जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-458/2014
रामजी द्विवेदी पुत्र श्री श्री राम स्वरूप द्विवेदी निवासी मकान नं0-117/औ/64/119, ओ0-ब्लाक गीता नगर, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
1. प्रबन्धक/प्रोपराइटर कार्बन मोबाइल कंपनी जैना मार्केटिंग एण्ड एसोसिएट्स, डी-170 ओखला इण्डस्ट्रियल एरिया फेस-1 नई दिल्ली।
2. प्रबन्धक/इंजीनियर कार्बन मोबाइल सर्विस सेंटर श्री राम सेल्स एण्ड सर्विसेज 279 एक्सप्रेस रोड दिमाल, कानपुर नगर।
3. प्रबन्धक प्लाजा टेलीकाम यू.जी. ए.-22 द्वितीय खण्ड सोमदत्त प्लाजा, कानपुर नगर।
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 31.10.2014
निर्णय की तिथिः 20.06.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःएकपक्षीय-निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षीगण से रू0 8990.00 मूल्य का नया मोबाइल सेट तथा मुकद्मा खर्चा रू0 50,000.00 दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने दिनांक 10.07.13 को एक किता कार्बन मोबाइल माॅडल नं0-ए-21 विपक्षी सं0-3 से रू0 7500.00 में क्रय किया था, जिसकी एम.आर.पी. रू0 8990.00 थी तथा उक्त सेट का आई.एम.आई. नं0-91124090 3446896 तथा 911240903446904 था। परिवादी का उपरोक्त मोबाइल सेट खरीदने के एक माह तक ठीक कार्य किया, परन्तु एक माह पष्चात परिवादी के उक्त मोबाइल में सभी कान्टैक्ट व फोन नम्बर अपने आप डिलीट हो गये, जिसकी षिकायत परिवादी ने सर्विस सेंटर कार्बन मोबाइल में की, परन्तु परिवादी की समस्या का समाधान न कर सर्विस सेंटर हीला-हवाली कर रहा है। परिवादी ने ई-मेल द्वारा विपक्षी मोबाइल कंपनी
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से संपर्क किया, तो कंपनी ने मोबाइल ठीक करने के स्थान पर कान्टेक्ट व फोन नम्बर सिम में सेव करने को कहा, परन्तु उक्त मोबाइल में सिम नम्बर सेव करने का विकल्प ही नहीं था। अतः मोबाइल सेट पूर्णतया खराब था। उक्त के सम्बन्ध में परिवादी ने विपक्षी सं0-1 के अधिकारी व इंजीनियर से बार-बार षिकायत की, परन्तु कंपनी ने परिवादी की समस्या का समाधान न कर मामले को टालते रहे। परिवादी के बहुत आग्रह करने पर कंपनी ने दिनंाक 19.05.14 को मोबाइल सेट विपक्षी सं0-2 के पास जमा करा लिया, जिसका जाॅबसीट नं0-के.जे.ए.एन.पी.यू.आर. 278514के113 80 व ए.एस.कोईके.जे.ए.एस.पी.यू.आर. 278 है। परिवादी ने काफी समय व्यतीत हो जाने पर अपना मोाबइल वापस मांगा तो विपक्षी सं0-2 ने यह कहकर कि आपका सेट हेड आफिस गया है, आयेगा तो आपको दे दिया जायेगा। परिवादी को दिनांक 09.06.14 को विपक्षी सं0-1 ने बताया कि मोबाइल सही हो गया है आप सर्विस सेंटर आकर अपना मोबाइल सेट ले लें। परिवादी जब विपक्षी सं0-2 कार्बन मोबाइल सेंटर गया, तो वहां मौजूद प्रबन्धक/इंजीनियर अषीश कुमार ने मोबाइल रिसीविंग की कापी ले ली और बताया कि मोबाइल सेट सही नहीं हो पाया है। इसे पुनः हेड आफिस भेजा जायेगा तथा परिवादी को एक मैनुअल रिसीविंग दे दी। जिसका वर्क आर्डर नं0-526 दिनांकित 09.06.14 है। परिवादी बार-बार विपक्षीगण से मोबाइल सेट ठीक करने का अग्रह करता रहा, लेकिन विपक्षीगण मामले का निस्तारण न कर, सेट नहीं दे रहे थे और न सेट के विशय में कुछ बताया जा रहा था। दिनंाक 25.06.14 को परिवादी पुनः विपक्षी सं0-2 के पास गया तथा आग्रह किया तो वहां मौजूद इंजीनियर अषीश कुमार ने बताया कि आपका मोबाइल सही नहीं हो सकता है। अतः कंपनी उसे बदलकर नया मोबाइल देगी। आप पुराने मोबाइल का बाक्स, चार्जर, बैट्री, बाक्स कवर इत्यादि सामान सर्विस सेंटर में जमा करा दें, ताकि कंपनी आपको नया मोबाइल, पुराने के एवज में दे सके। परिवादी ने विपक्षी सं0-2 के निर्देषानुसार उक्त सामान विपक्षी सं0-2 में जमा करा दिया तथा जो विपक्षी सं0-2 ने कहीं गुम कर दिया। विपक्षी संख्या-2 ने
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परिवादी को यह भी बताया कि उक्त मोबाइल से सम्बन्धित डी0ओ0ए0 3-4 दिन में पास हो जायेगा, इस डी0ओ0ए0 को लेकर आप दुकान से नया मोबाइल ले सकेंगे। परिवादी विपक्षी सं0-1 व 2 के निर्देषानुसार दिनांक 30.06.14 को सर्विस सेंटर गया, जहां पर इंजीनियर अषीश कुमार ने एक बड़ा सा लिफाफा डी.ओ.ए. कहकर दिया। जब परिवादी ने यह डी0ओ0ए0 आर्डर देखा तो उसे ज्ञात हुआ कि डी.ओ.ए. किसी अन्य व्यक्ति (रवि) के नाम पते से है तथा मोबाइल क्रय की तिथि मोबाइल का आई.एम.आई. नम्बर भी भिन्न है। अतः परिवादी ने यह डी.ओ.ए. आर्डर लेने से मना कर दिया। क्योंकि ऐसा, बदले नाम व पते से मोबाइल ले लेने से उसकी गारंटी/वारंटी समाप्त हो जाती। इस पर वहां मौजूद कर्मचारियों ने परिवादी से बदसलूकी की और कहा तुम ज्यादा षिकायत करते हो, अब अपना मोबाइल भूल जाओ और यहां से निकल जाओ कहकर अपषब्द का प्रयोग किया। परिवादी ने दिनांक 13.08.14 को कंपनी को एक लीगल नोटिस जरिये अधिवक्ता भेजा, परन्तु विपक्षीगण न तो परिवादी से संपर्क किया और न ही विवाद का निस्तारण करने में कोई रूचि दिखाई। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षीगण को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षीगण फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षीगण पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 04.08.15 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 10.10.14 एवं 07.05.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-1 के साथ सलंग्न कागज सं0-1/1 लगातय् 1/20 दाखिल किया है।
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निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
6. परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र तथा अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये है विपक्षीगण बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में प्रस्तुत षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं। परिवादी के कथनानुसार प्रष्नगत मोबाइल सेट अभी भी सर्विस सेंटर द्वारा परिवादी को वापस नही ंकिया गया हैं अतः विपक्षी सं0-2 द्वारा अपनी सेवा देने में कमी कारित की गयी है। चूॅकि विपक्षी सं0-1 निर्माता कंपनी है, इसलिए उसका उत्तरदायित्व था कि वह परिवादी का प्रष्नगत मोबाइल सेट बनवाकर परिवादी को वापस करता अथवा उसके स्थान पर नया मोबाइल सेट देता या मोबाइल सेट से सम्बन्धित कीमत अदा करता, लेकिन विपक्षी सं0-2 द्वारा ऐसा न करके सेवा में कमी कारित की गयी है। परिवादी द्वारा मोबाइल सेट की कीमत रू0 8990.00 दिलाये जाने की याचना की गयी है, लेकिन पत्रावली पर उपलब्ध कागज सं0-1/1 मोबाइल सेट क्रय करने से सम्बन्धित रसीद के अवलोकन से स्पश्ट होता है कि परिवादी को प्रष्नगत मोबाइल सेट रू0 7500.00 का दिया गया है।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये कारणों से फोरम इस निश्कर्श पर पहुॅचता है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक व एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किये जाने
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योग्य है कि परिवादी, विपक्षीगण से प्रष्नगत मोबाइल सेट की कीमत रू0 7500.00, मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से, प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली तक तथा रू0 3000.00 परिवाद व्यय प्राप्त करने का अधिकारी है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी को प्रष्नगत मोाबाइल सेट उसी कीमत का व उसी माॅडल का देवे अथवा प्रष्नगत मोबाइल सेट की कीमत रू0 7500.00, मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से, प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली अदा करें तथा रू0 3000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।