Uttar Pradesh

StateCommission

A/2013/2362

Tata Motors - Complainant(s)

Versus

Kausar Khan - Opp.Party(s)

Rajesh Chaddha

18 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2013/2362
( Date of Filing : 21 Oct 2013 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Tata Motors
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Kausar Khan
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 18 Sep 2024
Final Order / Judgement

                                                 (सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-2362/2013

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, द्वितीय लखनऊ द्वारा परिवाद संख्‍या-365/2011 में पारित निणय/आदेश दिनांक 26.7.2013 के विरूद्ध)

 

टाटा मोटर्स लिमिटेड, रजिस्‍टर्ड आफिस बाम्‍बे हाऊस, 24, होमी मोदी स्‍ट्रीट, मुम्‍बई 400001, इंटरेलिया ब्रांच आफिस पंचम तल, डा0 वी.बी. गांधी मार्ग, मुम्‍बई व देवा रोड, चिनहट, लखनऊ द्वारा मैनेजर।

अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1

बनाम

1. कौसर खान, 551 ग/27ए, कुरयानी खेड़ा, सरदारी खेड़ा, आलमबाग, लखरनऊ।

2. लखनऊ रमन मोटर्स, डी-1, ट्रांसपोर्ट नगर, वन अप मोटर्स रोड, लखनऊ 12 द्वारा मैनेजर।

3. मोटर सेल्‍स लिमिटेड, स्‍टेशन रोड, चारबाग, लखनऊ।

4. वालिया कार केयर, हिंद नगर, कानपुर रोड, लखनऊ द्वारा प्रोपराइटर।

                                     प्रत्‍यर्थीगण/परिवादिनी/विपक्षी सं0-2 त 4

समक्ष:-                               

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित            : श्री राजेश चड्ढा।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित          : कोई नहीं।

दिनांक:  18.09.2024  

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित                                                 

निर्णय

1.          परिवाद संख्‍या-365/2011, श्रीमती कौसर खान बनाम टाटा मोटर्स लिमिटेड तथा तीन अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, द्वितीय लखनऊ द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 26.7.2013 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्‍यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

2.          विद्वान जिला आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए विपक्षी सं0-1, टाटा मोटर्स लि0 को आदेशित किया है कि दो माह के अन्‍दर परिवादिनी की गाड़ी बनवाने में खर्च राशि अंकन 5,276/-रू0 अदा करे। अदा न करने पर इस राशि पर 9 प्रतिशत की दर से ब्‍याज भी देय होगा।

3.          परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादिनी ने टाटा इंडिका कार यू.पी. 32 सी.वाई. 0642 अंकन 3,85,000/-रू0 में क्रय की थी, जिसकी 18 माह/50000 किलोमीटर चलने तक वारण्‍टी दी गई थी। वारण्‍टी अवधि के दौरान दिनांक 12.4.2011 को गाड़ी में धुआं निकलने लगा और गाड़ी बंद हो गई। दिनांक 13.4.2011 को जॉब कार्ड बनाया गया, परन्‍तु वारण्‍टी कार्ड वापस कर दिया गया और आर्मेचर ओनर रनिंग बदलने के लिए कहा गया, जिसमें अंकन 5,000/-रू0 खर्च बताया गया। परिवादिनी ने अंकन 5,276/-रू0 दिए गए।

4.          विपक्षी सं0-3 का कथन है कि वारण्‍टी अवधि में उत्‍तरद‍ायित्‍व निर्माता कंपनी का है। विपक्षी सं0-2 व 4 द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। विपक्षी सं0-1 का कथन है कि परिवादिनी ने जिस कंपनी को वाहन बनने के लिए दिया था, वह अधिकृत डीलर नहीं है।

5.          विद्वान जिला आयोग द्वारा साक्ष्‍यों की व्‍याख्‍या करते हुए उपरोक्‍त वर्णित निर्णय/आदेश पारित किया गया।

6.          इस निर्णय/आदेश के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील तथा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के मौखिक तर्कों का सार यह है कि परिवाद असत्‍य कथनों पर प्रस्‍तुत किया गया है, जिस पर काल्‍पनिक निर्णय पारित किया गया है, जबकि वारण्‍टी अवधि के दौरान टायर, बैट्री, पार्ट्स तथा तेल खपत वाले पार्ट्स वाहन निर्माता कंपनी द्वारा निर्मि‍त नहीं हैं, बल्कि दूसरे पक्षकारों द्वारा इनकी आपूर्ति की गई है, इसलिए वारण्‍टी लागू नहीं होती।

7.          स्‍वंय अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों तथा अपील के ज्ञापन के अवलोकन से जाहिर होता है कि इस तथ्‍य से इंकार नहीं किया गया कि वाहन वारण्‍टी अवधि के दौरान खराब नहीं हुआ। केवल यह कथन किया गया कि जो पार्ट्स दूसरे निर्माता कंपनी द्वारा लगाए गए हैं, उनके खराब होने पर अपीलार्थी का उत्‍तरदायित्‍व नहीं है। यह तर्क विधिसम्‍मत नहीं कहा जा सकता, क्‍योंकि अपीलार्थी द्वारा सम्‍पूर्ण वाहन का विक्रय किया गया है न कि अलग-अलग निर्माता कंपनियों द्वारा निर्मि‍त पार्ट्स का, इसलिए वारण्‍टी अवधि में वाहन खराब होने पर मरम्‍मत का दायित्‍व अपीलार्थी का है। अत: विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्‍तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

8.          प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

            प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

            आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार)

सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

 

  लक्ष्‍मन, आशु0,

      कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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