मौखिक
उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-785/2005
मेसर्स सिंघल ट्रेडर्स
बनाम
श्रीमती कांता चुग
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री विकास अग्रवाल, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नही
दिनांक :21.02.2024
माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. प्रस्तुत अपील, मेसर्स सिंघल ट्रेडर्स की ओर से विद्वान जिला आयोग, मेरठ द्वारा परिवाद संख्या– 438/2001, श्रीमती कांता चुग बनाम जे0 के0 सीमेंट व अन्य में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 15.04.2005 के विरूद्ध योजित की गयी है।
2. अपील पर अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता को सुना गया एवं प्रश्नगत निर्णय व आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी द्धारा विपक्षी संख्या-05 अपीलार्थी से 18 बोरी सीमेन्ट क्रय किया था जिसका प्रयोग करने के पश्चात सीमेन्ट प्रदूषित पाया गया। इस तथ्य को स्वीकार करते हुये जिला आयोग द्धारा अंकन 2,268.00 रूपये 12 प्रतिशत ब्याज सहित लौटाने सहित क्षतिपूर्ति अंकन 25,000.00 का आदेश पारित किया है।
4. अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि अपीलार्थी केवल रिटेलर है। वह कम्पनी द्धारा निर्मित सीमेन्ट का विक्रय करता है। इस लिये सीमेन्ट में निर्माणगत त्रुटि पाये जाने पर निर्माता कम्पनी को उत्तरदायी ठहराया जाना चाहिये। परिवाद पत्र में अपीलार्थी द्धारा अपने स्तर से सीमेन्ट में किसी प्रकार से मिलावट किये जाने का आरोप नहीं है। अत: इस स्थिति में केवल सीमेन्ट निर्माता कम्पनी के स्तर से क्षतिपूर्ति का आदेश देना उचित है। अत: अपील केवल इस सीमा तक स्वीकार की जाती है कि आदेशित धनराशि का भुगतान सीमेन्ट निर्माता कम्पनी द्धारा की जायेगी। तद्नुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला मंच द्धारा पारित निर्णय/आदेश इस सीमा तक परिवर्तित किया जाता है कि आदेशित धनराशि का भुगतान परिवादी को सीमेन्ट निर्माता कम्पनी द्धारा किया जायेगा।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि राज्य आयोग के समक्ष जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित नियमानुसार वापस की जावेगी।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
रंजीत, पी0 ए0,
कोर्ट-03