Uttar Pradesh

StateCommission

A/404/2021

Madhyanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd. & Others - Complainant(s)

Versus

Kaushiki Singh - Opp.Party(s)

Deepak Mehrotra

26 Nov 2021

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/404/2021
( Date of Filing : 16 Aug 2021 )
(Arisen out of Order Dated 24/04/2021 in Case No. C/2020/121 of District Bareilly-I)
 
1. Madhyanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd. & Others
Bareilly
...........Appellant(s)
Versus
1. Kaushiki Singh
Bareilly
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 26 Nov 2021
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-404/2021

(सुरक्षित)

(जिला उपभोक्‍ता आयोग-प्रथम, बरेली द्वारा परिवाद संख्‍या 121/2020 में पारित आदेश दिनांक 24.04.2021 के विरूद्ध)

1. मध्‍यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 द्वारा चीफ इंजीनियर, विद्युत वितरण आफिस, काटजू मार्ग, बरेली।

2. मध्‍यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 द्वारा सुप्रीनटेंडिंग इंजीनियर, विद्युत वितरण मण्‍डल, रूरल एरिया, आफिस, काटजू मार्ग, बरेली।

3. मध्‍यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 द्वारा एक्‍जीक्‍यूटिव इंजीनियर, रूरल एरिया, विद्युत वितरण खण्‍ड-तृतीय, आफिस, बहेड़ी, बरेली।

4. मध्‍यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 द्वारा जूनियर इंजीनियर, विद्युत वितरण सब स्‍टेशन, 33.11के0वी0, बहेड़ी, बरेली।

5. मध्‍यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 द्वारा सब डिवीजनल आफिसर, विद्युत वितरण खण्‍ड-प्रथम, बहेड़ी, बरेली।                                    

         ........................अपीलार्थीगण/विपक्षीगण सं01ता4 व 6

बनाम

1. कौशिकी सिंह, पुत्री स्‍व0 वीरेन्‍द्र सिंह, तलाकशुदा पत्‍नी श्री भरत चौधरी, हाल निवासी- हाउस नं0 334, कानूनगोयान, बरेली।

2. वेदिका सिंह, पुत्री स्‍व0 वीरेन्‍द्र सिंह, पत्‍नी श्री प्रदीप आर्य, निवासी- फ्लैट नं0 एस-1, प्‍लाट नं0 103, सेक्‍टर-4, वैशाली, गाजियाबाद, रजिस्‍टर्ड एटार्नी, श्रीमती राधा रानी, पत्‍नी स्‍व0 वीरेन्‍द्र सिंह, निवासी- हाउस नं0 334, कानूनगोयान, बरेली।

3. स्‍टेट आफ यू0पी0 द्वारा जिलाधिकारी, बरेली।

          ...................प्रत्‍यर्थीगण/परिवादिनीगण व विपक्षी सं05

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री दीपक मेहरोत्रा,

                               विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

 

दिनांक: 13.07.2022

 

 

-2-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

     प्रस्‍तुत अपील अपीलार्थीगण मध्‍यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 आदि द्वारा इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता आयोग-प्रथम, बरेली द्वारा परिवाद संख्‍या-121/2020 कौशिकी सिंह व अन्‍य बनाम मध्‍यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 आदि में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 24.04.2021 के विरूद्ध योजित की गयी।

प्रश्‍नगत निर्णय और आदेश के द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा उपरोक्‍त परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया गया:-

''परिवादिनीगण का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध रू0 3,64,000/- (तीन लाख चौषठ हजार रू0) क्षतिपूर्ति के सम्‍बन्‍ध में स्‍वीकार किया जाता है, इसका भुगतान 30 दिन में किया जायेगा, अन्‍यथा दावे की तिथि से वसूली की तिथि तक इस पर 6 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज भी देय होगा। इसके अलावा खर्चा मुकदमा रू0 4000/- विपक्षीगण द्वारा 30 दिन अदा किया जायेगा।''

मेरे द्वारा अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना गया तथा आक्षेपित निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।

     संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादिनीगण द्वारा वर्ष 2017 में अपनी कृषि भूमि पर गन्‍ने की फसल बोई गयी थी, जो पककर तैयार हो गयी थी तथा कटने को तैयार थी तथा यह कि विपक्षीगण द्वारा दोषपूर्ण तरीके से अनुरक्षित, संचालित 11 के0वी0 सजीव लाइन का पोल खड़ा हुआ था उक्‍त 11 के0वी0 लाइन के पोल पर अन्‍यथा बिजली फिटिंग से दिनांक 15.10.2017 को समय लगभग 1:00 बजे दोपहर एक चिंगारी निकली, जो गन्‍ने की सूखी पत्तियों पर गिरी, जिससे गन्‍ने की खड़ी फसल में आग लग गयी, जिससे परिवादिनीगण की 3.555 हे0 गन्‍ने की फसल जल गयी, जिसकी वजह विद्युत दुर्घटना से  हुई  हानि  है,  जिस

 

 

-3-

कारण परिवादिनीगण को लगभग 5,20,000/-रू0 का नुकसान हुआ।

     परिवादिनीगण का कथन है कि उक्‍त अग्निकाण्‍ड की सूचना विपक्षीगण विद्युत विभाग व फायर ब्रिगेड को दी गयी तथा अग्नि शमन विभाग बहेड़ी द्वारा परिवादिनीगण के खेतों की आग बुझायी गयी, परन्‍तु जब तक आग बुझाई गयी तब तक पूरी फसल जल चुकी थी।

परिवादिनीगण द्वारा उक्‍त दुर्घटना की सूचना विद्युत सुरक्षा निदेशक बरेली को दी गयी, जिस पर उनके द्वारा जांच की गयी तथा जांच उपरान्‍त विद्युत सजीव 11 के0वी0 लाइन की अनुरक्षण करने का दोषी विपक्षीगण को बताया गया तथा नुकसान की भरपाई राजस्‍व विभाग के आंकलन के अनुसार किये जाने हेतु विपक्षीगण को रिपोर्ट भेजी गयी।

परिवादिनीगण द्वारा विपक्षीगण के कार्यालय के अनेकों चक्‍कर लगाये गये, परन्‍तु विपक्षीगण द्वारा कोई प्रतिकर नहीं दिया गया, जिससे क्षुब्‍ध होकर परिवादिनीगण द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख परिवाद योजित करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।

     जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख परिवादिनीगण द्वारा अपने कथन के समर्थन में सूची 5 से दो नकल आधार कार्ड की फोटो प्रति, जांच रिपोर्ट की छाया प्रति, कृषि अधिकारी को प्रेषित पत्र की फोटोप्रति, कागज सं0 6/1 ता 6/5 दाखिल किया गया तथा अपना मुख्‍तारेआम साक्ष्‍य शपथपत्र 12 से दिया है।

     जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख विपक्षी विद्युत विभाग की ओर से उत्‍तर पत्र प्रस्‍तुत किया गया, जिसमें कहा गया कि विद्युत विभाग की किसी भी दोषपूर्ण व लापरवाही से परिवादिनी के गन्‍ने के खेत में आग नहीं लगी है तथा परिवादिनी द्वारा जो लगभग 5,20,000/-रू0 का नुकसान का आंकलन किया गया है इस

 

 

 

-4-

सम्‍बन्‍ध में तहसील बहेड़ी जिला बरेली द्वारा विभाग को कोई आख्‍या नहीं दी गयी।

     विपक्षी विद्युत विभाग का कथन है कि विपक्षी संख्‍या-1  द्वारा विपक्षी संख्‍या-2 को एवं विपक्षी संख्‍या-2 के द्वारा विपक्षी संख्‍या-3 को परिवादिनी की दिनांक 15.10.2017 को गन्‍ने की फसल में घटित विद्युत अग्निकाण्‍ड होने के फलस्‍वरूप क्षतिपूर्ति स्‍वीकृति करने के सम्‍बन्‍ध में पत्रांक संख्‍या 4113 दिनांक 16.11.2019 एवं 23.11.2019 को पत्रांक सं0 2867 जारी किया गया था, जिस पर विपक्षी संख्‍या-3 द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की गयी। कृषि विभाग, तहसील बहेड़ी एवं अन्‍य किसी शासकीय योजना के अन्‍तर्गत फसल क्षतिपूर्ति के भुगतान के सम्‍बन्‍ध में कोई प्रमाण पत्र विभाग को उपलब्‍ध नहीं कराया गया, जिस कारण क्षतिपूर्ति नहीं दी जा सकती है।

जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों/प्रपत्रों पर विचार करने के उपरान्‍त अपने निर्णय में बिन्‍दुवार सभी तथ्‍यों की विस्‍तृत रूप से विवेचना करते हुए अपने निर्णय में निम्‍न तथ्‍य अंकित किये गये हैं:-

''अत: दुर्घटना का मुख्‍य कारण विद्युत नियमावली के नियम 29 के अन्‍तर्गत 11 के0वी0 लाइन का समय से अनुरक्षण न किया जाना जिससे क्षतिग्रस्‍त पिन इन्‍सुलेटर बर्स्‍ट हो गया और उत्‍पन्‍न चिंगारी से उक्‍त अग्निकांड घटित हो गया जिसके लिये मध्‍यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 के सम्‍बन्धित अधिकारी/कर्मी जिम्‍मेदार प्रतीत होते हैं। ''श्री राम पाल सिंह के खेत में 11 के0वी0 खड़े पी0सी0सी0 पोल पर लगे पिन इन्‍सुलेटर के बर्स्‍ट हो जाने के कारण आग लग गयी श्री राम पाल सिंह का खड़ा गन्‍ना जल गया, हवा तेज चलने के कारण आग फैलकर श्रीमती राधा सिंह पत्‍नी स्‍व0 वीरेन्‍द्र सिंह निवास 355 प्रेमनगर बरेली के गन्‍ने के खेत में आग 3.555 हेक्‍ट0 गन्‍ने की फसल भी जल गयी श्री राधा सिंह की दो पुत्रिया है कौशिक व वेदिका सिंह संयुक्‍त पुत्रिया श्री स्‍व0 वीरेन्‍द्र सिंह है जिनकी शादी हो चुकी है और दोनों गाजियाबाद में निवास करती है जिनकी 1.682 हे0 खेत में गन्‍ने की फसल खड़ी थी जिसमें आग फैलकर गन्‍ने की फसल जल गयी’’

इससे स्‍पष्‍ट होता है कि वादिनी के खेत में बिजली गिरने से आग लग

 

 

-5-

गयी और उसके गन्‍ने की फसल क्षतिग्रस्‍त हो गयी। इसी तरह की रिपोर्ट कागज सं0 13/6 में दिया गया है। अपरजिलाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट कागज सं0 13/9 दिया है जिसमें उन्‍होंने उपजिलाधिकारी बरेली को जांच करने व क्षति का आकलन करने का निर्देश दिया। तहसीलदार बरेली व उपजिलाधिकारी बरेली की रिपोर्ट 13/10 व 13/11 पत्रावली पर लगी है जिसमें श्रीमती कौशिक व वेदिका की क्षति कुल रू0 5,20,000/- अनुमानित आंका गया। इसी आधार पर अपर जिलाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट अधिशाषी अभियन्‍ता विद्युत खण्‍ड वितरण बरेली को पत्र 13/11 भेजा है। वादिनी ने अपने नाम खतौनी कागज सं0 13/1 दाखिल किया है। इस प्रकार सुस्‍पष्‍ट है कि‍ वादिनीगण के गन्‍ने की फसल विपक्षी के पोल से बिजली गिरने से जल गयी जिसमें उसकी क्षति हुयी है इसलिये वह विपक्षीगण से समुचित क्षति पाने की अधिकारिणी है। विद्युत सुरक्षा उ0प्र0 शासन बरेली रीजन बरेली के उपनिदेशक की रिपोर्ट कागज सं0 6/7, 6/8 के अनुसार विपक्षीगण के कर्मचारी व अधिकारी इस सम्‍बन्‍ध में घटित अग्नि काण्‍ड के लिये उत्‍तरदायी है और वादिनी उचित क्षतिपूर्ति पाने की अधिकारिणी है। जिला कृषि अधिकारी की रिपोर्ट कागज सं0 6/6 के अनुसार वादिनी को कोई क्षतिपूर्ति नहीं दी गयी। 13/10 में 13/11 में वादिनी के गन्‍ने का खेत जलने से रू0 5,20,000/- क्षतिपूर्ति का आकलन किया गया है। यह आकलन अनुमान के आधार पर किया गया है। यह क्षतिपूर्ति अनुमान के आधार पर है ऐसा इसमें लिखा गया है। इसमें यह नहीं लिखा गया है कि इस अनुमान का क्‍या आधार है। यह भी नहीं लिखा है कि‍ गन्‍ने की पैदावार पहले 3 वर्षों कितनी हुयी थी। इसमें यह भी नहीं लिखा है कि गन्‍ने का क्‍या मूल्‍य प्रति कुन्‍तल है। वादिनी की तरफ से भी यह नहीं कहा गया है कि‍ पहले 3 वर्षों में इस खेत में कितना फसल पैदा होती थी और कितने दाम पर किस मिल को बेंचती थी। इसलिये तहसीलदार की इस रिपोर्ट पर ऑंख मूँदकर विश्‍वास नहीं किया जा सकता है। विपक्षीगण ने कहा है कि विभाग के नियम के अनुसार ही क्षतिपूर्ति दी जाती है, लेकिन उन्‍होने भी कोई परिपत्र दाखिल नहीं किया है। ऐसे में न्‍यायहित में अनुमानित मूल्‍यांकन करते हुये क्षतिपूर्ति निर्धारित करना उचित होगा।''

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा अपने निर्णय में प्रस्‍तावित क्षतिपूर्ति 5,20,000/-रू0 का 70 प्रतिशत अर्थात् 3,64,000/-रू0 क्षतिपूर्ति विपक्षीगण द्वारा परिवादिनीगण को             30 दिन की  अवधि  में  दिलाया  जाना  मेरे  विचार  से  पूर्णत:

 

 

 

-6-

न्‍यायोचित पाया गया साथ ही अन्‍यथा उक्‍त धनराशि पर दावे की तिथि से वसूली की तिथि तक 06 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज का भी आदेश दिया गया। इसके साथ ही 4000/-रू0 खर्चा मुकदमा विपक्षीगण द्वारा परिवादिनीगण को दिलाया गया।

तद्नुसार विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 24.04.2021 पारित किया गया।

सम्‍पूर्ण तथ्‍यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध प्रपत्रों एवं जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त मैं इस मत का हूँ कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों का सम्‍यक अवलोकन/परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया, जिसमें हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं हैं, न ही अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा मेरे सम्‍मुख किसी प्रकार के साक्ष्‍य अथवा अपने कथन के समर्थन में कोई ऐसी बात बतायी जा सकी, जिससे जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय में किसी प्रकार की कोई कमी दृष्टिगत होती हो, अतएव, प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

अपीलार्थीगण द्वारा प्रस्‍तुत अपील में जमा धनराशि 25,000/-रू0 अर्जित ब्‍याज सहित जिला उपभोक्‍ता आयोग-प्रथम, बरेली को 01 माह में विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

  (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

  अध्‍यक्ष

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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