जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, जशपुर (छ0ग0)
प्रकरण क्रमांक :-CC/13/2016
प्रस्तुति दिनांक :- 30/01/2016
केवटा राम आ0 श्री बहिरा राम
उम्र-45 वर्ष जाति कोरवा
निवासी-ग्राम करदना पाठ तह0 मनोरा
जिला-जशपुर (छ.ग.) ..................परिवादी /आवेदक
( विरूद्ध )
कार्यपालन यंत्री,
छ0ग0राज्य विद्युत वितरण कंपनी मर्यादित,
जशपुर नगर, तह0 एवं
जिला-जशपुर (छ.ग.) .........विरोधी पक्षकार/अनावेदक
///आदेश///
( आज दिनांक 26/08/2016 को पारित)
1. परिवादी/आवेदक ने अनावेदक के विरूद्ध सेवा में कमी के आधार पर 20,000/-रूपये की क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु दिनांक 30.01.2016 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 धारा-12 के अन्तर्गत प्रस्तुत किया है।
2. परिवाद के निराकरण के लिए आवश्यक तथ्य संक्षेप मेंं इस प्रकार है कि अनावेदक छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी मर्यादित, जशपुर नगर, तह0 एवं जिला-जशपुर (छ.ग.) द्वारा बिल क्र.704007378321 दिनांक 08.08.2014 को परिवादी को भुगतान करने के लिए दिया गया, जबकि परिवादी को अनावेदक द्वारा न तो विद्युत कनेक्शन दिया गया और न ही मीटर स्थापित किया गया है, फलस्वरूप परिवादी के नाम पर अनाधिकृत एवं अवैध बिल जारी किया गया है, जिसे परिवादी ने अनावेदक द्वारा सेवा में कमी किये जाने के आधार पर अवैध बिल के लिए 10,000/-रू., वसूली की गई समस्त राशि, मानसिक संताप/पीड़ा हेतु 5,000/-रू. तथा परिवहन व्यय आदि का 5,000/-रू. अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार से दिलाये जाने का निवेदन किया है।
3. अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार सुनवायी तिथि 20.05.2016 को अनुपस्थित, तामील होने के बाद भी उपस्थित नहीं हुए, जिससे एकपक्षीय कार्यवही की गई है। अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है।
4. परिवाद पर सुना गया। अभिलेख का परिशीलन किया गया।
5. विचारणीय योग्य प्रश्न यह है कि-
क्या अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार ने परिवादी के विरूद्ध सेवा में कमी किया है।
6. परिवादी ने परिवाद के समर्थन में अपना शपथ पत्र तथा डी.ई.सी.एस.पी.डी.सी.एल.को दिया गया पत्र दस्तावेज क्र.1 बिल दिनांक 08.08.2014 दस्तावेज क्र.2, नवीनीकृत राशन कार्ड दस्तावेज क्र.3 सभी फोटो प्रति प्रस्तुत किया है।
7. शपथ पत्र से समर्थित परिवाद में परिवादी ने अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार ने उसके मकान में न तो विद्युत कनेक्शन स्थापित किया है और न ही मीटर स्थापित किया है उसके बाद भी अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार द्वारा अवैध रूप से बिल दिनांक 30.09.2015 परिवादी को दिया गया है, जिसकी लिखित शिकायत अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार कंपनी में परिवादी द्वारा किया गया है। उसके बाद भी अनावेदक द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। परिवादी द्वारा शपथ पत्र से समर्थित परिवाद पत्र एवं प्रस्तुत दस्तावेजों का अनावेदक की ओर से उपस्थित होकर कोई खण्डन करने का प्रयास नहीं किया गया है।
8. शपथ पत्र से समर्थित परिवाद पत्र में परिवादी ने अत्यंत पहाड़ी कोरवा होना उसके मकान में अनावेदक विद्युत विभाग का कोई कनेक्शन नहीं है वह बी.पी.एल. कार्डधारी है। बी.पी.एल. का राशन कार्ड है। आर्थिक एवं मानसिक संताप करने बिल अवैध रूप से दिया गया है बतलाया है, जिसके खण्डन में अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार ने कोई तथ्य उपस्थित होकर प्रकट नहीं किया है, फलस्वरूप परिवादी द्वारा परिवाद पत्र उसके समर्थन में दिये गये शपथ पत्र एवं दस्तावेजों की फोटोप्रति अनावेदक के विरूद्ध अपना पक्ष प्रमाणित किया है, पाते हैं। इस प्रकार अनावेदक ने परिवादी के विरूद्ध दस्तावेज क्र.2 का बिल देकर सेवा में कमी किया है पाते हैं, तद्नुसार निष्कर्ष देते हैं।
9. परिवादी ने अवैध बिल का 5,000/-रू., मानसिक संताप/पीड़ा हेतु 10,000/-रू. एवं निर्धन पहाड़ी कोरवा है करदना पाठ से पैदल चलकर शिकायत किया है का शिकायत 5,000/-रू. दिलाये जाने का प्रार्थना किया है।
10. परिवादी ने अनावेदक द्वारा बिल दिनांक 08.08.2014 दस्तोवज क्र.2 की राशि अनावेदक कंपनी में जमा कर दिया है का कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है, फलस्वरूप अनावेदक द्वारा परिवादी को दस्तावेज क्र.2 का बिल अवैधानिक जारी कर परिवादी को मानसिक संताप पहुंचाने द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 14 के अनुसार प्रतिकर दिलाये जाने योग्य होना पाते हैं। अतः अनावेदक के विरूद्ध प्रस्तुत परिवाद स्वीकार कर निम्नलिखित निर्देश देते हैंः-
अ. अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार, परिवादी को मानसिक संताप/पीड़ा का 3,000/-(तीन हजार रूपये) एक माह के भीतर भुगतान करेगा।
ब. अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार, परिवादी को परिवाद का व्यय 2,000/-(दो हजार रूपये) एक माह के भीतर भुगतान करेगा।
(श्रीमती अनामिका नन्दे) (संजय कुमार सोनी) (बी0पी0पाण्डेय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
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