Chhattisgarh

Janjgir-Champa

CC/13/29

SHRI ASHUL JAISWAL - Complainant(s)

Versus

KAMLASHREE AUTOMOBILE - Opp.Party(s)

SHRI S.K. SHARMA

10 Apr 2015

ORDER

District Consumer Dispute Redressal Forum
Janjgir-Champa
Judgement
 
Complaint Case No. CC/13/29
 
1. SHRI ASHUL JAISWAL
PURANI BASTI AKALTARA THANA AKALTARA
JANJGIR-CHAMPA
CHHATTISGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. KAMLASHREE AUTOMOBILE
MOPAKA
BILASPUR
CHHATTISGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK PRESIDENT
 HON'BLE MR. MANISHANKAR GAURAHA MEMBER
 HON'BLE MRS. SHASHI RATHORE MEMBER
 
For the Complainant:
SELF
 
For the Opp. Party:
ABSENT
 
ORDER

// जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोषण फोरम, जांजगीर.ग.//

 

                                     प्रकरण क्रमांक cc/2013/29

                                   प्रस्‍तुति दिनांक 13/12/2013

 

अंशुल जायसवाल,

पिता जी0पी0जायसवाल,

पुरानी बस्‍ती अकलतरा, थाना व तहसील अकलतरा

 जिला जांजगीर चांपा छ0ग0                                                       ......आवेदक/परिवादी

                   विरूद्ध

 

 संचालक,

 कमला श्री ऑटोमोबाईल,

 मोपका जिला बिलासपुर छ0ग0        ........अनावेदकगण/विरोधीपक्षकार

 

                       आदेश

             (आज दिनांक 10/04/2015 को पारित)

 

१. आवेदक अंशुल जायसवाल ने उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदक के विरूद्ध सेवा में कमी के आधार पर पेश किया है और अनावेदक से 17,284/. रूपये की राशि ब्‍याज एवं क्षतिपूर्ति के साथ दिलाए जाने का निवेदन किया है ।

2. परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक, अनावेदक से बीमा कराए गए वाहन क्रमांक सी0जी0 11 ई0 1658  क्रय किया था, जिसका ए0सी0प्रारंभ से ही खराब था, साथ ही उक्‍त वाहन के दुर्घटनाग्रस्‍त होने पर उसे दिनांक 13/08/2013 को अनावेदक के पास मरम्‍मत के लिए भेजा, जहां अनावेदक द्वारा उससे बीमा कंपनी द्वारा आंकलित राशि से 17,284/- रूपये की राशि अधिक वसूल किया गया, जिसे वापस करने के निवेदन के बाद भी अनावेदक द्वारा अदा नहीं किया गया, फलस्‍वरूप उसने यह परिवाद पेश करना बताया है

3. अनावेदक मामले में पूर्व से एकपक्षीय रहा, उसके लिए कोई जवाबदावा दाखिल नहीं किया गया है ।

4. आवेदक अधिवक्‍ता का तर्क सुन लिया गया है । प्रकरण का अवलोकन किया गया ।

5. देखना यह है कि क्‍या आवेदक, अनावेदक से वांछित अनुतोष प्राप्‍त करने की अधिकारी है

                    सकारण निष्‍कर्ष

6. आवेदक के परिवाद के अवलोकन से यह स्‍पष्‍ट होता है कि अनावेदक न तो इस फोरम के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत निवास करता है न व्‍यवसाय करता है और न ही उसका कोई शाखा कार्यालय स्थित है । इसके अलावा परिवाद के तथ्‍य से यह भी स्‍पष्‍ट नहीं होता कि इस फोरम के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आवेदक को अनावेदक के विरूद्ध कोई वादकारण उत्‍पन्‍न हुआ, जबकि यह सुनिश्चित स्थिति है कि उपभोक्‍ता संरक्षण अधि‍नियम के अंतर्गत परिवाद वहां संस्थित किया जा सकता है जहां कि अनावेदक निवास करता है अथवा व्‍यवसाय करता है अथवा जहां उसका शाखा कार्यालय स्थित हो। इसके अलावा परिवाद वहां भी संस्थित किया जा सकता है जहां कि वादकारण उत्‍पन्‍न हुआ हो, किंतु उपरोक्‍त में से कोई भी चीज इस फोरम के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत नहीं ।

7. अत: क्षेत्राधिकार के अभाव के कारण आवेदक का परिवाद निरस्‍त किया जाता है, उसे सलाह दी जाती है कि वह चाहे तो अपने अनुतोष प्राप्ति के लिए सक्षम क्षेत्राधिकार वाले फोरम के समक्ष कार्यवाही कर सकता है।

      आदेश पारित

                                                                

                   (अशोक कुमार पाठक)                     (श्रीमती शशि राठौर)                       (मणिशंकर गौरहा)

                             अध्‍यक्ष                                         सदस्‍य                                              सदस्‍य            

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. MANISHANKAR GAURAHA]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. SHASHI RATHORE]
MEMBER

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