(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1850/2011
मो0 यासीन हासमी पुत्र स्व0 पंचम
बनाम
कन्हैया लाल सिंह पुत्र स्व0 बजरंगी सिंह
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री टी.एच. नकवी।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री आर.के. मिश्रा।
दिनांक : 18.01.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-10/2010, कन्हैया लाल सिंह बनाम मो. यासीन हासमी, प्रो. यासीन बैंड में विद्वान जिला आयोग, मीरजापुर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 18.8.2011 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री टी.एच. नकवी तथा प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री आर.के. मिश्रा को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. विद्वान जिला आयोग ने परिवाद अंशत: स्वीकार करते हुए विपक्षी को आदेशित किया है कि वह अंकन 2,000/-रू0 अग्रिम राशि वापस लौटाए तथा अंकन 10,000/-रू0 क्षतिपूर्ति अदा करें।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार दिनांक 21.11.2009 को परिवादी ने अपने पुत्र की शादी के लिए दिनांक 15.8.2009 को अंकन
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18,000/-रू0 में बैंड बुक कराया था तथा विपक्षी को अंकन 2,000/-रू0 अग्रिम दिये थे, परन्तु यह बैण्ड पार्टी शादी वाले दिन न तो घर पहुँची और न ही बारात स्थल पर पहुँची, जिसके कारण परिवादी की प्रतिष्ठा को हानि हुई तथा मानसिक प्रताड़ना कारित हुई।
4. विपक्षी की ओर से परिवाद की सुनवाई के दौरान दिनांक 30.3.2010 को वकालतनामा श्री नन्दलाल द्विवेदी का प्रस्तुत हुआ, किंतु कोई लिखित कथन प्रस्तुत नहीं किया गया। परिवाद पत्र में वर्णित तथ्यों का कोई खण्डन विद्वान जिला आयोग के समक्ष नहीं किया गया। अत: परिवादी द्वारा प्रस्तुत की गयी साक्ष्य के आधार पर उपरोक्त वर्णित निर्णय/आदेश पारित किया गया।
5. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा बहस के दौरान कुछ फोटोग्राफ्स दर्शित किये गये तथा यह कथन किया गया कि बैण्ड पार्टी मौके पर गयी थी और बाराती बैण्ड पार्टी में डांस तक कर रहे हैं, परन्तु यह फोटोग्राफ्स किस शादी के हैं, यह साबित नहीं है। अत: इस आधार पर इसे विचार में नहीं लिया जा सकता कि अपीलार्थी ने परिवाद पत्र में वर्णित तथ्यों का कोई खण्डन नहीं किया है। तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
6. प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित
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जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-3