक 07.03.2013 के पत्र के माध्‍यम से प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी का बीमे का दावा नो क्‍लेम कर दिया गया इस प्रकार बीमाकर्ता की ओर से सेवा में कोई कमी नहीं की गयी। अत: विद्धान जिला उपभोक्‍ता फोरम ने गलत प्रकार से वाद का निर्णय करके परिवाद आज्ञप्‍त किया है निर्णय अपास्‍त होने योग्‍य है एवं अपील स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

5.             अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री दिनेश कुमार एवं प्रत्‍यर्थी  की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री अनिल कुमार मिश्रा को विस्‍तृत रूप से सुना गया। पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त अभिलेख का अवलोकन किया गया। तत्‍पश्‍चात पीठ के निष्‍कर्ष निम्‍न प्रकार से हैं:-  

6.             इस मामले मे दोनों पक्षों के मध्‍य इस बिन्‍दु पर कोई मतभेद नहीं है कि प्रश्‍नगत वाहन दिनांके 10.08.2012 से दिनांक 09.08.2013 तक के लिए बीमित था तथा वाहन का बीमित मूल्‍य रूपये 4,15,000/- था एवं दुर्घटना बीमा की अवधि में दिनांक 25.11.2012 को हुई थी। नो क्‍लेम लेटर दिनांकित 07.03.2013 की प्रतिलिपि अभिलेख पर है, जिसके अवलोकन से स्‍पष्‍ट होता है कि वाहन को Dismantle करके बीमा कम्‍पनी के पुनर्निरीक्षण हेतु प्रस्‍तुत न किये जाने के कारण वाहन के बीमे को नो क्‍लेम किया गया है। बीमा कम्‍पनी की ओर से ऐसा कोई नियम अथवा बीमा की संविदा की कोई शर्त पीठ के समक्ष नहीं रखी गयी है एवं न ही विद्धान जिला उपभोक्‍ता फोरम के समक्ष रखी गयी है। दुर्घटना की दशा में वाहन को Dismantle करके बीमा कम्‍पनी के समक्ष प्रस्‍तुत करने का उत्‍तरदायितव परिवादी का ही होगा और ऐसा न करने पर बीमे की शर्त का उल्‍लंघन माना जायेगा। अत: इस आधार पर बीमे के दावे को नो क्‍लेम किया जाना उचित है। यह अपीलकर्ता बीमा कम्‍पनी की ओर से नहीं दर्शाया गया है।

7.             बीमाकर्ता की ओर से नियुक्‍त सर्वेयर रिपोर्ट दिनांक 15.01.2013 द्वारा श्री राम लखन गुप्‍ता, डी0एम0ए0 की प्रतिलिपि अभिलेख पर है, जिसमें वाहन का बीमा मूल्‍य रू0 4,15,000/- दर्शाया गया है। इस धनराशि में से रूपये 20,750/- निगोशिएबल वैल्‍यू आईडीवी रूपये 20,750/- सर्वेयर द्वारा कम किये गये हैं, जिसके लिए सर्वेयर महोदय द्वारा लिखा गया है कि यदि वाहन के अवयव Dismantle करके रिपेयर किये जायेंगे तो इसका मूल्‍य लगभग 20,000 या उसके आसपास आयेगा। इसके अतिरिक्‍त रूपये 500/- पॉलिसी क्‍लॉज के कम किये गये हैं एवं यह लिखते हुए रूपये 20,750/- स्‍वीकार किये गये हैं। सर्वेयर का उक्‍त दृष्टिकोण उचित प्रतीत नहीं होता है क्‍योंकि ऐसा बीमा पॉलिसी में कोई शर्त थी यह भी पीठ के समक्ष नहीं रखी गयी है। अत: सम्‍पूर्ण आईडीवी          वैल्‍यू रूपये 4,15,000/- में से बीमा क्‍लॉज के रूपये 500/- कम किया जाना उचित है।

8.             इसके अतिरिक्‍त सर्वेयर महोदय ने रूपये 80,000/- जले हुए वाहन की सॉल्‍वेज वैल्‍यू दर्शायी है, जिसे कम किया गया है उक्‍त दोनों धनराशियां उचित प्रतीत होती है। अत: बीमित मूल्‍य रूपये 4,15,000/- में से रूपये 80,000/- सॉल्‍वेज वैल्‍यू कम किया जाना तथा रूपये 500/- पॉलिसी क्‍लॉज के अंतर्गत कम किया जाना उचित प्रतीत होता है इस प्रकार बीमे की धनराशि रू0 3,34,500/- जो सर्वेयर रिपोर्ट के अनुसार है, प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी को दिलवाया जाना उचित है। विद्धान जिला उपभोक्‍ता फोरम ने वाद योजन की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक 07 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज वाहन के उक्‍त मूल्‍य पर दिलवाया जाना उचित पाया है यह ब्‍याज की दर भी उचित प्रतीत होती है।   

  •  
  •    आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। अपीलकर्ता बीमा कम्‍पनी को निर्देश दिया जाता है कि वे रूपये 3,34,500/- बीमे की धनराशि के रूप में प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी को प्रदान करे, साथ ही इस धनराशि पर वाद योजन की तिथि से वास्‍तविक अदायगी तक 07 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज भी अदा करें। 

उभय पक्ष वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

(विकास सक्‍सेना)                       (डा0 आभा गुप्‍ता)               सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

संदीप आशु कोर्ट-3 

 

 

               

 

 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. DR. ABHA GUPTA]
MEMBER
 

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