Uttar Pradesh

StateCommission

A/204/2021

Shiv Awasthi - Complainant(s)

Versus

Kanpur Development Authority - Opp.Party(s)

Alok Sinha

25 Apr 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/204/2021
( Date of Filing : 22 Mar 2021 )
(Arisen out of Order Dated 19/02/2021 in Case No. C/2006/898 of District Kanpur Nagar)
 
1. Shiv Awasthi
Kanpur Nagar
...........Appellant(s)
Versus
1. Kanpur Development Authority
Kanpur Nagar
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 25 Apr 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-204/2021

शिव अवस्‍थी पुत्र श्री गंगा नारायण अवस्‍थी, निवासी 124/65, गोविन्‍द नगर, कानपुर नगर।

   ........... अपीलार्थी/परिवादी                                             

बनाम              

कानपुर विकास प्राधिकरण मोतीझील, कानपुर नगर द्वारा उपाध्‍यक्ष

                                  …….. प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष              

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता         : श्री आलोक सिन्‍हा

प्रत्‍यर्थी के अधिवक्‍ता           : श्री मनोज कुमार

दिनांक :- 25.4.2023

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी/ शिव अवस्‍थी द्वारा इस आयोग के सम्‍मुख धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्‍तर्गत जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0-898/2006 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 19.02.2021 के विरूद्ध योजित की गई है, जिसके द्वारा अपीलार्थी/परिवादी के परिवाद को निरस्‍त कर दिया गया है। 

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार है कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा अपनी आजीविका चलाने हेतु प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के कैनाल पटरी योजना के अन्‍तर्गत रू0 31,000.00 पंजीयन शुल्‍क जमा करके दुकान आवंटन हेतु आवेदन किया था। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के द्वारा जरिये आवंटन दिनांक 16.9.1997 को अपीलार्थी/परिवादी को दुकान सं0-18 ब्‍लॉक-29 आवंटित की, जिसकी कुल कीमत रू0 1,24,400.00 थी एवं ½ मूल्‍य की धनराशि रू0 62,200.00 पूर्व में पंजीयन शुल्‍क के रूप में जमा धनराशि

 

-2-

को समायोजित करते हुए रू0 31,200.00 जमा करने की मॉग की गई, जिसे अपीलार्थी/परिवादी ने अदा कर दिया एवं शेष धनराशि रू0 9,721.20 पैसे आठ तिमाही किस्‍तों में अदा करना था। अपीलार्थी/परिवादी को आवंटित दुकान अर्ध-निर्मित थी, जिसे अपीलार्थी/परिवादी द्वारा लिखित आवेदन देकर दिनांक 29.12.1998 को याचना की गई जिस पर प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने आश्‍वासन दिया कि दुकान का निर्माण शीघ्र करके कब्‍जा दिया जावेगा, परन्‍तु लम्‍बे समय तक निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया गया तथा अपीलार्थी/परिवादी द्वारा शेष किस्‍तों की धनराशि एकमुश्‍त रू0 77,770.00 दिनांक 01.5.2002 को अदा कर दी गई और प्रत्‍यर्थी/विपक्षी को दुकान का निबन्‍धन कराने हेतु पत्र दिया गया। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा वर्ष-2002 में निर्माण कार्य कराया गया तथा अपने पत्र दिनांकित 13.9.2004 के माध्‍यम से यह लिखित रूप से स्‍वीकृत किया गया कि जिन दुकानों का निर्माण कार्य वर्ष-2002 में पूरा हो गया है उन पर वर्ष 2002 के बाद ब्‍याज लिया जायेगा, जहॉ पर प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा अपीलार्थी/परिवादी के पक्ष में दुकान का निबन्‍धक नहीं किया गया, वहीं पर गलत तरीके से ब्‍याज की मॉग की जा रही है। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी का दायित्‍व था कि वह समस्‍त अदायगी के बाद वर्ष-2002 में आवंटित दुकान का निबन्‍धन करता, परन्‍तु उसके द्वारा गलत तरीके से ब्‍याज की मॉग करके निबन्‍धन की कार्यवाही को रोके रखा गया है। यह भी कथन किया गया कि प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा दुकान की रजिस्‍ट्री  न करके अपीलार्थी/परिवादी पर दबाव बनाकर व आवंटन निरस्‍त करने की धमकी देकर गलत तरीके से वसूली की जा रही है, अत्एव क्षुब्‍ध होकर अपीलार्थी/परिवादी द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है।

 

-3-

निर्विवादित रूप से प्रत्‍यर्थी/विपक्षी कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा अपीलार्थी/परिवादी शिव अवस्‍थी को एक दुकान सं0-18 ब्‍लॉक-29 में आवंटित की गई थी, जिसकी कुल कीमत प्रत्‍यर्थी/विकास‍ प्राधिकरण द्वारा रू0 1,24,400.00 नियत की गई थी। अपीलार्थी/परिवादी द्वारा दिनांक 12.6.1997 को उपरोक्‍त आवंटित दुकान के विरूद्ध 31,200.00 रू0 की धनराशि पंजीकरण शुल्‍क के रूप में जमा की गई, जिसके पश्‍चात बाकी की देय धनराशि अर्थात कुल मूल्‍य की ½ धनराशि रू0 62,200.00 के विरूद्ध प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा शेष धनराशि जमा करने हेतु रू0 9,721.20 पैसे आठ तिमाही किस्‍तों में जमा करने का आदेश दिया गया।

चूंकि आवंटित दुकान अर्ध-निर्मित अवस्‍था में थी, विशेष रूप से आवंटित दुकान की छत का लेण्‍टर नहीं डाला गया था, साथ ही दीवार में प्‍लास्‍टर इत्‍यादि भी सुनिश्चित नहीं किया गया था, फिर भी प्रत्‍यर्थी/विपक्षी प्राधिकरण द्वारा आश्‍वासन दिये जाने को दृष्टिगत रखते हुए दुकान का वास्‍तविक कब्‍जा अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्राप्‍त किया गया एवं एक लिखित आवेदन प्रस्‍तुत करते हुए दिनांक 29.12.1998 को यह याचना की गई कि अपीलार्थी/परिवादी को आवंटित दुकान का निर्माण कार्य यथासम्‍भव शीघ्र सुनिश्चित किया जावे।

अपीलार्थी/परिवादी द्वारा शेष किस्‍तों का भुगतान उल्लिखित तिमाही किस्‍तों के रूप में कुल धनराशि रू0 77,770.00 दिनांक 01.5.2002 तक प्रत्‍यर्थी/विपक्षी प्राधिकरण के सम्‍मुख जमा की गई, जिसके सम्‍बन्‍ध में कोई वि‍वाद नहीं है एवं प्रत्‍यर्थी/विपक्षी प्राधिकरण द्वारा अपीलार्थी/परिवादी को वास्‍तविक कब्‍जा प्राप्‍त कराया गया, परन्‍तु अपेक्षित निर्माण सुनिश्चित न किये जाने के कारण प्रत्‍यर्थी/विपक्षी कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा पत्रांक सं0 डी/660..........दिनांकित

-4-

13.9.2004, विषय कैनाल पटरी की दुकानों की समस्‍याओं के संबंध में संयुक्‍त सचिव (जोन-I) द्वारा लिये गये निर्णय को अपीलार्थी एवं अन्‍य आवंटियों को प्राप्‍त कराया गया, जिसमें निम्‍न तथ्‍य स्‍पष्‍ट रूप से अंकित किये गये:-

''विचार विमर्श के समय इस बात की मॉग की गई थी कि कुछ दुकानों में छत आदि पूर्ण नहीं है उनकी कास्टिंग कार्य पूर्ण होने की तिथि से लगाया जाय जिसमें अभियंत्रण विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि कुछ ब्‍लाकों में छत का कार्य वर्ष-2002 में पूरे हो गए हैं। अत: उक्‍त दिनांक से ही ब्‍याज के निर्देश दिए गये है।''

प्रत्‍यर्थी/विपक्षी प्राधिकरण की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री मनोज कुमार द्वारा कथन किया गया कि चूंकि प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के द्वारा निर्धारित बाकी की धनराशि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा जमा नहीं करायी गई अत्एव उसके पक्ष में प्रत्‍यर्थी/विपक्षी प्राधिकरण द्वारा आवंटित दुकान का कब्‍जा दिये जाने के उपरांत भी उसका पंजीकरण सुनिश्चित नहीं किया गया।

मेरे विचार से प्रत्‍यर्थी/विपक्षी प्राधिकरण द्वारा अपीलार्थी/परिवादी के साथ किया गया व्‍यवहार न सिर्फ अनुचित वरन  दुर्भावनापूर्ण भी प्रतीत होता है क्‍योंकि अपीलार्थी/परिवादी ने अर्ध-निर्मित दुकान के विरूद्ध भी प्रथम दृष्‍टया सम्‍पूर्ण देय धनराशि वर्ष-2002 तक ही प्राप्‍त करा दी थी, फिर भी प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा अनाधिकृत रूप से व अवैधानिक रूप से धनराशि वास्‍ते पंजीकरण हेतु जमा किये जाने का आदेश जारी किया गया, जो पूर्णत: अविधिक एवं अव्‍यवहारिक है।

तद्नुसार प्रस्‍तुत अपील निम्‍न आदेश के साथ अंतिम रूप से स्‍वीकार करते हुए निस्‍तारित की जाती है अर्थात प्रत्‍यर्थी/विपक्षी कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा अपीलार्थी/परिवादी को आवंटित दुकान जिसका

-5-

वास्‍तविक कब्‍जा अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रत्‍यर्थी/विपक्षी प्राधिकरण से अर्ध-निर्मित अवस्‍था में वर्ष-1997 में ही प्राप्‍त किया था, का पंजीकरण/सेल डीड 04 सप्‍ताह में सुनिश्चित किया जावे जिस हेतु प्रत्‍यर्थी/विपक्षी प्राधिकरण द्वारा इस आदेश के प्राप्‍त होने के एक सप्‍ताह की अवधि में अपीलार्थी/परिवादी को अपेक्षित ई-स्‍टाम्‍प का विवरण अर्थात कुल धनराशि का विवरण प्राप्‍त कराया जायेगा। तद्नुसार ई-स्‍टाम्‍प क्रय करके उसकी छायाप्रति अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रत्‍यर्थी/विपक्षी विकास प्राधिकरण के सम्‍बन्धित अधिकारी को 02 सप्‍ताह की अवधि में प्राप्‍त करायी जावेगी। पंजीकरण की प्रक्रिया आदेश में ऊपर उल्लिखित अवधि अर्थात एक माह की अवधि में सुनिश्चित की जावेगी।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।  

आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

                                 (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                     

                                           अध्‍यक्ष                                                                                                                                

हरीश सिंह

वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,

कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.