(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1552/2010
Dakshinanchal Vidyut vitran Nigam Ltd. Vs. Kartar Singh
दिनांक : 12.12.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-116/2009, करतार सिंह बनाम दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0 मे विद्वान जिला आयोग, ललितपुर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 17.06.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री दीपक मेहरोत्रा के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। पत्रावली एवं प्रश्नगत निर्णय/आदेश का अवलोकन किया गया। जिला उपभोक्ता आयोग ने डिमाण्ड नोटिस अंकन 1,91,839/-रू0 को इस आधार पर निरस्त किया है कि परिवादी द्वारा केवल 23,103/-रू0 देय हैं।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि परिवादी पर विद्युत बकाया था, इसलिए इस बकाया राशि पर ब्याज तथा दण्ड ब्याज एवं सरचार्ज लगना नियमों के अंतर्गत अनुज्ञेय है। स्वयं परिवाद पत्र में परिवादी ने कथन किया है कि वर्ष 1992 में विद्युत कनेक्शन को विच्छेदित कराया गया था और समस्त धनराशि कार्यालय में जमा कर दी थी, जबकि विद्युत विभाग का कथन है कि वर्ष 1996 मे बकाया होने के कारण स्थायी रूप से विच्छेदन किया गया था। वर्ष 1996 तक उपभोग की गयी विद्युत की राशि परिवादी पर बकाया है। परिवादी ने स्थायी विच्छेदन के समय जमा धनराशि का कोई सबूत प्रस्तुत नहीं किया है, इसलिए बकाया राशि को वसूलने का अधिकार विद्युत विभाग को प्राप्त है, परंतु यह तथ्य स्थापित नहीं है कि इस राशि को वसूलने के लिए विद्युत बिल समयावधि के अंतर्गत जारी किया गया था या नहीं। अत: इस स्थिति मे यह आदेश देना उचित होगा कि विद्युत विच्छेदन की तिथि से पूर्व का शुल्क विद्युत विभाग वसूल करने के लिए साधारण ब्याज के साथ अधिकृत है।
आदेश
प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि विद्युत विच्छेदन की तिथि से पूर्व का शुल्क विद्युत विभाग, परिवादी से साधारण ब्याज सहित वसूल करेगा।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2