Rajasthan

Ajmer

CC/307/2013

SHRUTIKA GAUR - Complainant(s)

Versus

KAMAL RADIO AND MOBILE - Opp.Party(s)

ADV S.P GANDHI

26 Sep 2014

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/307/2013
 
1. SHRUTIKA GAUR
AJMER
 
BEFORE: 
  Gautam prakesh sharma PRESIDENT
  vijendra kumar mehta MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण         अजमेर


श्रुतिका गौड पुत्री श्री जे.पी. षर्मा, 615/2, गली नं.1,गीता काॅलोनी, फाॅयसागर रोड, अजमेर ।
                                                         प्रार्थीया

                            बनाम

1.    कमल रेडियो एण्ड मोबाईल, के.ई.एम रेस्ट हाउस के सामने, स्टेषन रोड, अजमेर -305001
2.   मारूति एण्टरप्राईजेज, अधिकृत स्पाईस सर्विस सेन्टर, डी-90, कायस्थ काॅलोनी, गली नं.4, अजमेर -305001
3.   बजाज टेलीकाॅम स्पाईस अधिकृत स्पाईस सर्विस सेन्टर, 181/23, आर्यसमाज रोड, केसरगंज, अजमेर -305001
4.    स्पाईस मोबाईलिटी लिमिटेड, ग्लोबल नाॅलेज पार्क, 19-ए व 19 -बी, सेक्टर-125, नोएड, उत्तरप्रदेष- 201301
                                                        अप्रार्थीगण
                    परिवाद संख्या 307/2013

                            समक्ष
                   1.  गौतम प्रकाष षर्मा    अध्यक्ष
            2. विजेन्द्र कुमार मेहता   सदस्य
                   3. श्रीमती ज्योति डोसी   सदस्या
                           उपस्थिति
                  1.श्री सूर्यप्रकाष गांधी,  अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री गंगाधर,  अधिवक्ता अप्रार्थी सं.1
                  3. श्री ओम नारायण पालडिया,  अधिवक्ता अप्रार्थी सं.4
                  4. अप्रार्थी संख्या  2 व 3 की ओर से कोई उपस्थित नहीं
 
                              
मंच द्वारा           :ः- आदेष:ः-      दिनांकः- 30.10.2014

1.             परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि   प्रार्थीया ने दिनंाक 
29.7.2012 को अप्रार्थी संख्या 4 द्वारा निर्मित स्पाईस मोबाईल माॅडल नं. एमआई 350 एन  अप्रार्थी संख्या 1 से जरिए बिल संख्या 11684 रू. 7900/- में क्रय किया ।  क्रय किए गए मोबाईल सेट के कैमरे द्वारा कार्य नहीं किए जाने के कारण उसने अप्रार्थी संख्या 1 से इस बाबत् षिकायत की  जिस पर उसकी सलाहनुसार उसने अप्रार्थी संख्या 2 के यहां उक्त सेट को  दिखाया  तो  अप्रार्थी ने दिनांक 18.10.2012 को  उक्त सेट के स्थान पर दूसरा सेट संख्या एमआई 415 दे दिया । उक्त सेट भी  खराब था  जिसे उसने अप्रार्थी के सर्विस सेन्टर बालाजी टेलीकाॅम पर जमा कराया जिसका जाॅब कार्ड  दिनांक 21.3.2013 का बनाया । सेट जमा कराए जाने के बाद जब उसे दुरूस्त करके नहीं लौटाया तो उसने पत्र दिनांक 21.4.2013 के उक्त सेट की कीमत लौटाने की मांग की  जिस पर दिनांक 7.5.2012 को उक्त सेट दुरूस्त करके लौटाया  लेकिन सेट में वही खराबी बरकरार रही ।  जिसे पुनः दिनांक 8.5.2013 को  सर्विस सेन्टर पर ठीक होने के लिए जमा कराया गया जिसे दुरूस्त करके नहीं लौटाए जाने पर दिनांक 6.5.2013 के  रजिस्टर्ड पत्र द्वारा अप्रार्थी संख्या 4 से  मोबाईल की कीमत राषि व क्षतिपूर्ति की मांग की  लेकिन अप्रार्थीगण ने न तो प्रार्थीया का मोबाईल ठीक किया और ना ही नया मोबाईल या उसकी कीमत अदा की । प्रार्थीया ने परिवाद पेष करते हुए उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की मांग की है । 
2.    अप्रार्थी संख्या 1 ने परिवाद का उत्तर प्रस्तुत करते हुए प्रार्थीया द्वारा  परिवाद की चरण संख्या 1 में वर्णित हैण्ड सेट क्रय किए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए दर्षाया है कि प्रषनगत हैण्ड सेट का कैमरा ठीक न होने पर उसे सर्विस सेन्टर  पर भेजा गया । आगे परिवाद में अन्य तथ्यों को उससे संबंधित न होने बतलाते हुए परिवाद खारिज किए जाने की प्रार्थना की है । 
3.    अप्रार्थी संख्या 2 व 3 बावजूद नोटिस तामिल  के अनुपस्थित रहने पर उनके विरूद्व एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई । 
4.        अप्रार्थी संख्या 4 ने जवाब प्रस्तुत किया जिसमें प्रारम्भिक आपत्तियाॅं उठाई गई तथा परिवाद का चरणवार जवाब प्रस्तुत करते हुए दर्षाया कि प्रार्थीया के इस  मोबाईल हैण्ड सेट के बारे में किसी तरह की सेवा में कमी सिद्व नहीं हो रही है ।  सेट खराब हुआ तब उसे अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा बदला गया है । तत्पष्चात् सेट पुनः खराब हुआ तब उसे दुरूस्त कर दिया गया और प्रार्थीया का सेट अब दुरूस्त किया हुआ अप्रार्थी के सर्विस सेन्टर पर पडा हुआ  है लेकिन प्रार्थीया  इस हैण्ड सेट को प्राप्त नहीं कर सेट की कीमत प्राप्त करने पर अडी हुई है । परिवाद खारिज होने योग्य बतलाया । 
5.         जहां तक प्रार्थीया ने परिवाद में वर्णित मोबाईल अप्रार्थी से क्रय किया , के संबंध में अप्रार्थी संख्या 1 के जवाब को देखने से यह तथ्य स्वीकृतषुदा है । अब हमारे समक्ष निर्णय हेतु यही बिन्दु है कि क्या प्रार्थीया द्वारा क्रय किए गए इस हैण्ड सेट के कैमरे ने काम करना बन्द कर दिया ? एवं  हैण्ड सेट बार बार खराब हुआ  जिसे अप्रार्थी संख्या 1 व 4 द्वारा न तो दुरूस्त किया गया ओर ना ही नया सेट प्रार्थीया को दिया गया और ना ही सेट की राषि अदा की गई । अतः क्या अप्रार्थी संख्या 1 व 4 के विरूद्व सेवा में कमी का बिन्दु सिद्व है ?

6.    उपरोक्त निर्णय बिन्दु के संबंध में अधिवक्ता पक्षकारान की बहस सुनी गई । परिवाद की चरण संख्या 1 में प्रार्थीया ने यह सेट दिनंाक 29.7.2013 को कय करना बतलाया है । सम्भवतः यह तथ्य सहवन से लिखा गया है क्योंकि परिवाद में सलग्न बिल दिनांक 29.7.2012 का है एवं यह सेट दिनंाक 18.10.212 को खराब हुआ ।  ऐसा वर्णन परिवाद की चरण संख्या 2 में भी है । अतः प्रार्थीया ने यह सेट दिनंाक 29.7.2013 को क्रय नहीं कर दिनांक 29.7.12 को क्रय किया  एवं सेट का कैमरा दिनंाक 18.10.2012 को ही खराब हुआ जिसे दुरूस्त करने हेतु प्रार्थीया ने अप्रार्थी संख्या 1 को दिया जिसके द्वारा यह सेट अप्रार्थी सख्या 2 को भेजा गया एवं प्रार्थीया को उक्त सेट की जगह नया सेट दे दिया गया लेकिन उक्त सेट भी खराब था जिसे प्रार्थीया द्वारा दिनांक 21.3.2013 को अप्रार्थी संख्या 4 के सर्विस सेन्टर पर दिया गया  उक्त सेट ठीक करके नहीं दिए जाने पर प्रार्थीया द्वारा दिनांक 21.4.2013 को अप्रार्थी संख्या 1 व 4 को पत्र लिखा जो अप्रार्थी संख्या 1 ने तो प्राप्त कर लिया लेकिन अप्रार्थी संख्या 4 ने लेने से इन्कार कर दिया । तत्पष्चात दिनाक  7.5.2013 को उक्त सेट दुरूस्त कर प्रार्थीया को लौटाया गया लेकिन सेट में वहीं खराबियां बरकरार रही । यह सेट हैंग होने लग गया  तब प्रार्थीया  द्वारा दिनांक 8.5.2013 को उक्त सेट को अप्रार्थी संख्या 4 के सर्विस  सेन्टर पर जमा करवाया  जो अप्रार्थी द्वारा आज तक प्रार्थीया को नहीं लौटाया गया । इस तरह से प्रार्थीया का कथन है कि अप्रार्थी द्वारा प्रार्थीया को  जो सेट बदल कर दिया गया वह  सेट भी दोषपूर्ण था एवं यही सभी दोष वारण्टी अवधि  में उत्पन्न हुए ।  अतः प्रार्थीया इस सेट की राषि प्राप्त करने की अधिकारणी है । अप्रार्थी संख्या 1 व 4 की ओर से जवाब प्रस्तुत हुए । अप्रार्थी संख्या 2 का कथन रहा है कि प्रार्थीया का सेट तैयार है लेकिन वह जानबूझकर नहीं ले रही हे ।
 
7.    हमने पत्रावली पर उपलब्ध जाॅबषीट दिनंाक 18.10.12, 21.3.13,एवं 
8.5.13,  जो परिवाद के  संलग्न है, को भी देखा । इन सभी जाॅबकार्ड में सेट में जो कमियां है, का वर्णन  दिया हुआ है । इस तरह से प्रार्थीया द्वारा दिनांक 29.07.2012 को क्रय  किया गया हैण्ड सेट  सहीं काम नहीं कर रहा था जिस पर अप्रार्थी 1 द्वारा प्रार्थीया को दूसरा सेट उपलब्ध कराया गया । उक्त सेट में भी खराबियां बरकरार रही है जो अप्रार्थीगण द्वारा आज तक भी दुरूस्त नहीं की है एवं लागातार 3 बार यह सेट खराब हुआ है एवं इन हालत में प्रार्थीया ने इस सेट की कीमत रू. 7523/- की मांग की  है । अप्रार्थी संख्या 2 का कथन रहा है कि प्रार्थीया का सेट दुरूस्त होकर उनके पास है जिसे प्रार्थीया खुद ही नहीं ले जा रही है । अतः इस अप्रार्थी के विरूद्व सेवा में किसी भी तरह का मामला नहीं बन रहा है ।

8.    उपरोक्त विवेचन उपरान्त एवं अप्रार्थीगण के जवाब को दृष्टिगत रखते हुए  हमारे विमन्र  मत में प्रार्थीया प्रष्नगत सेट की कीमत अप्रार्थी संख्या 1 व 4 से  प्राप्त करने की अधिकारणी है क्योंकि  पूर्व में क्रय किया गया सेट खराब था जिसे बदला गया एवं बदला गया सेट भी दिनंाक 21.3.13 को खराब हुआ जिसे सहीं किया गया  किन्तु सेट पुनः खराब हुआ जिसे  दिनंाक 8.5.2013 को  सहीं करने हेतु दिया जिसे दुरूस्त कर प्रार्थीया को लौटाया गया लेकिन यह सेट  पुनः  खराब हो गया  है । इस प्रकार  प्रार्थीया को  विक्रय किया गया सेट  बार बार खराब हो रहा है एवं बार बार उसमें खराबियां उत्पन्न हो रही है । 

9.    उपरोक्त विवेचन से अप्रार्थी संख्या 1 व 4 के विरूद्व सेवा मे ंकमी का बिन्दु प्रार्थीया की ओर से सिद्व हुआ है । अतः  उक्त अप्रार्थीगण के विरूद्व निम्न आदेष प्रसारित किया जाना हम उचित समझते है एवं आदेष है कि                           
                        :ः- आदेष:ः-
10.          (1) प्रार्थीया  अप्रार्थी संख्या 1 व  4 से  संयुक्त व पृथक पृथक रूप से  प्रष्नगत  मोबाईल  हैण्ड सेट की  कीमत राषि .रू 7523/- प्राप्त करने की अधिकारणी होगी।  
        (2) प्रार्थीया अप्रार्थी संख्या 1 व  4 से  संयुक्त व पृथक पृथक रूप से  हर्जा  व वाद व्यय मद में रू. 2000/- भी प्राप्त करने की अधिकारणी होगी। 
            (3) क्रम संख्या 1 व 2 में वर्णित अवार्ड की राषि अप्रार्थी 1 व  3   संयुक्त व पृथक पृथक रूप से प्रार्थीया को इस निर्णय की दिनांक से दो माह के अन्दर अदा करें अथवा अवार्ड राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थीया के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें । 
            (4) दो माह  में आदेषित राषि का भुगतान  नहीं करने पर  प्रार्थीया अप्रार्थी संख्या 1 व 4 से  इस राषि पर  निर्णय की दिनांक से  तादायगी 09 प्रतिषत वार्षिक  दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगी  ।

(विजेन्द्र कुमार मेहता)       (श्रीमती ज्योति डोसी)     (गौतम प्रकाष षर्मा)
            सदस्य                  सदस्या                 अध्यक्ष    
11.        आदेष दिनांक 30.10.2014 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

           सदस्य                   सदस्या                 अध्यक्ष
 
 
                      

 


 


    

 
 
[ Gautam prakesh sharma]
PRESIDENT
 
[ vijendra kumar mehta]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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