Uttar Pradesh

StateCommission

A/1259/2018

MahIndra and Mahindra Ltd (Two Wheelers Division) - Complainant(s)

Versus

Kamal Singh - Opp.Party(s)

Subham Tripathi

02 Mar 2021

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1259/2018
( Date of Filing : 03 Jul 2018 )
(Arisen out of Order Dated 23/04/2018 in Case No. C/35/2016 of District Muradabad-I)
 
1. MahIndra and Mahindra Ltd (Two Wheelers Division)
Corporate Office At D-1 Block Plot No. 18/2 (Part) MIDC Chinchwad Pune
...........Appellant(s)
Versus
1. Kamal Singh
S/O Shri Atar Singh R/O H.No. C-1/104 Aashiyana Phase II MDA City Distt. Moradabad
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 02 Mar 2021
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-1259/2018

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, प्रथम मुरादाबाद द्धारा परिवाद सं0-35/2016 में पारित आदेश दिनांक 23.4.2018 के विरूद्ध)

महिन्‍द्रा एण्‍ड महिन्‍द्रा लिमिटेड, (टू व्‍हीलर्स डिवीजन) डी-1, ब्‍लॉक प्‍लॉट नं0-18/2, (पार्ट) एमआईडीसी चिंचबार्ड-पूणे।

                                              ........... अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम         

1- कमल सिंह उम्र करीब 40 वर्ष, पुत्र श्री अतर सिंह, निवासी म0नं0-सी-1/104 आशियाना फेज दि्वतीय एमडीए शहर व जिला मुरादाबाद।

       …….. प्रत्‍यर्थी/परिवादी

2- मैसर्स अग्रवाल आटो, मझोली चौराहा, दिल्‍ली रोड़, तहसील व जिला मुरादाबाद द्वारा प्रोपराइटर/मालिक।

3- मैसर्स अरोरा एण्‍ड सन्‍स, केन सोसाइटी के सामने, सिविल लाइंस, तहसील व जिला रामपुर द्वारा प्रोपराइटर/मालिक।

       …….. प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष            

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता                    :- श्री शुभम त्रिपाठी

प्रत्‍यर्थी सं0-1 के अधिवक्‍ता         :- श्री इस्‍तेखार हसन

प्रत्‍यर्थी सं0-2 और 3 के अधिवक्‍ता    :- कोई नहीं।

दिनांक :-14-7-2021

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील इस आयोग के सम्‍मुख अपीलार्थी सर्व श्री महिन्‍द्रा एण्‍ड महिन्‍द्रा कम्‍पनी लिमिटेड द्वारा जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम मुरादाबाद द्वारा परिवाद सं0-35/2016 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 23.4.2018 के विरूद्ध दाखिल की गई है।

 उपरोक्‍त निर्णय/आदेश दिनांक 23.4.2018 द्वारा विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग, प्रथम मुरादाबाद ने प्रत्‍यर्थी सं0-1/परिवादी कमल सिंह द्वारा

-2-

योजित परिवाद सं0-35/2016 को स्‍वीकार किया तथा विपक्षी सं0-1 व 2 को आदेशित किया कि वे प्रश्‍नगत स्‍कूटर जो कि परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-1 व 2 के व्‍यवसायिक स्‍थल से खरीदा गया था कि कीमत अंकन 46,000.00 रू0 मय 09 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज दौरान मुकदमा तावसूली तथा अंकन रू0 20,000.00  क्षतिपूर्ति व वाद व्‍यय परिवादी को अदा करे।

मेरे द्वारा अपीलार्थी सर्व श्री महिन्‍द्रा एण्‍ड महिन्‍द्रा की ओर से उपस्थित विद्वान अधिावक्‍ता श्री शुभम त्रिपाठी को विस्‍तृत रूप से सुना। विपक्षी सं0-1 परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री इस्‍तेखार हसन को भी सुना तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध प्रपत्रों का परिशीलन किया गया।

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार है कि प्रत्‍यर्थी सं0-1/कमल सिंह द्वारा प्रत्‍यर्थी सं0-2 के प्रतिष्‍ठान से अपीलार्थी कम्‍पनी द्वारा निर्मित महिन्‍द्रा डयूरो स्‍कूटर दिनांक 12.11.2013 को कुल रू0 46,000.00 रू0 में खरीदा। आरम्‍भ से ही स्‍कूटर ठीक नहीं चल रहा था। प्रत्‍यर्थी सं0-1/कमल सिंह ने दिनांक 08.1.2014 को प्रत्‍यर्थी सं0-2 से उसकी पहली सर्विस करायी, लेकिन सर्विस के बाद भी स्‍कूटर ठीक से नहीं चल रहा था तथा दो सवारियों के बैठने पर उससे काफी धुआं निकलता था। प्रत्‍यर्थी सं0-1/कमल सिंह द्वारा पुन: दिनांक 20.5.2015 को प्रत्‍यर्थी सं0-2 के प्रतिष्‍ठान पर फ्री सर्विस के लिए गया, तब प्रत्‍यर्थी सं0-2 ने 9,000.00 रू0 का खर्चा बताया और 3,000.00 रू0 एडवांस जमा करवा लिये फिर भी प्रत्‍यर्थी सं0-2 का मैकेनिक उक्‍त स्‍कूटर को ठीक नहीं कर सका। प्रत्‍यर्थी सं0-1/कमल सिंह ने टोल फ्री नंबर पर शिकायत की लेकिन अपीलार्थी द्वारा कोई जवाब नहीं मिला। प्रत्‍यर्थी सं0-2 ने अपीलार्थी की डीलरशिप कुछ दिन चलाकर अपना प्रतिष्‍ठान बन्‍द कर दिया। प्रत्‍यर्थी सं0-1/कमल सिंह प्रत्‍यर्थी सं0-3 के सर्विस सेंटर रामपुर गया परन्‍तु वहॉ भी कोई कुशल मैकेनिक न उपलब्‍ध होने की वजह से स्‍कूटर ठीक नहीं हो पाया। अत:

-3-

स्‍कूटर अब भी बन्‍द पड़ा है। प्रत्‍यर्थी सं0-1/कमल सिंह ने अपीलार्थी व प्रत्‍यर्थी सं0-2 को नोटिस भी दिया, जिसका उनके द्वारा कोई उत्‍तर नहीं दिया गया और न ही स्‍कूटर ही बदलकर नया स्‍कूटर दिया गया और न ही उसकी कीमत वापस की गई। उपरोक्‍त घटना के उपरांत प्रस्‍तुत अपील में प्रत्‍यर्थी सं0-1 कमल सिंह द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग, प्रथम मुरादाबाद के सम्‍मुख परिवाद सं0-35/2016 प्रस्‍तुत किया गया। प्रत्‍यर्थी सं0-1/कमल सिंह द्वारा परिवाद पत्र में जिला उपभोक्‍ता आयोग से निम्‍न अनुतोष प्रदान करने की प्रार्थना की गई:-

  1. यह कि विपक्षीगण को आदेशित किया जावेकि वह मा0 फोरम द्वारा निर्धारित अवधि के भीतर परिवादी को पुरानी व खराब स्‍कूटर के बदले कीमत रूपये 46,000.00 मय ब्‍याज 18 प्रतिशत वार्षिक दिनांक 12.11.2013 से तावसूलयाबी दिलायी जावे।
  2. यह कि परिवादी को विपक्षीगण से बतौर मानसिक क्षतिपूर्ति अंकन रूपये 30,000.00 तथा वाद व्‍यय व अधिवक्‍ता शुल्‍क के तौर पर अंकन रूपये 5,000.00 दिलाये जाये।
  3. यह कि अन्‍य कोई अनुतोष जो मा0 फोरम की नजर में उचित हो परिवादी के हित में हो विपक्षीगण से परिवादी को दिलाया जावे।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा दिनांक 23.4.2018 के निर्णय/आदेश द्वारा उपरोक्‍त परिवाद परिवादी के पक्ष में एवं विपक्षी सं0-1 व 2 के विरूद्ध आंशिक रूप से स्‍वीकार किया गया तथा विपक्षी सं0-1 व 2 को आदेशित किया गया कि वे प्रश्‍नगत स्‍कूटर की कीमत अंकन रू0 46,000.00 मय 09 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज दौरान मुकदमा तावसूली तथा अंकन रू0 20,000.00  क्षतिपूर्ति व वाद व्‍यय परिवादी को अदा करें।

उपरोक्‍त जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 23.4.2018 के विरूद्ध प्रस्‍तुत अपील अपीलार्थी सर्व श्री महिन्‍द्रा एण्‍ड महिन्‍द्रा

-4-

लिमिटेड जो कि जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख विपक्षी सं0-1 है, के द्वारा योजित की गई है।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह कथन किया गया कि अपीलार्थी कम्‍पनी एक नामी कम्‍पनी है तथा यह कि कम्‍पनी द्वारा निर्मित समस्‍त स्‍कूटर व वाहन कम्‍पनी की फैक्‍ट्री से पूरी तरह चेक होने के उपरांत तथा कम्‍पनी के इंजीनियर्स व जानकार कर्मचारियों के द्वारा संस्‍तुति प्रदान करने के उपरांत ही डीलर के पास भेजे जाते हैं तथा यह कि कम्‍पनी के डीलर का भी यह दायित्‍व बनता है कि वे उपरोक्‍त स्‍कूटर को अपने प्रतिष्‍ठान में चेक करने के उपरांत ही क्रेता को बेचे। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा कथन किया गया कि वास्‍तव में विवादित स्‍कूटर में कोई निर्माण दोष नहीं था तथा यह कि अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 द्वारा नामित सर्विस सेंटर में स्‍कूटर की सर्विस न कराकर कही और सर्विस इत्‍यादि करायी गई, जिसकी वजह से उक्‍त स्‍कूटर में कमियॉ परिलक्षित हुई, अत्एव उक्‍त कृत्‍य के लिए अपीलार्थी कम्‍पनी का कोई दोष नहीं है।

प्रत्‍यर्थी सं0-1/कमल सिंह के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा अपने तर्क के समर्थन में परिवाद पत्र में वर्णित तथ्‍यों को दोहराया गया तथा यह भी इंगित किया गया कि अपीलार्थी कम्‍पनी द्वारा स्‍वयं उपरोक्‍त स्‍कूटर का निर्माण कुछ वर्ष में समाप्‍त कर दिया गया तथा यह कि प्रत्‍यर्थी सं0-2 अर्थात अपीलार्थी कम्‍पनी का नामित डीलर भी अपने प्रतिष्‍ठान को बन्‍द करके अपने दायित्‍व को निर्वहित करने में असमर्थ रहा।

मेरे द्वारा प्रत्‍यर्थी सं0-1/कमल सिंह द्वारा वर्णित परिवाद पत्र जो कि जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रस्‍तुत किया गया, का सम्‍यक परिशीलन किया गया। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना तथा प्रत्‍यर्थी सं0-1 की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना।

-5-

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 23.4.2018 का परिशीलन किया गया तथा यह पाया गया कि प्रत्‍यर्थी सं0-1/कमल सिंह अर्थात स्‍कूटर क्रेता की ओर से जो कथन किया गया है, उसमें सम्‍यक बल है। यह निर्विवाद है कि अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा निर्मित महिन्‍द्रा डयूरो स्‍कूटर अपीलार्थी कम्‍पनी द्वारा निर्माण किया जाना बन्‍द किया जा चुका है, जिसका एक ही कारण प्रतीत होता है कि वे बाजार में विक्रय नहीं हो रहा था तथा उसमें अनेकों निर्माण की खामियॉ परिलक्षित हुई, इस तथ्‍य का समर्थन प्रत्‍यर्थी सं0-2 जो कि अपीलार्थी का नामित डीलर था, के द्वारा अपने प्रतिष्‍ठान/शोरूम का बन्‍द किया जाना भी है। यहॉ यह भी कहना समीचीन होगा कि जब निर्माता कम्‍पनी अथवा उसके द्वारा नामित डीलर के मैकेनिक स्‍वयं निर्मित वस्‍तु की कमियों के बारे में अंजान है अर्थात वे उसका समुचित हल नहीं निकाल सकते तो उस दशा में क्रेता को किसी भी रूप में दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा अपने आदेश में परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए परिवाद में विपक्षी सं0-1 व 2 को जो आदेश दिया गया है, वह पूर्णत: उचित है। चूंकि प्रत्‍यर्थी सं0-1/कमल सिंह क्रेता द्वारा इस आयोग के सम्‍मुख उपरोक्‍त निर्णय/आदेश दिनांक 23.4.2018 के विरूद्ध कोई अपील योजित नहीं की गई है, अत्एव मेरे विचार से उक्‍त आदेश में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन किया जाना उचित नहीं होगा। अन्‍यथा की स्थिति में प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त करते हुए मैं यह उचित समझता हॅू कि प्रत्‍यर्थी सं0-1/कमल सिंह को इस अपील में वाद व्‍यय के रूप में हर्जाना रू0 20,000.00 (बीस हजार रूपये) अपीलार्थी से और दिलाया जाना उचित होगा। अत्एव विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 23.4.2018 का अनुपालन अपीलार्थी द्वारा दो माह की अवधि में किया जाना

-6-

सुनिश्चित किया जावे, साथ ही इस न्‍यायालय द्वारा आदेशित रू0 20,000.00 (बीस हजार रूपये) प्रत्‍यर्थी सं0-1/कमल सिंह क्रेता को दो माह की अवधि में अपीलार्थी द्वारा प्रदान किया जावेगा। तद्नुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की बेवसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

                                        (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                

                                           अध्‍यक्ष                                                                                                                      

 

हरीश आशु.,

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.