Uttar Pradesh

StateCommission

A/2011/1809

U P Avas Vikas Parishad - Complainant(s)

Versus

Kanchan Gupta - Opp.Party(s)

N N Pandey

01 Jan 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2011/1809
( Date of Filing : 29 Sep 2011 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. U P Avas Vikas Parishad
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Kanchan Gupta
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 01 Jan 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

(मौखिक)

अपील संख्‍या-1809/2011

यू0पी0 आवास एवं विकास परिषद व एक अन्‍य

बनाम

कंचन गुप्‍ता पत्‍नी स्‍व0 राजाराम

समक्ष:-

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित :श्री  एन0एन0   पाण्‍डेय   के  

                              सहयोगी श्री आर0के0 पाण्‍डेय,  

                              विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री आलोक सिन्‍हा,  

                          विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक: 01.01.2024

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.   परिवाद संख्‍या-166/2009 कंचन गुप्‍ता बनाम उत्‍तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद तथा एक अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 03.09.2011 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील में दोनों पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍ताओं को सुना तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश का अवलोकन किया।

2.   परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवा‍दिनी ने दुर्बल आय वर्ग भवन संख्‍या-2/321 क्षेत्रफल 30.15 वर्ग मीटर विपक्षी उत्‍तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद से प्राप्‍त किया था। इस मकान का प्रयोग परिवादिनी अपने पति की मृत्‍यु के पश्‍चात् लगातार करती  चली आ रही है, इसलिए लाभार्थी होने के कारण परिवाद योजित करने के लिए अधिकृत है। परिवाद में यह भी उल्‍लेख है कि आर्थिक तंगी के कारण किश्‍तों का समय पर भुगतान नहीं किया जा सका। किश्‍तों का समय पर भुगतान न होने के कारण परिवादिनी के पति के विरूद्ध वसूली प्रमाण पत्र जारी  किया  गया

 

 

 

-2-

था, परन्‍तु यह प्रमाण पत्र इस आधार पर निष्‍पादित नहीं हो स‍का  कि परिवादिनी के पति की मृत्‍यु हो चुकी थी।

3.   चूँकि स्‍वयं परिवाद पत्र में यह उल्‍लेख है कि परिवादिनी समय पर आर्थिक तंगी के कारण किश्‍तों का भुगतान नहीं कर सकी, अत: विपक्षी उत्‍तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद के विरूद्ध सेवा में कमी का कोई मामला नहीं बनता है, बल्कि स्‍वयं परिवादिनी के स्‍तर से अपनी कर्तव्‍यविहीनता का मामला बनता था। परिवादिनी स्‍वयं समय पर किश्‍तों को अदा करने में विफल रही। इस विफलता के बावजूद विपक्षी उत्‍तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद के विरूद्ध उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत कर दिया गया।

4.   दोनों पक्षकारों के साक्ष्‍य पर विचार करने के उपरान्‍त जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा यह नि‍ष्‍कर्ष दिया गया कि परिवादिनी पर केवल 18,173/-रू0 बकाया है और इस राशि पर दण्‍ड ब्‍याज न वसूला जाये।

5.   चूँकि परिवादिनी द्वारा दुर्बल आय वर्ग योजना के अन्‍तर्गत आवेदन दिया गया था, इसलिए इस राशि पर दण्‍ड ब्‍याज वसूल न करने का आदेश विधिसम्‍मत है, परन्‍तु इस राशि पर साधारण ब्‍याज वसूल करने हेतु विपक्षी उत्‍तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद अधिकृत है।

आदेश

6.   प्रस्‍तुत अपील आंशि‍क रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित आदेश दिनांक 03.09.2011 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि बकाया राशि 18,173/-रू0 पर यद्यपि कोई दण्‍ड ब्‍याज वसूला नहीं जायेगा, परन्‍तु साधारण ब्‍याज की वसूली जो आवंटन के समय सुनिश्चित की गयी थी, विपक्षी उत्‍तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद द्वारा की जायेगी।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थीगण द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की  गयी  हो  तो  उक्‍त  जमा  धनराशि  अर्जित  ब्‍याज  सहित

 

 

 

-3-

सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

        (सुधा उपाध्‍याय)                (सुशील कुमार)       

            सदस्‍य                       सदस्‍य        

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-3

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.