राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील संख्या-1170 /2004 मौखिक
(जिला उपभोक्ता फोरम प्रथम लखनऊ द्वारा परिवाद सं0-94/2002 में पारित आदेश दिनांक-23-03-2004 के विरूद्ध)
मेसर्स लखनऊ कम्प्यूटर शेक प्राइवेट लिमिटेड, द्वारा मैनेजिंग डायरेक्टर श्री पंकज कपूर यू.जी.एफ. चिन्टल हाऊस 16, स्टेशन रोड़, लखनऊ।
....अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
कंवल जीत सिंह उम्र लगभग पुत्र श्री गुलाब सिंह निवासी- डी-3 061 इंदिरा नगर, पी.एस. गाजीपुर, लखनऊ। ...प्रत्यर्थी/परिवादी
हेवलेट एण्ड पैकार्ड (इंडिया) लिमिटेड , चांदीवाला इस्टेट, कालका जी, नई दिल्ली।
...प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1- माननीय श्री आर0सी0 चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2- माननीय श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य,
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक:07-04-2015
माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य, द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलार्थी द्वारा यह अपील जिला उपभोक्ता फोरम प्रथम लखनऊ द्वारा परिवाद सं0-94/2002 में पारित आदेश दिनांक-23-03-2004 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई है। जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा यह आदेश पारित किया गया है कि परिवादी का परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देश दिया जाता है कि वह एक माह के अन्दर परिवादी द्वारा बुक करायी गई कम्प्यूटर माडल वी.एल.420 मल्टीमीडिया पी.सी. का ब्राशर प्राप्त कराकर पूर्व में आपूर्ति की गई कम्प्यूटर वापस ले लें अथवा परिवादी को उक्त अवधि में 57,000-00 रूपये प्राप्त कराकर आपूर्ति की गई कम्प्यूटर वापस ले लें तथा 500-00 रूपये वाद व्यय हेतु दोनों परिस्थितियों में विपक्षीगण द्वारा परिवादी को देना होगा। अनुपालन न करने पर उपरोक्त समस्त धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देय होगा।
(2)
संक्षेप में केस के तथ्य इस प्रकार से है कि परिवादी विपक्षीगण से कम्प्यूटर माडल वी.एल. 420 मल्टीमीडिया पी.सी. का ब्राशर देखकर उक्त कम्प्यूटर को खरीदने हेतु 57,000-00 रूपये चेक संख्या-004952 यूनियन बैंक आफ इंडिया, शाखा मुंशी पुलिया का देकर आर्डर बुक कराया। तत्पश्चात विपक्षी सं0-2 परिवादी के पते पर एक-दो दिन में उक्त कम्प्यूटर भिजवाने का आश्वासन दिया। पॉचवे दिन डिलेवरी परिवादी को प्राप्त हो गई। परिवादी ने कम्प्यूटर इंजीनियर से कम्प्यूटर सेट करवाया तो उस माडल को देखकर बहुत दु:ख हुआ और दिखाये गये मांडल से बहुत ज्यादा अन्तर था, जिसमें मानीटर दूसरे माडल का लगा हुआ था, की बोर्ड और स्पीकर भी गलत माडल के निकले। कम्प्यूटर में अन्तर होने के कारण यह परिवाद दाखिल किया गया।
विपक्षीगण को रजिस्ट्री डाक से नोटिस भेजी गई, जो वापस नहीं आयी। अतएव नोटिस की तामील पर्याप्त मानते हुए विपक्षीगण को अपना उत्तर दाखिल करने हेतु अनेक अवसर दिये गये, परन्तु उसकी ओर से न तो कोई उपस्थित आया और न ही कोई उत्तर ही दाखिल किया गया। इस प्रकार परिवाद में एक पक्षीय कार्यवाही के निर्देश दिये गये।
अपीलकर्ता के तरफ से कोई उपस्थित नहीं है, प्रत्यर्थी के तरफ से भी कोई उपस्थित नहीं है। आदेश पत्रक से स्पष्ट है कि वर्ष 2006 से ही अपीलकर्ता की तरफ से कोई उपस्थित नहीं आ रहा है। अपील के आधार एवं जिला उपभोक्ता फोरम के निर्णय/आदेश दिनांकित-23-03-2004 का अवलोकन किया गया।
केस के तथ्यों परिस्थितियों में हम यह पाते है कि जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा जो निर्णय/आदेश दिनांकित 23-03-2004 पारित किया गया है,
(3)
वह विधि सम्मत् है, उसमें हस्तक्षेप किये जाने की कोई गुंजाइश नहीं है। अपीलकर्ता की अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
अपीलकर्ता की अपील निरस्त की जाती है। जिला उपभोक्ता फोरम प्रथम लखनऊ द्वारा परिवाद सं0-94/2002 में पारित आदेश दिनांक-23-03-2004 की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(आर0सी0 चौधरी) ( राज कमल गुप्ता )
पीठासीन सदस्य सदस्य
आर.सी.वर्मा, आशु. ग्रेड-2
कोर्ट नं0-5