दायरा तिथि- 21-01-2016
निर्णय तिथि- 28-09-2016
समक्ष- जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, फोरम हमीरपुर (उ0प्र0)
उपस्थिति- श्री रामकुमार अध्यक्ष,
श्रीमती हुमैरा फात्मा सदस्या
परिवाद सं0-17 सन 2016 अंतर्गत धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
प्रकाश नारायण दिवेदी पुत्र स्व0 द्वारिका दिवेदी निवासी ग्राम रायपुर(रैपुरा) पोस्ट गड़रिया थाना जसपुरा जिला बांदा।
.....परिवादी।
बनाम
कामता टेलर्स द्वारा प्रो0 कामता पुरानी गुडाही बाजार मौदहा तहसील मौदहा जिला हमीरपुर।
........विपक्षी।
निर्णय
द्वारा- श्री, रामकुमार,पीठासीन अध्यक्ष,
परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद विपक्षी से सिले हुए कपड़े तथा सिलाई का अग्रिम जमा मु01000/- मय 12 ब्याज सहित, आने जाने का खर्चा 600/- तथा मानसिक व शारीरिक कष्ट का मु0 10000/- तथा वाद व्यय दिलाये जाने हेतु विपक्षी के विरूद्ध अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 प्रस्तुत किया है।
परिवाद पत्र में परिवादी का संक्षेप में यह कथन है कि उसने विपक्षी को एक कुर्ता व सदरी सिलाई के लिए दि0 06-12-15 को डाले थे तथा उसकी सिलाई मु0 1000/- रू0 भी उसी दिन भुगतान कर दिया था। विपक्षी द्वारा दि 25-12-15 को कपडे ले जाने कहा गया। वादी का लड़का दि0 25-15-15 को कपड़े लेने गया तो विपक्षी द्वारा कपड़े तैयार न होने के कारण 2-3 दिन बाद कपड़े ले जाने की बात कही। फिर 27-12-15 को वादी का लड़का विपक्षी की दुकान पर गया तो उसने फिर कपड़े तैयार न होने की बात कही। परिवादी के लडके ने नाराजगी जताई, जिस पर विपक्षी द्वारा उससे अपशब्द कहे गये और कपडे भी नहीं दिये। विपक्षी द्वारा परिवादी के साथ अनैतिक व्यापार किया गया है। जिससे परिवादी को मानसिक व शारीरिक कष्ट पहुंचा। इस कारण परिवादी ने वांछित अनुतोष हेतु यह वाद फोरम में दायर किया है।
विपक्षी ने अपना जवाबदावा पेश करके परिवादी को दि0 06-12-15 को कपडें सिलाई करने के लिए देना, मु0 1000/- रू0 सिलाई के जमा करना तथा विपक्षी द्वारा दि0 25-12-15 को कपडे देना स्वीकार किया है तथा यह कथन किया है कि दि0 25-12-15 को परिवादी के कपडे सिलकर तैयार हो गये थे। लेकिन
(2)
कोई लेने नहीं आया। दि0 27-12-15 को परिवादी का लड़का कपड़े लेने आया तो विपक्षी ने उससे रसीद देने को कहा तो उसने रसीद नहीं दिया, तो विपक्षी ने रसीद लाने पर कपड़े देने को कहा। इस पर परिवादी का लडका नाराज हो गया और गालियां देने लगा और इसके बाद कोई कपड़े लेने नहीं आया। विपक्षी द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गई है। परिवादी कोई क्षतिपूर्ति पाने का अधिकारी नहीं है। तथा उसका परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है।
परिवादी ने अभिलेखीय साक्ष्य में सूची न0 4 से 01 अभिलेख तथा स्वयं का शपथपत्र कागज सं0 15 दाखिल किया है।
विपक्षी ने अभिलेखीय साक्ष्य में स्वयं का शपथपत्र कागज सं0 19, साक्षी रामसेवक का शपथपत्र कागज सं0 20 तथा सूची कागज सं0 25 के साथ रसीद दि0 06-12-15 दाखिल किया है।
परिवादी तथा विपक्षी के विद्वान अधिवक्तागण की बहस विस्तार से सुना तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त अभिलेखीय साक्ष्य का भलीभॉति परिशीलन किया।
उपरोक्त के विवेचन से स्पष्ट है कि परिवादी प्रकाश नारायन दिवेदी ने विपक्षी कामता टेलर से कुर्ता व सदरी सिलवाने के लिए उसे दि0 06-12-15 को कपड़े दिये। कामता टेलर द्वारा मांगी गयी मजदूरी रुपया 1000/- का भुगतान भी उसने कपडा देते समय ही कर दिया। परन्तु कपड़े देने के दि0 25-12-15 को वह कपड़े लेने नहीं पहुंचा। दि0 27-12-15 को उसका लड़का आदित्य अपने दोस्त सन्तोष गुप्ता के साथ कामता टेलर की दुकान पर गये और कपडे देने के लिए उससे कहा तो कामता द्वारा उससे रसीद मांगी गई। जो कामता टेलर ने कपडे लेकर प्रकाश नारायण दिवेदी को दी थी। परन्तु आदित्य उसे रसीद नहीं दे पाया। इसलिए कामता ने कपडे बिना रसीद दिखाये देने से मना कर दिया। जो कि स्वाभाविक है। क्योंकि कामता टेलर ने उस दिन से पहले आदित्य व सन्तोष गुप्ता को कभी नहीं देखा था। बिना रसीद प्राप्त किए कपडे देने से मना करने पर आदित्य तथा सन्तोष गुप्ता ने कामता टेलर के साथ दुर्व्यवहार किया और धमकी देकर चले गए। परिवादी कपडे देने के बाद आज तक न तो विपक्षी की दुकान पर आया न ही फोरम के समय उपस्थित हुआ। बल्कि अधिवक्ता के माध्यम से वांछित अनुतोष हेतु यह परिवाद प्रस्तुत किया है। विपक्षी स्वयं फोरम में दि0 14-09-16 को उपस्थित आया तथा प्रा0पत्र कागज सं0 23 प्रस्तुत किया कि वह सिले हुए कपडे लेकर आया है। उसे परिवादी अथवा परिवादी के अधिवक्ता उसके द्वारा जारी रसीद को उपलब्ध करा दी जावे, तो वह कपडे देने को तैयार है। फोरम ने एक सिला कुर्ता व सदरी परिवादी के अधिवक्ता को दिला दिया है।
(3)
परिवादी ने प्रकाश नारायम दिवेदी के नाम से परिवाद पत्र पेश किया है। जबकि कपडे देते समय उसने विपक्षी से अपना नाम व्यास जी निवासी रैपुरा बांदा बताया था। विपक्षी द्वारा रसीद की कार्बन प्रतिलिपि दाखिल की गई है। जो कागज सं0 13 है। इसमें स्पष्ट रूप से शर्त न0 1 यह लिखी है ‘‘कि कपडा प्राप्त करने हेतु पर्ची लाना आवश्यक है।’’ परिवादी ऐसा कोई साक्ष्य देने में असफल रहा जिससे यह साबित होता हो कि परिवादी को व्यास जी भी कहते है। परिवादी ने बिना किसी पर्याप्त आधार के दावा दायर किया है। चूंकि विपक्षी ने परिवादी के अधिवक्ता को सिले हुए कपडे दे दिया। इसलिए अब कोई विवाद शेष नहीं है। तदनुसार परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है।
-आदेश-
परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद खारिज किया जाता है। उभय पक्ष खर्चा मुकदमा अपना-अपना वहन करेंगे।
(हुमैरा फात्मा) (रामकुमार)
सदस्या अध्यक्ष
यह निर्णय आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित व दिनांकित करके उद्घोषित किया गया।
(हुमैरा फात्मा) (रामकुमार)
सदस्या अध्यक्ष