Uttar Pradesh

StateCommission

A/521/2019

Tata Motors Ltd - Complainant(s)

Versus

Kamlesh Kumar - Opp.Party(s)

Rajesh Chadha

15 Feb 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/521/2019
( Date of Filing : 22 Apr 2019 )
(Arisen out of Order Dated 19/03/2019 in Case No. C/262/2012 of District Kanpur Nagar)
 
1. Tata Motors Ltd
Deva Road Chinhat Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Kamlesh Kumar
S/O Shri Banwari Lal R/O Village andPost mehraha Tehsil Bindki Distt. Fatehpur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 15 Feb 2023
Final Order / Judgement

( मौखिक )

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

अपील संख्‍या: 521/219

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, कानुपर नगर द्वारा परिवाद संख्‍या- 262/2012 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 19-03-2019 के विरूद्ध)

 

  1. टाटा मोटर्स लि0, देवां रोड चिनहट लखनऊ
  2. कैलाश मोटर्स 84/105 जी०टी० रोड, कानपुर द्वारा मैनेजर।

                                                              अपीलार्थीगण

                      बनाम

कमलेश कुमार पुत्र श्री बनवारी लाल निवासी- ग्राम व पोस्‍ट महरहा तहसील बिन्‍दकी जिला फतेहपुर।

                                                                                    प्रत्‍यर्थी

समक्ष  :-

     माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

    

      उपस्थिति :

      अपीलार्थी की ओर से – विद्वान अधिवक्‍ता श्री राजेश चड्ढा

     प्रत्‍यर्थी की ओर से – कोई नहीं

    

     दिनांक :15-02-2023

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

  •  

     प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी टाटा मोटर्स लि0 द्वारा विद्वान जिला आयोग, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्‍या- 262/2012 कमलेश कुमार बनाम कैलाश मोटर्स एक अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनां‍क- 19-03-2019 के विरूद्ध उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत इस आयोग के सम्‍मुख योजित की गयी है।

 

 

2

वाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा अपने जीवन के भरण-पोषण हेतु एक वाहन टाटा मैजिक- यू०पी० 77-एन-4757 दिनांक 30-09-2009 को क्रय किया गया था जिस हेतु परिवादी द्वारा 1,25,000/-रू० नकद जमा किया गया था और रू० 2,00,000/- का फाइनेंस विपक्षी संख्‍या-2 टाटा मोटर्स लि0 से कराया गया था जिसकी मासिक किस्‍त 11,250/-रू० थी।

परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का कथन है कि प्रश्‍नगत वाहन दो माह चलने के बाद उसके टायर चटकने लगे जिससे परिवादी वाहन नहीं चला सका। इसकी शिकायत विपक्षी संख्‍या-1 की गयी तो विपक्षी द्वारा कहा गया कि वाहन को कैलाश मोटर्स लि0 की वर्कशाप पर कानपुर में जमा करा दें। इस पर परिवादी द्वारा वाहन के चारो टायर को वर्कशाप में जमा करा दिया गया और वाहन को ईंटों के सहारे खड़ा कर दिया गया। इसके पश्‍चात परिवादी लगातार वर्कशाप पर जाता रहा परन्‍तु परन्‍तु टायर बदलकर दिये जाने का केवल आश्‍वासन दिया जाता रहा। परिवादी का प्रश्‍नगत वाहन लगातार धूप में खड़े रहने के कारण क्षतिग्रस्‍त हो गया जिससे परिवादी को 3,50,000/-रू० की क्षति कारित हुयी जिस हेतु परिवाद जिला आयोग के समक्ष योजित किया गया।

विपक्षी संख्‍या-1 की ओर से कहा गया है कि टायर निर्माता कम्‍पनी द्वारा 2,942/-रू० का क्‍लेम स्‍वीकृत किया गया था जिसका चेक दिनांक 20-07-2012 को परिवादी को पत्र दिनांक 20-07-2012 के साथ पंजीकृत डाक से भेजा गया था जो परिवादी द्वारा प्राप्‍त किया गया था और पुन: वापस विपक्षी संख्‍या-1 को भेज दिया गया था। परिवादी को इस आशय का पत्र भेजा गया था कि निर्माता कम्‍पनी

3

 

द्वारा प्रश्‍नगत टायरों के बावत क्‍लेम रू० 1442+1500 स्‍वीकृत किया गया है जिसे परिवादी आकर प्राप्‍त कर लें, परन्‍तु परिवादी द्वारा उक्‍त धनराशि लेने से इन्‍कार कर दिया गया। अत: विपक्षीगण द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है।

विद्वान जिला आयोग द्वारा परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया गया है:-

"परिवादी का प्रस्‍तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंशिक रूप से इस आशय से स्‍वीकार किया जाता है कि प्रस्‍तुत निर्णय/आदेश पारित करने के 30 दिन के अन्‍दर विपक्षीगण परिवादी को प्रश्‍नगत वाहन के टायरों की जो भी कीमत वाहन क्रय करने के समय थी, उक्‍त कीमत मय 08 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से वाहन क्रय करने की तिथि से तायूम वसूली अदा करें तथा 5000/-रू० परिवाद व्‍यय परिवादी को अदा करें। विपक्षीगण परिवादी को मानसिक, आर्थिक व शारीरिक क्षतिपूर्ति के लिए एकमुश्‍त 50,000/-रू० भी अदा करें।"

जिला आयोग के निर्णय से क्षुब्‍ध होकर विपक्षीगण द्वारा प्रस्‍तुत अपील योजित की गयी है।

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री राजेश चड्ढा उपस्थित हुए। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

मेरे द्वारा विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का अवलोकन किया गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का सम्‍यक रूप से परिशीलन किया गया।

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विद्वान जिला आयोग ने प्रश्‍नगत वाहन के टायरों की कीमत वाहन क्रय किये जाने के समय जो थी उक्‍त कीमत 08 प्रतिशत वार्षिक की दर से दिलाए जाने हेतु आदेशित किया है जो उचित है परन्‍तु जिला आयोग द्वारा जो मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक क्षतिपूर्ति हेतु जो 50,000/-रू० दिलाये जाने हेतु विपक्षीगण को आदेशित किया गया है उसे अपास्‍त किया जाता है। जिला आयोग द्वारा जो 5000/-रू० वाद व्‍यय के रूप में अदा करने हेतु विपक्षीगण को आदेशित किया है वह उचित है तदनुसार प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

आदेश

      प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है और विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय और आदेश को संशोधित करते

परिवादी को विपक्षीगण से जो मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक क्षतिपूर्ति हेतु 50,000/-रू० दिलाये जाने हेतु आदेशित किया है उसे अपास्‍त किया जाता है। जिला आयोग द्वारा जो 5000/-रू० वाद व्‍यय के रूप में अदा करने हेतु विपक्षीगण को आदेशित किया है वह यथावत रहेगा। शेष निर्णय की पुष्टि की जाती है।

    अपीलार्थी द्वारा अपील में धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत जमा की गयी धनराशि 25,000/-रू० विधि अनुसार निस्‍तारण हेतु जिला आयोग को प्रेषित की जावे।

        आशुलि‍पिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

    

               (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                          

                                 अध्‍यक्ष                                        

      

 

            कृष्‍णा–आशु0 कोर्ट नं0 1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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